ETV Bharat / state

राजधानी लखनऊ में वातानुकूलित बस स्टेशन, फिर भी गर्मी में उबल रहे यात्री...पढ़िए पूरी खबर - आलमबाग बस स्टेशन

राजधानी लखनऊ में एसी बस स्टेशन होने के बावजूद यात्रियों को प्रचंड गर्मी का सामना करना पड़ रहा है. इसका कारण है एसी खराब होना. परिवहन निगम के हेल्पलाइन नंबर पर बीते एक सप्ताह में एसी से ही संबंधित 152 से ज्यादा शिकायतें अब तक आ चुकी हैं. इसके बाद भी स्थिति सुधर नहीं रही है.

वातानुकूलित बस स्टेशन का हाल
वातानुकूलित बस स्टेशन का हाल
author img

By

Published : May 4, 2022, 12:03 PM IST

लखनऊ: कहने को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रदेश का पहला वातानुकूलित बस स्टेशन है कैसरबाग, लेकिन इस बस स्टेशन पर यात्रियों को प्रचंड गर्मी में बस के इंतजार में उबलना पड़ रहा है. कैसरबाग ही नहीं पीपीपी मॉडल पर बना प्रदेश का पहला बस स्टेशन आलमबाग भी यात्री सुविधा के लिहाज से फिसड्डी साबित हो रहा है. इन दोनों बस स्टेशनों पर लगा तो एसी प्लांट है, लेकिन यात्रियों और कर्मचारियों को पसीना बहाना पड़ रहा है. कैसरबाग बस स्टेशन पर बुकिंग काउंटर पर कर्मी पसीना बहाते हुए टिकट बना रहे हैं. यहां पर पिछले चार दिनों से एसी खराब हो चुका है. यही हाल यात्रियों का भी है. उन्हें भी गर्मी में बस स्टेशन पर एसी मयस्सर ही नहीं है.

कैसरबाग बस स्टेशन जब वातानुकूलित बस स्टेशन बना तो आसपास से इसे पूरी तरह ढक दिया गया. शीशे से कवर इस स्टेशन पर अब बाहर अगर ठंडी हवा भी चले तो वह भी प्रवेश नहीं कर सकती. ऐसे में इस वातानुकूलित बस स्टेशन पर अगर एसी न चले तो यात्रियों का उबलना तय है. इस समय तो भीषण गर्मी पड़ रही है, ऐसे में एसी और भी जरूरी है. लेकिन बस स्टेशन पर बस के इंतजार में जो यात्री आते हैं उन्हें पसीना बहाना पड़ रहा है. यात्री सुविधा के नाम पर परिवहन निगम यात्रियों और कर्मचारियों को सिर्फ पसीना दे रहा है.

वातानुकूलित बस स्टेशन का हाल

बस स्टेशन पर जहां यात्री और कर्मचारी पसीने से तरबतर हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वरिष्ठ केंद्र प्रभारी कमरे में मौजूद नहीं रहते फिर भी एसी ऑन रहता है. पंखा भी चलता है और कमरा भी लाइटों से जगमगाता है. इन जिम्मेदारों पर पूरे बस स्टेशन की व्यवस्था सुधारने का जिम्मा है. लेकिन यात्रियों से अधिकारियों का कोई लेना-देना ही नहीं है. पीपीपी मॉडल पर बने आलमबाग बस अड्डे पर एयरकूलिंग सिस्टम भी काम नहीं कर रहा है. जब पंखा ही बंद हो तो यात्रियों को गर्मी से राहत मिलना असंभव है. परिवहन निगम के हेल्पलाइन नंबर 1800-180-2877 पर बीते एक सप्ताह में एसी से ही संबंधित 152 से ज्यादा शिकायतें अब तक आ चुकी हैं.

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: पंचूर गांव में सुबह की सैर पर निकले योगी, बच्चों-महिलाओं संग खिंचवाई सेल्फी

बस स्टेशन पर जो भी यात्री बस पकड़ने के लिए आते हैं, परिवहन निगम उनसे सुविधा शुल्क के नाम पर दो से लेकर आठ रुपये तक की वसूली करता है. लेकिन यात्रियों को सुविधा के बदले मिलती है असुविधा. क्योंकि सुविधाओं के लिए बस स्टेशनों पर एसी तक नहीं है. आलमबाग और कैसरबाग बस स्टेशन पर प्रतिदिन 24 घंटे में 35 से 40 हजार यात्री आते हैं. कैसरबाग बस स्टेशन 10 करोड़ रुपये से सेंट्रल एसी सहित कई सुविधाओं से लैस हुआ था.

