लखनऊ: गोमतीनगर विनीत प्लाजा स्थित बॉडी हंक जिम संचालक दीपक कनौजिया ने दोस्त गौरव मिश्रा के नाम पर छह लाख का लोन पास कराया था. मानसिक बीमारी से ग्रसित गौरव दोस्त के मंसूबे से अंजान था. किस्त नहीं मिलने पर बैंक की तरफ से रिकवरी नोटिस भेजा गया था. दोस्त के चंगुल में फंस कर गौरव ने अवसाद में आकर खुदकुशी कर ली थी. गोमतीनगर पुलिस ने गुरुवार को दीपक कनौजिया और गबन में शामिल शब्बीर हुसैन को गिरफ्तार किया है.
फोटो कापी मशीन के लिए कराया था लोन
विनीतखंड-छह निवासी उपेंद्र नाथ मिश्रा का बेटा गौरव विनीत प्लाजा में स्टेशनरी और फोटो कॉपी की दुकान चलाता था. बचपन में गौरव सड़क हादसे का शिकार हुआ था. वह बाइपोलर डिसऑर्डर का शिकार हो गया था. उपेंद्र ने बेटे को दुकान खुलवाई थी. गौरव के पड़ोस में बॉडी हंक जिम हैं, जिसका संचालक दीपक कनौजिया है. गौरव की बीमारी के बारे में पता चलने पर दीपक ने दोस्त शब्बीर हुसैन के साथ मिल कर धोखाधड़ी की साजिश रची.
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वहीं दूसरी तरफ व्यापार में घाटा होने के कारण गौरव परेशान था. आरोपी ने गौरव को पुरानी फोटो कापी मशीन बेच कर नई मशीन लेने के लिए कहा. दीपक ने परिचित शब्बीर हुसैन से छह लाख रुपये का कोटेशन तैयार कराया. जिसकी मदद से यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया पत्रकारपुरम शाखा से गौरव के नाम पर लोन पास कराया. बैंक से जारी हुए लोन में से डेढ़ लाख रुपये की मशीन शब्बीर हुसैन ने सप्लाई की थी. बचे हुए साढ़े चार लाख रुपये दीपक ने हड़प लिए थे.
बैंक ने भेजा रिकवरी नोटिस
लोन की किस्त जमा नहीं होने पर गौरव के पास बैंक की रिकवरी नोटिस आई. उपेंद्र के पड़ताल करने पर दीपक के रचे खेल का पता चला. 17 फरवरी को उपेंद्र ने गोमतीनगर थाने पहुंच कर दीपक और शब्बीर हुसैन के खिलाफ शिकायत की थी. पुलिस ने आरोपियों को बुलाया था. उस वक्त दीपक ने जाली कागज बना कर गौरव पर ही एक लाख रुपये का उधार होने का आरोप मढ़ दिया था.
संदिग्ध हालत में मिला था शव
उपेंद्र के मुताबिक पुलिस में शिकायत किए जाने से दीपक कनौजिया नाराज था. वह गौरव को फोन कर धमका रहा था. यह सिलसिला 26 और 27 फरवरी तक जारी रहा. दीपक की धमकी से परेशान होकर 28 फरवरी को गौरव घर छोड़ कर चला गया था. पुलिस गौरव को तलाश रही थी. इस बीच लापता गौरव का शव रुड़की में संदिग्ध हालात में मिला था. पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मानते हुए 28 मार्च को खुदकुशी के लिए उकसाने की धारा में मुकदमा दर्ज किया था.
मामले में पुलिस ने दीपक और उसके दोस्त शब्बीर को गिरफ्तार कर पूछताछ की. जिसके बाद जालसाजी का पूरा खेल सामने आया. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.