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फर्जी दस्तावेज दाखिल कर अदालत को धोखा देना पड़ा महंगा, आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश - Order for action against accused Sujit Kumar

फर्जी कागजों के सहारे खुद को नाबालिग साबित करने के एक मामले में कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

लखनऊ
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Published : Jan 25, 2023, 10:29 PM IST

लखनऊ: अपहरण और हत्या के मामले में सुनवाई के दौरान फर्जी कागजों के सहारे खुद को नाबालिग साबित करने वाले आरोपी सुजीत कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विशेष न्यायाधीश सोम प्रभा त्रिपाठी ने थाना प्रभारी वजीरगंज को आदेश दिया है.

कोर्ट में एडीजीसी नवीन त्रिपाठी ने बताया की वादी वाहिद अहमद सिद्दीकी ने वर्ष 2015 में आशियाना थाने में अपने पुत्र की हत्या, अपहरण और सबूत छिपाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस मामले में पुलिस ने विवेचना के बाद आरोपी सुजीत समेत अन्य आरोपियो के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी और मुकदमे की सुनवाई चल रही है. बताया गया की इसी दौरान आरोपी सुजीत ने एक मई 2017 को खुद को नाबालिग साबित करने की मांग वाली अर्जी कोर्ट में दी थी. आरोपी ने इस अर्जी के साथ नगर निगम से जारी जन्म प्रमाण पत्र भी दिया था.

अर्जी के विरोध में वादी ने आरोपी के जन्म प्रमाण पत्र के विषय में नगर निगम से जन सूचना का अधिकार में जानकारी की तो पता चला की आरोपी ने हरिजन पाठशाला के लीविंग सर्टिफिकेट के आधार पर नगर मजिस्ट्रेट से 25 सितम्बर 2015 को जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का आदेश करवाया था. जबकि उदयगंज स्थित हरिजन पाठशाला ने जानकारी दी कि स्कॉलर रजिस्टर पर में उक्त नम्बर पर किसी और का नाम दर्ज है. साथ ही लीविंग सर्टिफिकेट विद्यालय ने जारी नहीं किया है. सुजीत कुमार उनके विद्यालय का छात्र नहीं है. हालांकि इसके बाद एक मार्च 2019 को आरोपी ने अपनी अर्जी वापस ले ली. लेकिन कोर्ट ने माना कि आरोपी ने फर्जी कागजात कोर्ट में लगाकर खुद को नाबालिग साबित करने का प्रयास किया है. कोर्ट को धोखा देने का प्रयास किया है. इसके बाद कोर्ट ने अपने आदेश की प्रति वजीरगंज पुलिस को भेजकर कानूनी कार्रवाई करने और की गई कार्रवाई से कोर्ट को अवगत कराने का आदेश दिया है.

यह भी पढ़ें- Lucknow में 30 साल पुराने दोहरे हत्याकांड में दोषी को उम्रकैद

लखनऊ: अपहरण और हत्या के मामले में सुनवाई के दौरान फर्जी कागजों के सहारे खुद को नाबालिग साबित करने वाले आरोपी सुजीत कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विशेष न्यायाधीश सोम प्रभा त्रिपाठी ने थाना प्रभारी वजीरगंज को आदेश दिया है.

कोर्ट में एडीजीसी नवीन त्रिपाठी ने बताया की वादी वाहिद अहमद सिद्दीकी ने वर्ष 2015 में आशियाना थाने में अपने पुत्र की हत्या, अपहरण और सबूत छिपाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस मामले में पुलिस ने विवेचना के बाद आरोपी सुजीत समेत अन्य आरोपियो के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी और मुकदमे की सुनवाई चल रही है. बताया गया की इसी दौरान आरोपी सुजीत ने एक मई 2017 को खुद को नाबालिग साबित करने की मांग वाली अर्जी कोर्ट में दी थी. आरोपी ने इस अर्जी के साथ नगर निगम से जारी जन्म प्रमाण पत्र भी दिया था.

अर्जी के विरोध में वादी ने आरोपी के जन्म प्रमाण पत्र के विषय में नगर निगम से जन सूचना का अधिकार में जानकारी की तो पता चला की आरोपी ने हरिजन पाठशाला के लीविंग सर्टिफिकेट के आधार पर नगर मजिस्ट्रेट से 25 सितम्बर 2015 को जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का आदेश करवाया था. जबकि उदयगंज स्थित हरिजन पाठशाला ने जानकारी दी कि स्कॉलर रजिस्टर पर में उक्त नम्बर पर किसी और का नाम दर्ज है. साथ ही लीविंग सर्टिफिकेट विद्यालय ने जारी नहीं किया है. सुजीत कुमार उनके विद्यालय का छात्र नहीं है. हालांकि इसके बाद एक मार्च 2019 को आरोपी ने अपनी अर्जी वापस ले ली. लेकिन कोर्ट ने माना कि आरोपी ने फर्जी कागजात कोर्ट में लगाकर खुद को नाबालिग साबित करने का प्रयास किया है. कोर्ट को धोखा देने का प्रयास किया है. इसके बाद कोर्ट ने अपने आदेश की प्रति वजीरगंज पुलिस को भेजकर कानूनी कार्रवाई करने और की गई कार्रवाई से कोर्ट को अवगत कराने का आदेश दिया है.

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