लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव सिर पर है. ऐसे में सारी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी गोटी बिठाने में लगी हुई हैं. इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश में अपनी सियासत का सिक्का जमाने में जुटी आम आदमी पार्टी ने भी अभीतक 100 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. जिनमें से कई उम्मीदवारों के बदले जाने की भी संभावना जताई जा रही है. दरअसल पार्टी को चुनाव जिताऊ उम्मीदवार की तलाश है. ऐसे में कमजोर उम्मीदवारों का पत्ता कट सकता है. दूसरी वजह पार्टी का पूरा ध्यान पिछड़े वर्ग को अपने पाले में करने का है.
उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने जा रही आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है. पिछले 6 महीने से जिस तरह पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह उत्तर प्रदेश सरकार पर हमलावर रहे हैं. उससे साफ है कि पार्टी के लिए यह चुनाव कितना अहम है. जिन उम्मीदवारों को घोषित किया गया है, उसमें सबसे ज्यादा टिकट पार्टी ने पिछड़े वर्ग से दिए हैं. 16 ब्राह्मणों, 35 पिछड़ी जाति के उम्मीदवारों के अलावा 5 मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी टिकट दिया गया है. जातीय संतुलन साधने की मुहिम में पार्टी ने सबसे कम टिकट महिलाओं को दिया है.
अब शेष बचे 303 सीटों पर पार्टी को जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश है. इसके लिए अभी वह अन्य पार्टियों के टिकट फाइनल होने का इंतजार कर रही है. पार्टी सूत्रों का मानना है कि जिन विधायकों और पूर्व विधायकों को अन्य पार्टियों से निराशा हाथ लगेगी. वह आम आदमी पार्टी के साथ आ सकते हैं. ऐसे लोग पार्टी के लिए जीत का आधार बन सकते हैं. पार्टी कई सेवानिवृत्त अधिकारियों के भी संपर्क में है. उन्हें पार्टी चुनाव में उतरने के लिए राजी कर रही है. इस दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ हमलावर रहे सेवानिवृत्त अधिकारियों से स्वयं उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह मिल चुके हैं. सूत्रों का मानना है कि अंतिम समय में उन्हें चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है.
आम आदमी पार्टी जिला पंचायत चुनाव के दौरान ही घोषणा कर चुके थे कि पार्टी के जो भी उम्मीदवार चुनाव जीतेंगे उन्हें विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया जा सकता है. ऐसे लोगों में अभी बहुत ही कम लोगों का नाम पहली सूची में शामिल है. अन्य दलों से जीते जिला पंचायत उम्मीदवारों पर भी पार्टी की नजर है.
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कयास लगाया जा रहा है कि अगली सूची में कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों के नाम शामिल हो सकते हैं. अन्य दलों में दावेदारों के निराश होने पर आम आदमी पार्टी का दामन ऐसे लोग थाम सकते हैं. आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह कहते हैं कि 100 लोगों की जो सूची जारी की गई है. वह फिलहाल विधानसभा प्रभारी के रूप में काम करेंगे. उनके कामकाज के आधार पर उन्हें उम्मीदवार बनाया जाएगा. ऐसे में घोषित उम्मीदवारों की सूची भी अंतिम नहीं मानी जा रही है. फिल्मी दुनिया से जुड़े कुछ लोग आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं.