लखनऊ: एनआईए/एटीएस के विशेष जज विवेकानन्द शरण त्रिपाठी ने गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवानों पर हमला करने और आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने के मामले में आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने अभियुक्त के सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 30 जनवरी की तिथि नियत की है.
सरकारी वकील एमके सिंह के मुताबिक चार अप्रैल 2022 को इस मामले की एफआईआर विनय कुमार मिश्र ने थाना गोरखनाथ में दर्ज कराई थी. एफआईआर के मुताबिक गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवान अनिल कुमार पासवान पर अभियुक्त ने अचानक बांके से हमला कर दिया, जिसमें अनिल कुमार पासवान गम्भीर रुप से घायल हो गए थे. आरोंप है कि अभियुक्त ने पीएसी जवान का असलहा भी छीनने का प्रयास किया, छीनाझपटी के दौरान उनका राइफल सड़क पर गिर गया. कहा गया है कि उन्हें बचाने के लिए दूसरा जवान भाग कर आया, तो जान से मारने की नियत से अभियुक्त ने उस पर भी धारदार हथियार से हमला कर दिया. अभियोजन के मुताबिक मौके पर मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने घायल जवान और उसके राइफल को उठाया.
इस दौरान अभियुक्त अपना बांका लहराते और मजहबी नारा लगाते हुए, पीएसी पोस्ट की ओर दौड़ा, इससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई. कहा गया है कि पीएसी के एक जवान ने अभियुक्त के हाथ पर एक बड़े बांस से प्रहार किया तब उसके हाथ से बांका गिर गया, फिर आवश्यक बल प्रयोग कर अभियुक्त को पकड़ लिया गया. अभियोजन के मुताबिक अभियुक्त के पास से अन्य वस्तुओं के अलावा उर्दू भाषा में लिखी हुई एक धार्मिक किताब भी बरामद हुई थी. विवेचना के दौरान संकलित साक्ष्यों के आधार पर इस मामले में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम की धारा 16/18/20/40 की बढ़ोत्तरी की गई थी. बाद में विवेचना एटीएस को सौंप दी गई थी.