लखनऊ: टीईटी पेपर लीक मामले में अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि इस प्रकरण की जांच यूपी एसटीएफ के द्वारा की जाएगी. जो भी दोषी संस्था या व्यक्ति पाया जाएगा उसको बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि दो पालियों में टीईटी की परीक्षा होनी थी जिसमें 19 लाख 99 हजार 418 अभ्यर्थियों को भाग लेना था. सरकार पारदर्शी तरीके से परीक्षा कराना चाहती थी.
अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि यूपी पुलिस ने साल भर से गैंग को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था. अभी तक हम लोगों ने 23 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिन्हें उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों से गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि लखनऊ से चार, मेरठ से तीन, वाराणसी और गोरखपुर में दो व्यक्ति को पकड़ा गया है. कौशांबी से एक व्यक्ति गिरफ्तार हुआ है. प्रयागराज से 13 व्यक्ति गिरफ्तार हुए हैं. इन लोगों के पास से फोटो कॉपी पेपर बरामद हुए हैं. प्रशांत कुमार ने कहा कि जो पेपर उनके पास से बरामद हुए हैं यह वही पेपर से जो परीक्षा में आने थे.
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उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद शासन ने निर्णय लिया है कि परीक्षाएं स्थगित की जाएं. अगले एक महीने में दोबारा परीक्षा कराई जाएंगी. इस परीक्षा में जो भी व्यय आएगा वह सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अपने गंतव्य तक लौटने के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन की बसों में कोई भी पैसा नहीं लगेगा. एडमिट कार्ड से उनको वापस भेजा जाएगा.
वहीं अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने कहा कि कौन सी एजेंसी पेपर करा रही थी, इसके बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी. अभी एजेंसी का नाम लेना उचित नहीं है. बेसिक शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी एजेंसी का चयन करने का और पेपर सेट करने का. उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि हम जल्द ही फिर सो पेपर कराएंगे.