बस स्टेशनों पर गर्मी में एसी न चलने से यात्रियों को हो रही परेशानी पर क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव कुमार बोस ने कहा है कि एसी को मेंटेन करने के लिए ठेका दिया गया है. इस तरह की शिकायत आई है कि एसी चल ही नहीं रहा है. जांच कराकर सख्त कार्रवाई की जाएगी. यात्री सुविधा से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: कहने को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रदेश का पहला वातानुकूलित बस स्टेशन है कैसरबाग, लेकिन इस बस स्टेशन पर यात्रियों को प्रचंड गर्मी में बस के इंतजार में उबलना पड़ रहा है. कैसरबाग ही नहीं पीपीपी मॉडल पर बना प्रदेश का पहला बस स्टेशन आलमबाग भी यात्री सुविधा के लिहाज से फिसड्डी साबित हो रहा है. इन दोनों बस स्टेशनों पर लगा तो एसी प्लांट है, लेकिन यात्रियों और कर्मचारियों को पसीना बहाना पड़ रहा है. कैसरबाग बस स्टेशन पर बुकिंग काउंटर पर कर्मी पसीना बहाते हुए टिकट बना रहे हैं. यहां पर पिछले चार दिनों से एसी खराब हो चुका है. यही हाल यात्रियों का भी है. उन्हें भी गर्मी में बस स्टेशन पर एसी मयस्सर ही नहीं है.

कैसरबाग बस स्टेशन जब वातानुकूलित बस स्टेशन बना तो आसपास से इसे पूरी तरह ढक दिया गया. शीशे से कवर इस स्टेशन पर अब बाहर अगर ठंडी हवा भी चले तो वह भी प्रवेश नहीं कर सकती. ऐसे में इस वातानुकूलित बस स्टेशन पर अगर एसी न चले तो यात्रियों का उबलना तय है. इस समय तो भीषण गर्मी पड़ रही है, ऐसे में एसी और भी जरूरी है. लेकिन बस स्टेशन पर बस के इंतजार में जो यात्री आते हैं उन्हें पसीना बहाना पड़ रहा है. यात्री सुविधा के नाम पर परिवहन निगम यात्रियों और कर्मचारियों को सिर्फ पसीना दे रहा है.

वातानुकूलित बस स्टेशन का हाल

बस स्टेशन पर जहां यात्री और कर्मचारी पसीने से तरबतर हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वरिष्ठ केंद्र प्रभारी कमरे में मौजूद नहीं रहते फिर भी एसी ऑन रहता है. पंखा भी चलता है और कमरा भी लाइटों से जगमगाता है. इन जिम्मेदारों पर पूरे बस स्टेशन की व्यवस्था सुधारने का जिम्मा है. लेकिन यात्रियों से अधिकारियों का कोई लेना-देना ही नहीं है. पीपीपी मॉडल पर बने आलमबाग बस अड्डे पर एयरकूलिंग सिस्टम भी काम नहीं कर रहा है. जब पंखा ही बंद हो तो यात्रियों को गर्मी से राहत मिलना असंभव है. परिवहन निगम के हेल्पलाइन नंबर 1800-180-2877 पर बीते एक सप्ताह में एसी से ही संबंधित 152 से ज्यादा शिकायतें अब तक आ चुकी हैं.

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: पंचूर गांव में सुबह की सैर पर निकले योगी, बच्चों-महिलाओं संग खिंचवाई सेल्फी

बस स्टेशन पर जो भी यात्री बस पकड़ने के लिए आते हैं, परिवहन निगम उनसे सुविधा शुल्क के नाम पर दो से लेकर आठ रुपये तक की वसूली करता है. लेकिन यात्रियों को सुविधा के बदले मिलती है असुविधा. क्योंकि सुविधाओं के लिए बस स्टेशनों पर एसी तक नहीं है. आलमबाग और कैसरबाग बस स्टेशन पर प्रतिदिन 24 घंटे में 35 से 40 हजार यात्री आते हैं. कैसरबाग बस स्टेशन 10 करोड़ रुपये से सेंट्रल एसी सहित कई सुविधाओं से लैस हुआ था.

बस स्टेशनों पर गर्मी में एसी न चलने से यात्रियों को हो रही परेशानी पर क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव कुमार बोस ने कहा है कि एसी को मेंटेन करने के लिए ठेका दिया गया है. इस तरह की शिकायत आई है कि एसी चल ही नहीं रहा है. जांच कराकर सख्त कार्रवाई की जाएगी. यात्री सुविधा से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.