लखनऊ: बड़ा घर खरीदना तो हर किसी का सपना होता है. लेकिन ऐसे लोग कम ही होते हैं जो अपने घर को बेजुबानों के नाम कर दें. लखनऊ के कल्याणपुर के निवासी वाहिद फैमिली ने ऐसी मिसाल पेश की है. इस परिवार ने अपने घर के बड़े हिस्से को गौरैया संरक्षण केंद्र में तब्दील कर दिया है.
बसेरा कॉलोनी में चहचहाती हैं चिड़ियां
कल्याणपुर के बसेरा कॉलोनी के अब्दुल वाहिद ने अपने घर में पक्षियों के ठहरने की व्यवस्था कर रखी है. वाहिद दंपति ने खुद को एक छोटी सी जगह में आश्रय देकर घर के बड़े भू-भाग को गौरैया संरक्षण केंद्र में तब्दील कर दिया है. यहां हर समय चिड़ियों के चहचाहट सुनाई पड़ती है.
घर को बनाया गौरैया संरक्षण केंद्र
अब्दुल वाहिद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि उन्होंने सन 2016 में इस घर को गौरैया संरक्षण केंद्र में तब्दील किया था. करीब 2,000 स्क्वायर फुट के मकान के 1,300 स्क्वायर फीट को चिड़ियों के नाम कर दिया है.
इस वाकया ने बदली जिंदगी
अब्दुल वाहिद ने बताया कि साल 2016 की बात है गर्मी बहुत तेज थी. उन्होंने अपने घर के बगीचे में एक गौरैया को बहुत तड़पते हुए देखा. जब तक वह उसके लिए पानी लाते तब तक उस गौरैया के प्राण पखेरू हो चुके थे. इस घटना ने उनके दिल और पूरी जिंदगी को बदलकर रख दिया. तभी से उन्होंने सोचा कि पूरी जिंदगी अब इन चिड़ियों के नाम करनी है.
पूरे घर में बनाए घोंसले
अब्दुल वाहिद ने बताया कि पूरे घर में 50 से ज्यादा घोंसले बनाए गए हैं. जहां शुरुआत में बहुत कम चिड़ियां आती थीं, लेकिन अब चिड़ियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. अब्दुल वाहिद ने बताया कि उनके खाने और पीने का पूरा इंतजाम किया जाता है.
यह होते हैं इंतजाम
गौरैया संरक्षण केंद्र चलाने वाले अब्दुल वाहिद ने बताया कि पक्षियों के लिए लगभग 3 किलो दाने रोज लगते हैं. इनमें काकुन, बाजरा और चावल प्रमुख है. हम इन चिड़ियों को मौसमी फल भी देते हैं. सुबह-शाम उनके लिए ताजे पानी का भी इंतजाम किया जाता है. इसके लिए हमने जगह-जगह घड़े और मटके रखे हैं.
दीवारों पर लटकाए कृत्रिम घोंसले
अब्दुल वाहिद ने अपने घर की दीवारों पर कृत्रिम घोसले टांग रखे हैं. इन घोसलों में गौरैया समेत कई चिड़ियां आती हैं और अंडे देती हैं. इन घोंसले में उनके बच्चे सुरक्षित रहते हैं जब वे बड़े हो जाते हैं तो उनको लेकर वह उड़ जाती हैं.
पत्नी भी देती हैं साथ
अब्दुल वाहिद के इस काम में उनकी पत्नी राफिया अंजुम भी साथ देती हैं. उनके ऑफिस जाने के बाद पूरा दिन राफिया चिड़ियों की देखभाल और उनके दाने-पानी का इंतजाम करती हैं. अब्दुल ने बताया कि उनके घर में रेड वेंटेड बुलबुल, वाइट एरेड बुलबुल, ओरिएंटल मैगपाई रोबिन, रेड व्हिसकेरेड बुलबुल, वाइट वैगटेल, लार्ज पीएड वैगटेल, हाउस स्पैरो, पर्पल सनबर्ड, लिटिल स्पाइडर हंटर, ओरिएंटल वाइट ऑय, रेड मुनिया, इंडियन ट्रिपल, ब्लैक थ्रोअटेड मुनिया प्रजाति की चिड़ियां आती हैं.
अब्दुल वाहिद ने बताया कि पेड़ की पत्तियों के बीच गोरैया आकर छुप जाती है और सुबह-शाम इनकी चहचहाहट से पूरा इलाका गूंज उठता है. वहीं राफिया अंजुम का कहना है कि गौरैया वाकई हमारी बेटी की तरह है.