लखनऊः यूपी में निजी स्कूलों की फीस बढ़ाने के मामले पर आम आदमी पार्टी ने योगी सरकार पर हमला किया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने ट्वीट किया कि यूपी में महंगाई की मार झेल रहे अभिभावक अब स्कूलों की बढ़ी फीस का भी हमला झेलेंगे. सभाजीत सिंह ने लिखा कि जहां एक तरफ दिल्ली के बाद पंजाब की AAP सरकार ने भी स्कूलों की फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी है, वहीं दूसरी ओर यूपी की योगी सरकार ने निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की अनुमति दे दी है.
वहीं, इस मामले में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने योगी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा- 'यूपी में आदित्यनाथ जी की सरकार ने प्राइवेट स्कूलों से मिलीभगत कर फीस बढ़ाने को छूट दे दी. लाखों बच्चों और उनके मां-बाप की हालत का ख़्याल नहीं रखा. काश हमने अपने बच्चों की फ़ीस और अच्छे स्कूल सवाल पर अपनी सरकार चुनी होती.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश के निजी स्कूलों की फीस बढ़ाने को लेकर लगी रोक हटा ली है. कोरोना महामारी के चलते यह रोक लगाई गई थी. इसके बाद स्कूल प्रबंधनों को फीस बढ़ाने की छूट मिल गई है. आदेश में कहा गया है कि छात्रहित और जनहित में शैक्षणिक सत्र 2020-21 और साल 2021-22 में शुल्क वृद्धि के शासनादेश जब जारी किए गए थे तब आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 लागू था.
मौजूदा शैक्षणिक सत्र में शुल्क वृद्धि न किए जाने का शासनादेश बीते 7 जनवरी को जब जारी किया गया, उस वक्त कोविड-19 की तीसरी लहर थी. आदेश के अनुसार विद्यालयों में फिजिकल पढ़ाई नही हो रही थी और कोरोना के मामलों की दर में भी वृद्धि हो रही थी. हालांकि, अब स्थिति सामान्य हो रही है.
जानिए कितनी बढ़ेगी फीस: अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के सभी निजी विद्यालय वर्तमान सत्र 2022-23 में अपने कक्षावार निर्धारित मासिक कम्पोजिट शुल्क में 10% तक की अधिकतम वृद्धि करेंगे. कोई भी निजी विद्यालय 10% से अधिक शुल्क की वृद्धि नहीं करेगा. ऐसा उत्तर प्रदेश की सभी एसोसिएशन ने आम सहमति से निर्णय लिया है.
यह वृद्धि सत्र 2020 में जो शुल्क लिया जा रहा था, उसके आधार पर होगी. उदाहरण के तौर पर यदि किसी विद्यालय में कक्षा एक की फीस सत्र 2020 फीस में हजार रुपये थी तो वह बढ़कर अधिकतम 1100 रुपये होगी. यदि कोई निजी विद्यालय चाहेगा तो वह इससे कम की वृद्धि कर सकता है. लेकिन अधिकतम वृद्धि 10% से ज्यादा की नहीं की जाएगी. यह निर्णय आम सहमति से सभी निजी विद्यालयों ने लिया है और उसमें सभी एसोसिएशन की सहमति भी है.
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