लखनऊ: राजधानी में नगर निगम के लाइसेंस के बिना व्यावसायिक प्रतिष्ठान संचालित करने वाले लोगों के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी की जा चुकी है. राजधानी में हजारों ऐसे व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं, जिन्होंने नगर निगम में निर्धारित शुल्क देकर लाइसेंस लेने की प्रक्रिया नहीं पूरी की. अब ऐसे संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की गई है.
व्यावसायिक प्रतिष्ठान जिनमें होटल, रेस्टोरेंट, अस्पताल और नर्सिंग होम सहित अन्य प्रतिष्ठान शामिल हैं. ऐसे लोगों को जुलाई माह में हर हाल में लाइसेंस लेने की चेतावनी दी गयी है. इसके बाद अगस्त महीने से ऐसे लोगों के खिलाफ कुर्की और सील करने की कार्रवाई की जायेगी. ऐसे लोगों को अब चिन्हित करने की कार्रवाई शुरू हुई है.
राजधानी लखनऊ में मेडिकल से संबंधित व्यावसायिक प्रतिष्ठान करीब एक हजार के आस-पास हैं. वहीं सिर्फ 20 लोगों ने नगर निगम का शुल्क अदा कर लाइसेंस लिया है. इसके अलावा अंग्रेजी और देशी शराब के व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी करीब शहर में 500 हैं, लेकिन सिर्फ 4 संस्थानों ने लाइसेंस लेने की प्रक्रिया पूरी की है. इसी तरह से होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस और अन्य तरह के व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी हैं, जिनमें ईंट-भट्ठा उद्योग भी शामिल हैं. ऐसे लोगों को चिन्हित कर जुलाई महीने में लाइसेंस देने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. अगर इसके बावजूद भी जुलाई महीने में लाइसेंस नहीं लिया गया तो अगस्त महीने से ऐसे संस्थानों के खिलाफ कुर्की और सील करने की कार्रवाई नगर निगम प्रशासन की तरफ से की जाएगी.
व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को लाइसेंस लेना अनिवार्य
निगम प्रशासन ने नगर निगम सदन से अब यह प्रस्ताव भी पास करा लिया है कि नगर निगम सीमा के अंतर्गत संचालित होने वाले व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है. इसकी अलग-अलग लाइसेंस शुल्क भी निर्धारित कर दी गयी है. नगर निगम के अपर नगर आयुक्त राकेश यादव ने कहा कि जिन भी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों ने अभी तक लाइसेंस लेने की प्रक्रिया पूरी नहीं की है, उन्हें जुलाई महीने का समय और दिया जा रहा है. इसके बाद नगर निगम प्रशासन जुर्माना वसूलने के साथ ही सीलिंग और कुर्की करने की कार्रवाई भी करेगा.