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पुलश तिवारी एनकाउंटर: एसीपी कैंट करेंगी मामले की जांच

पुलश तिवारी एनकाउंटर मामले में यूपी पुलिस सवालों के घेरे में है. अब इस मामले की जांच एसीपी कैंट करेंगी. पुलश तिवारी के परिजनों ने इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए थे.

lucknow today news
डीसीपी चारू निगम
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Published : Aug 18, 2020, 7:23 PM IST

लखनऊ: राजधानी में 9 अगस्त की रात पुलिस और पुलश तिवारी में मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में पुलश तिवारी के पैर में गोली लगी थी. इस एनकाउंटर में पुलश के परिजनों का कहना था कि पुलिस ने पुलश को घर से गिरफ्तार किया था और बाद में उसे एनकाउंटर बताते हुए गोली मार दी. इस संबंध में एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था, जिसमें 3 लोग एक कार में बैठते हुए नजर आ रहे हैं. जिसमें पुलश तिवारी व 2 पुलिस कर्मचारियों का होना बताया जा रहा है. सीसीटीवी फुटेज को संज्ञान में लेते हुए डीसीपी चारू निगम ने इसके जांच के निर्देश दिए हैं.

एसीपी कैंट बीनू सिंह पुलिस द्वारा किए गए इस एनकाउंटर की जांच करेंगी. डीसीपी चारू निगम ने बताया कि हमें एनकाउंटर को लेकर शिकायत मिली थी. सीसीटीवी फुटेज को लेकर की गई शिकायत को संज्ञान में लेते हुए इस मामले की जांच एसीपी कैंट बीनू सिंह को दी गई है. वीडियो में ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है, जिससे एनकाउंटर को संदिग्ध माना जाए. डीसीपी ने कहा कि शिकायत मिली है, इसलिए जांच के निर्देश दिए गए हैं.

एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने मानवाधिकार आयोग से की थी शिकायत
9 अगस्त 2020 की रात इंदिरा नगर निवासी पुलश तिवारी को पुलिस ने एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया था. इस दौरान पुलश तिवारी के पैर में गोली लगी थी. नूतन ठाकुर ने इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े करते हुए मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर एनकाउंटर की जांच करने की बात कही थी. पुलश तिवारी के हुए एनकाउंटर के मामले में नूतन ठाकुर ने सीसीटीवी वीडियो भी जारी किया था. जिसमें तीन व्यक्ति दिखाई दे रहे हैं, जिसमें दो व्यक्ति एक व्यक्ति को ले जाते हुए नजर आ रहे हैं.

एनकाउंटर पर नूतन ठाकुर ने उठाए सवाल
इस वीडियो को नूतन ठाकुर की ओर से पुलश तिवारी व दो पुलिस कर्मचारियों का बताया गया था, जो पुलश को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंचे थे. नूतन ठाकुर की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार पुलश की मां मंजुला तिवारी व अन्य परिवार के लोगों ने उन्हें बताया कि 9 अगस्त की शाम करीब 6:30 बजे दो पुलिस वाले उनके घर आए और वह पुलश को अपने साथ लेकर गए. इसके अलावा परिवार वालों के पास उसे ले जाते समय सीसीटीवी रिकॉर्ड भी हैं. इसके विपरीत पुलिस ने उसी रात पुलश को भागता हुआ दिखाकर उसके पैर में गोली मारी थी.

नूतन ठाकुर के अनुसार लखनऊ पुलिस ने दावा किया था कि आशियाना थाना क्षेत्र में देर रात हुई मुठभेड़ में 25,000 इनामी बदमाश पुलश तिवारी को गिरफ्तार किया है. जिसके दाहिने पैर में गोली लगी थी. पुलिस के अनुसार आशियाना पुलिस जोन 8 दफ्तर के पास चेकिंग कर रही थी, जहां पुलश बिना नंबर प्लेट की काले रंग की बाइक पर आया तथा पीछा करने पर पुलिस पर गोली चलाई. जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में पुलिस की उसकी पैर में लगी.

गाड़ी भी सवालों के घेरे में
पुलश तिवारी एनकाउंटर पुलिस के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. डीसीपी चारू निगम ने एनकाउंटर की जांच के निर्देश जारी किए हैं. वहीं दूसरी ओर जिस काले रंग की क्रेटा गाड़ी में पुलिस द्वारा पुलश तिवारी को ले जाने की बात कही जा रही है, उस गाड़ी के नंबर पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. सीसीटीवी में जो क्रेटा गाड़ी नजर आ रही है. उस पर UP32 AC 5030 नंबर प्लेट लगी हुई है, वह नंबर एक स्कूटर के नाम पर रजिस्टर्ड है.

