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कैदियों की धुन पर थिरकते राजधानी के बाराती - आदर्श कारागार का बैंड लखनऊ

आदर्श कारागार लखनऊ के कैदी शादियों में बैंड बजाकर बरातियों को थिरकने के लिए मजबूर कर देते हैं. यह देश की इकलौती जेल है जहां पर कैदियों को खुले में भी घूमने की आजादी मिलती है.

लखनऊ का आदर्श कारागार
लखनऊ का आदर्श कारागार
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Published : Dec 9, 2020, 10:01 PM IST

लखनऊ: लखनऊ का आदर्श कारागार कई मायनों में देश के अन्य जिलों से अलग है. यह जेल देश की पहली ऐसी जेल है जहां पर कैदियों को कई तरह की आजादी मिली हुई है. यहां पर बंद कैदियों का एक बैंड भी संचालित होता है. इस बैंड में 12 कैदी शामिल है. जो जेल से बाहर जाकर शादियों में बैंड बजाते हैं. सुनकर अजीब लगता है लेकिन यह सच है. आदर्श कारागार लखनऊ का काफी लोकप्रिय बैंड है. पिछले 10 सालों से संचालित हो रहे इस बैंड ने सैकड़ों शादियों में अपनी धुनों पर लोगों को खूब नचाया है. हालांकि इस बार कोरोनावायरस के चलते गर्मियों की शादियों में एक भी बुकिंग नहीं मिली थी. कैदियों के इस बैंड को कोई भी व्यक्ति बुक कर सकता है. इसके लिए 2500 रुपए हर घंटे का रेट तय है और बैंड 2 घंटे के लिए बुक होता है. बुकिंग के दिन 12 कैदी बस में सवार होकर शादियों में जाते हैं. वहीं सुरक्षा के नाम पर केवल 2 पुलिसकर्मी होते हैं. बुकिंग से मिलने वाला पैसा कैदियों में ही बंट जाता है.

लखनऊ का आदर्श कारागार
जेल के कैदी शादियों में बजाते हैं बैंडआदर्श कारागार लखनऊ देश की इकलौती जेल है जहां पर कैदियों को खुले में भी घूमने की आजादी मिलती है. वर्तमान में जेल में 441 कैदी बंद है. वहीं इस जेल में कैदियों का एक आदर्श बैंड भी पिछले 10 सालों से संचालित हो रहा है. इस बैंड में 12 कैदी और एक मास्टर शामिल है. यह बाहर के बैंड से बिल्कुल अलग है क्योंकि इस बैंड को कोई सामान्य व्यक्ति नहीं बल्कि कैदी संचालित करते हैं.
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लखनऊ का आदर्श कारागार
क्या है बैंड को बुक करने का नियमआदर्श कारागार लखनऊ में कैदियों के द्वारा संचालित आदर्श बैंड बाहर के बैंड के मुकाबले काफी अच्छा और सस्ता है. इस बैंड की बुकिंग के लिए आदर्श कारागार आना पड़ता है. जहां 2 घंटे के लिए कोई भी व्यक्ति बैंड की बुकिंग करा सकता है. 2500 रुपए घंटे इस बैंड का रेट निर्धारित है. वही 30 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से बस का भाड़ा भी बुकिंग कराने वाले को ही देना पड़ता है. शादियों में बुकिंग के दिन कैदियों के इस बैंड की सुरक्षा के लिए दो बंदी रक्षक भी साथ होते हैं.क्या कहते हैं बैंड बजाने वाले कैदीआदर्श कारागार लखनऊ के मास्टर सुरेंद्र कुमार पिछले 3 सालों से इस बैंड का संचालन कर रहे हैं. उन्होंने बताया की 2500 रुपए घंटे की दर से इस बैंड की बुकिंग होती है. वही बुकिंग के बाद यह पैसा बंदियों में ही बंट जाता है. इस बैंड के माध्यम से कैदियों को समाज से जुड़ने का मौका मिलता है. यह आजादी और कहीं भी नहीं है. इस बैंड में पिछले 10 सालों से जुड़े हुए कैदी पप्पू बताते हैं कि उन्हें बैंड के माध्यम से समाज से जुड़ने का मौका मिलता है. जिससे उन्हें काफी खुशी मिलती है. बंद जीवन से खुले जीवन में जाने का अनुभव अलग होता है. वह पिछले 10 सालों से बैंड में पिस्टन बजा रहे हैं.कब हुई इस आदर्श कारागार की स्थापना2009 में मायावती के शासनकाल में इस आदर्श कारागार की नींव रखी गई थी. इस जेल में 20 से 45 साल की उम्र के बंदियों को रखा जाता है. यहां पर वर्तमान में 441 कैदी हैं. वहीं इस जेल में कैदियों को औद्योगिक गतिविधियों में श्रम करके पैसा कमाने का भी मौका दिया जाता है. लखनऊ परिक्षेत्र की जेल डीआईजी संजीव त्रिपाठी बताते हैं कि आदर्श कारागार का जो बैंड है वह बाहर भी शादियों में जाता है. फिलहाल प्रदेश की किसी और जेल में इस तरह की कोई सुविधा नहीं है. 26 जनवरी और 15 अगस्त के दिन भी यह बैंड कार्यक्रम में जाता है.

