लखनऊः सरकारी सेवक नियमावली का उल्लंघन करने के आरोप में उत्तर प्रदेश सचिवालय में मंगलवार को अपर निजी सचिव के पद पर तैनात अमर सिंह द्वितीय को बर्खास्त कर दिया गया. अमर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा पर आपत्तिजनक एवं गंभीर टिप्पणी की है. इसकी जांच चल रही थी. जांच के उपरांत उन्हें दोषी पाया गया. अपर मुख्य सचिव हेमंत राव ने इनकी बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया है.
बताया जा रहा है कि लोक सेवा आयोग ने भी अमर सिंह की बर्खास्तगी पर मुहर लगा दी है. यह मुद्दा विधानसभा में भी उठाया गया था. अमर सिंह ने मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए लिखा था कि "यूजीसी के नियम से ओबीसी और दलितों के लिए दरवाजे बिल्कुल बंद हो चुके हैं. रामराज्य में मुख्यमंत्री ठाकुर अजय सिंह योगी और डिप्टी सीएम पंडित दिनेश शर्मा ने जातिवाद खत्म करते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय में 52 अपनी जाति के सहायक प्रोफेसर बनाया है".
अमर सिंह ने 2018 में अपर निजी सचिव संवर्ग के वाट्सएप ग्रुप पर सरकार विरोधी आलोचनात्मक संदेश बढ़ाया था. इन पर लगे आरोपों की जांच के लिए नागरिक उड्डयन विभाग के विशेष सचिव सूर्यपाल गंगवार को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था, लेकिन उनकी व्यस्तता के चलते उनके स्थान पर गृह विभाग के विशेष सचिव अभिषेक प्रकाश को नामित किया गया. इसी बीच इनका भी स्थानांतरण हो गया. फिर सतर्कता विभाग के विशेष सचिव अनिल कुमार सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया.
इस दौरान अमर सिंह के विरुद्ध लगाए गए आरोपों की जांच की गई. जांच के दौरान अपचारी कार्मिक को मौखिक रूप से साक्ष्यों को रखने के लिए भी अवसर दिया गया. इसी प्रकार जांच के बाद उन्हें दोषी पाया गया. अब उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है.