लखनऊ: राजधानी में 9 अगस्त की रात पुलिस और पुलश तिवारी में मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में पुलश तिवारी के पैर में गोली लगी थी. इस एनकाउंटर में पुलश के परिजनों का कहना था कि पुलिस ने पुलश को घर से गिरफ्तार किया था और बाद में उसे एनकाउंटर बताते हुए गोली मार दी. इस संबंध में एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था, जिसमें 3 लोग एक कार में बैठते हुए नजर आ रहे हैं. जिसमें पुलश तिवारी व 2 पुलिस कर्मचारियों का होना बताया जा रहा है. सीसीटीवी फुटेज को संज्ञान में लेते हुए डीसीपी चारू निगम ने इसके जांच के निर्देश दिए हैं.

एसीपी कैंट बीनू सिंह पुलिस द्वारा किए गए इस एनकाउंटर की जांच करेंगी. डीसीपी चारू निगम ने बताया कि हमें एनकाउंटर को लेकर शिकायत मिली थी. सीसीटीवी फुटेज को लेकर की गई शिकायत को संज्ञान में लेते हुए इस मामले की जांच एसीपी कैंट बीनू सिंह को दी गई है. वीडियो में ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है, जिससे एनकाउंटर को संदिग्ध माना जाए. डीसीपी ने कहा कि शिकायत मिली है, इसलिए जांच के निर्देश दिए गए हैं.

एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने मानवाधिकार आयोग से की थी शिकायत
9 अगस्त 2020 की रात इंदिरा नगर निवासी पुलश तिवारी को पुलिस ने एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया था. इस दौरान पुलश तिवारी के पैर में गोली लगी थी. नूतन ठाकुर ने इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े करते हुए मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर एनकाउंटर की जांच करने की बात कही थी. पुलश तिवारी के हुए एनकाउंटर के मामले में नूतन ठाकुर ने सीसीटीवी वीडियो भी जारी किया था. जिसमें तीन व्यक्ति दिखाई दे रहे हैं, जिसमें दो व्यक्ति एक व्यक्ति को ले जाते हुए नजर आ रहे हैं.

एनकाउंटर पर नूतन ठाकुर ने उठाए सवाल
इस वीडियो को नूतन ठाकुर की ओर से पुलश तिवारी व दो पुलिस कर्मचारियों का बताया गया था, जो पुलश को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंचे थे. नूतन ठाकुर की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार पुलश की मां मंजुला तिवारी व अन्य परिवार के लोगों ने उन्हें बताया कि 9 अगस्त की शाम करीब 6:30 बजे दो पुलिस वाले उनके घर आए और वह पुलश को अपने साथ लेकर गए. इसके अलावा परिवार वालों के पास उसे ले जाते समय सीसीटीवी रिकॉर्ड भी हैं. इसके विपरीत पुलिस ने उसी रात पुलश को भागता हुआ दिखाकर उसके पैर में गोली मारी थी.

नूतन ठाकुर के अनुसार लखनऊ पुलिस ने दावा किया था कि आशियाना थाना क्षेत्र में देर रात हुई मुठभेड़ में 25,000 इनामी बदमाश पुलश तिवारी को गिरफ्तार किया है. जिसके दाहिने पैर में गोली लगी थी. पुलिस के अनुसार आशियाना पुलिस जोन 8 दफ्तर के पास चेकिंग कर रही थी, जहां पुलश बिना नंबर प्लेट की काले रंग की बाइक पर आया तथा पीछा करने पर पुलिस पर गोली चलाई. जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में पुलिस की उसकी पैर में लगी.

गाड़ी भी सवालों के घेरे में
पुलश तिवारी एनकाउंटर पुलिस के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. डीसीपी चारू निगम ने एनकाउंटर की जांच के निर्देश जारी किए हैं. वहीं दूसरी ओर जिस काले रंग की क्रेटा गाड़ी में पुलिस द्वारा पुलश तिवारी को ले जाने की बात कही जा रही है, उस गाड़ी के नंबर पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. सीसीटीवी में जो क्रेटा गाड़ी नजर आ रही है. उस पर UP32 AC 5030 नंबर प्लेट लगी हुई है, वह नंबर एक स्कूटर के नाम पर रजिस्टर्ड है.

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