लखनऊ : बिजली बिल संशोधन में अनियमितता और कनेक्शन देने में देरी के दो अलग-अलग मामलों में एक अधीक्षण अभियंता, दो अधिशासी अभियंता, दो उपखंड अधिकारी और एक अवर अभियंता सहित नौ कार्मिकों पर कार्रवाई की गई है. यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज के आदेश पर की गई है.
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के जनसंपर्क अधिकारी अखिलेश सिंह ने बताया कि 'पहला प्रकरण पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत महाराजगंज का है. यहां बिल संशोधन की शिकायतों की जांच में दोषी पाए जाने पर वहां तैनात अधिशासी अभियंता हरिशंकर की पेंशन से तीन फीसद की कटौती के आदेश दिए गए हैं. इसी प्रकरण में उपखंड अधिकारी ईश्वर शरण सिंह की परिनिंदा और एक वेतन वृद्धि रोकी गई है. तीन कार्यालय सहायकों को परिनिंदा और एक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि दूसरा प्रकरण गोरखपुर का है. यहां इंडियन ऑयल कारपोरेशन को विद्युत संयोजन देने में विलंब के आरोप में अधीक्षण अभियंता रमेश चंद्र को परिनिंदा और उनके मूल वेतन को एक स्टेप नीचे करने का निर्णय लिया गया. इसी प्रकरण में अधिशासी अभियंता चंद्रशेखर, उपखंड अधिकारी चंद्रभान चौरसिया और अवर अभियंता प्रिंस पाठक को परिनिंदा और एक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दिए गए हैं.
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम. देवराज का कहना है कि 'शासन की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति निगम में लागू है. उपभोक्ताओं की समस्याओं और कार्यों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाना चाहिए. इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. प्रदेश में जितने भी भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूर की जाएगी.'
बिल संशोधन में गड़बड़ी व कनेक्शन में लापरवाही पर नौ कर्मचारियों पर गिरी गाज - बिजली बिल संशोधन में गड़बड़ी
बिजली बिल संशोधन में गड़बड़ी व कनेक्शन देने में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की गई है. पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने एक अधीक्षण अभियंता सहित नौ कर्मचारियों पर कार्रवाई की है.
लखनऊ : बिजली बिल संशोधन में अनियमितता और कनेक्शन देने में देरी के दो अलग-अलग मामलों में एक अधीक्षण अभियंता, दो अधिशासी अभियंता, दो उपखंड अधिकारी और एक अवर अभियंता सहित नौ कार्मिकों पर कार्रवाई की गई है. यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज के आदेश पर की गई है.
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के जनसंपर्क अधिकारी अखिलेश सिंह ने बताया कि 'पहला प्रकरण पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत महाराजगंज का है. यहां बिल संशोधन की शिकायतों की जांच में दोषी पाए जाने पर वहां तैनात अधिशासी अभियंता हरिशंकर की पेंशन से तीन फीसद की कटौती के आदेश दिए गए हैं. इसी प्रकरण में उपखंड अधिकारी ईश्वर शरण सिंह की परिनिंदा और एक वेतन वृद्धि रोकी गई है. तीन कार्यालय सहायकों को परिनिंदा और एक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि दूसरा प्रकरण गोरखपुर का है. यहां इंडियन ऑयल कारपोरेशन को विद्युत संयोजन देने में विलंब के आरोप में अधीक्षण अभियंता रमेश चंद्र को परिनिंदा और उनके मूल वेतन को एक स्टेप नीचे करने का निर्णय लिया गया. इसी प्रकरण में अधिशासी अभियंता चंद्रशेखर, उपखंड अधिकारी चंद्रभान चौरसिया और अवर अभियंता प्रिंस पाठक को परिनिंदा और एक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दिए गए हैं.
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम. देवराज का कहना है कि 'शासन की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति निगम में लागू है. उपभोक्ताओं की समस्याओं और कार्यों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाना चाहिए. इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. प्रदेश में जितने भी भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूर की जाएगी.'