लखनऊः त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर प्रदेश भर में तैयारियां तेजी से चल रही हैं. ग्राम प्रधानों के समाप्त हुए कार्यकाल के बाद जहां एक तरफ गांव की सरकार चलाने के लिए प्रशासक नियुक्त किए जा चुके हैं. वहीं अब जिला पंचायत अध्यक्षों का भी कार्यकाल बुधवरा रात 12:00 बजे से समाप्त हो जाएगा.
69 जिलों में डीएम होंगे प्रशासक
ऐसे में उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की तरफ से सभी जिलों में जिलाधिकारियों को प्रशासक नियुक्त किए जाने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इसको लेकर अपर मुख्य सचिव की तरफ से बाकायदा शासनादेश भी जारी किया जा चुका है. 69 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्षों के कार्यकाल समाप्त होने के बाद जिलाधिकारी प्रशासक के रूप में काम करेंगे और जनहित से जुड़े विकास कार्यों को आगे बढ़ाएंगे. वहीं गौतम बुद्ध नगर जिले में पहले से ही जिलाधिकारी प्रशासक के रूप में कामकाज संभाल रहे हैं. इन 69 जिलों में जिला पंचायतों में पहली बैठक 14 जनवरी 2016 को हुई थी. ऐसे में तीन जिला पंचायत अध्यक्षों का कार्यकाल 13 जनवरी 2021 को पूरा हो रहा है. वहीं बाकी 5 जिलों में आने वाले समय में प्रशासक नियुक्त किए जाने की प्रक्रिया पूरी होगी.
जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं कर पाएंगे धनराशि खर्च
अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सभी संबंधित जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष बुधवार रात 12:00 बजे के बाद कोई लेन-देन या कोई भी स्वीकृति नहीं कर सकेंगे. सभी 69 जिलों में जिलाधिकारी प्रशासक के रूप में काम करेंगे और जनहित से जुड़े विकास कार्यों के लिए धनराशि की व्यवस्था करेंगे.
इन पांच जिलों में बाद में नियुक्त होंगे प्रशासक
प्रदेश के जिन 5 जिलों में अभी प्रशासक नहीं नियुक्त किए जाएंगे. उनमें कानपुर, एटा, कासगंज, कुशीनगर शामिल है. इनमें एटा, कासगंज जिला पंचायतों में 18 फरवरी, कुशीनगर में 24 फरवरी, कानपुर में 24 मार्च और मऊ में 24 मार्च को प्रशासक की तैनाती की जाएगी. ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि इन संबंधित पांच जिलों में जिला पंचायत की पहली बैठक इन्हीं तारीखों में हुई थी. 5 साल का कार्यकाल इन तारीखों में पूरा होगा, तभी प्रशासक की नियुक्ति भी होगी.