लखनऊ: लखनऊ का आदर्श कारागार कई मायनों में देश के अन्य जिलों से अलग है. यह जेल देश की पहली ऐसी जेल है जहां पर कैदियों को कई तरह की आजादी मिली हुई है. यहां पर बंद कैदियों का एक बैंड भी संचालित होता है. इस बैंड में 12 कैदी शामिल है. जो जेल से बाहर जाकर शादियों में बैंड बजाते हैं. सुनकर अजीब लगता है लेकिन यह सच है. आदर्श कारागार लखनऊ का काफी लोकप्रिय बैंड है. पिछले 10 सालों से संचालित हो रहे इस बैंड ने सैकड़ों शादियों में अपनी धुनों पर लोगों को खूब नचाया है. हालांकि इस बार कोरोनावायरस के चलते गर्मियों की शादियों में एक भी बुकिंग नहीं मिली थी. कैदियों के इस बैंड को कोई भी व्यक्ति बुक कर सकता है. इसके लिए 2500 रुपए हर घंटे का रेट तय है और बैंड 2 घंटे के लिए बुक होता है. बुकिंग के दिन 12 कैदी बस में सवार होकर शादियों में जाते हैं. वहीं सुरक्षा के नाम पर केवल 2 पुलिसकर्मी होते हैं. बुकिंग से मिलने वाला पैसा कैदियों में ही बंट जाता है.

लखनऊ का आदर्श कारागार
जेल के कैदी शादियों में बजाते हैं बैंडआदर्श कारागार लखनऊ देश की इकलौती जेल है जहां पर कैदियों को खुले में भी घूमने की आजादी मिलती है. वर्तमान में जेल में 441 कैदी बंद है. वहीं इस जेल में कैदियों का एक आदर्श बैंड भी पिछले 10 सालों से संचालित हो रहा है. इस बैंड में 12 कैदी और एक मास्टर शामिल है. यह बाहर के बैंड से बिल्कुल अलग है क्योंकि इस बैंड को कोई सामान्य व्यक्ति नहीं बल्कि कैदी संचालित करते हैं.
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लखनऊ का आदर्श कारागार
क्या है बैंड को बुक करने का नियमआदर्श कारागार लखनऊ में कैदियों के द्वारा संचालित आदर्श बैंड बाहर के बैंड के मुकाबले काफी अच्छा और सस्ता है. इस बैंड की बुकिंग के लिए आदर्श कारागार आना पड़ता है. जहां 2 घंटे के लिए कोई भी व्यक्ति बैंड की बुकिंग करा सकता है. 2500 रुपए घंटे इस बैंड का रेट निर्धारित है. वही 30 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से बस का भाड़ा भी बुकिंग कराने वाले को ही देना पड़ता है. शादियों में बुकिंग के दिन कैदियों के इस बैंड की सुरक्षा के लिए दो बंदी रक्षक भी साथ होते हैं.क्या कहते हैं बैंड बजाने वाले कैदीआदर्श कारागार लखनऊ के मास्टर सुरेंद्र कुमार पिछले 3 सालों से इस बैंड का संचालन कर रहे हैं. उन्होंने बताया की 2500 रुपए घंटे की दर से इस बैंड की बुकिंग होती है. वही बुकिंग के बाद यह पैसा बंदियों में ही बंट जाता है. इस बैंड के माध्यम से कैदियों को समाज से जुड़ने का मौका मिलता है. यह आजादी और कहीं भी नहीं है. इस बैंड में पिछले 10 सालों से जुड़े हुए कैदी पप्पू बताते हैं कि उन्हें बैंड के माध्यम से समाज से जुड़ने का मौका मिलता है. जिससे उन्हें काफी खुशी मिलती है. बंद जीवन से खुले जीवन में जाने का अनुभव अलग होता है. वह पिछले 10 सालों से बैंड में पिस्टन बजा रहे हैं.कब हुई इस आदर्श कारागार की स्थापना2009 में मायावती के शासनकाल में इस आदर्श कारागार की नींव रखी गई थी. इस जेल में 20 से 45 साल की उम्र के बंदियों को रखा जाता है. यहां पर वर्तमान में 441 कैदी हैं. वहीं इस जेल में कैदियों को औद्योगिक गतिविधियों में श्रम करके पैसा कमाने का भी मौका दिया जाता है. लखनऊ परिक्षेत्र की जेल डीआईजी संजीव त्रिपाठी बताते हैं कि आदर्श कारागार का जो बैंड है वह बाहर भी शादियों में जाता है. फिलहाल प्रदेश की किसी और जेल में इस तरह की कोई सुविधा नहीं है. 26 जनवरी और 15 अगस्त के दिन भी यह बैंड कार्यक्रम में जाता है.
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