लखनऊ. उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड लगातार भ्रष्टाचार पर ऑपरेशन क्लीन चला रहा है और बडे पैमाने पर घोटालों का पर्दाफाश कर रहा है. विगत दिनों अलग-अलग बिजली कंपनियों के उपभोक्ताओं की तरफ से दाखिल याचिकाओं पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने भी जो निर्णय दिया उसके क्रम में अब काफी सख्ती के मूड में आ गया है.
पाॅवर कॉर्पोरशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार (Pankaj Kumar, Managing Director, Power Corporation) की तरफ से सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को यह निर्देश जारी किए गए हैं कि विद्युत नियामक आयोग की तरफ से बनाए गए मुआवजा कानून को लागू किया जाए. उसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए. जनवरी और जुलाई में हर साल इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए. पैंफलेट छपवाए जाएं और उसका वितरण कराया जाए. विद्युत बिलों के पीछे भी सभी जानकारी उपभोक्ताओं को दी जाए. शिकायत का निराकरण न होने की दशा में अनिवार्य रूप से उपभोक्ताओं को मुआवजा दिया जाए. साथ ही पाॅवर काॅरपोरेशन ने प्रदेश के सभी विद्युत वितरण खंडों की विशेष संप्रेक्षण जांच कराने का भी निर्देश दिया दिया है.
पाॅवर काॅरपोरेशन (Power Corporation) की तरफ से जारी निर्देश में यह भी कहा गया है विद्युत उपभोक्ताओं के कनेक्शन में फर्जी बकाया या गलत बिल निर्गत करने और उनकी वसूली में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों कर्मचारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए. अप्रैल 2023 तक पूरी कार्रवाई को अनिवार्य रूप से करना होगा. उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद पीठ के निर्णय का स्वागत किया. कहा आने वाले समय में इस आदेश का लाभ प्रदेश के व्यापक उपभोक्ताओं को मिलेगा.