लखनऊ: राजधानी के इटौंजा थाना क्षेत्र के किसान गोविन्द लोधी (46) की बीती रात दस बजे अस्पताल में मौत हो गई. परिजनों के आरोप के मुताबिक किसान को इटौंजा पुलिस गांव से पीटते हुए 24 जून को थाने ले गई थी और उसकी जमकर लात घूसों और पट्टे से पिटाई की थी. किसान को मारने-पीटने के बाद पुलिस ने उस पर शांति भंग करने का आरोप लगाते हुए चालान कर दिया था.
परिवार वालों ने बताया कि गोविंद जब घर लौटा तो रात में उसे खून की उल्टी होने लगी. जिसके बाद गोविंद ने अपने साथ इटौंजा थाने में घटित पुलिस की बर्बरता की घटना परिवार वालों को बताई. रात में उसकी तबियत बिगड़ने पर उसे लखनऊ के केके अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में गोविन्द लोधी की उपचार के दौरान मौत हो गई.
पुलिस ने आरोप को किया खारिज
पुलिस प्रशासन मृतक के परिवारवालों द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बेबुनियाद करार दिया. एसपी ग्रामीण के मीडिया सेल ग्रुप पर मृतक के परिजनों के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए सफाई जारी की गई.
सड़क पर शव रख लगाया जाम
शनिवार की शाम को जब किसान का शव इटौंजा में शिवपुरी मोड़ पहुंचा तो गांव में कोहराम मच गया. ग्रामीण दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई और गिरफ्तारी की जिद पर अड़ गए. ग्रामीणों ने सीतापुर रोड पर शव रखकर जमकर हंगामा किया.
सीओ ने दिलाया जांच का भरोसा
घटना की जानकारी होने पर बीकेटी के सीओ डॉ. हृदयेश कठेरिया ने मृतक के परिवार वालों को आश्वासन दिया, तब जाकर परिजनों ने रास्ते से शव को हटाया.
दोषियों पर होगी कार्रवाई
सीओ डॉ. हृदयेश कठेरिया ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है, जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
तमिलनाडु में हुई ऐसी ही घटना
ऐसी ही एक घटना तमिलनाडु के तूतुकुड़ी में हुई, जहां पुलिस हिरासत में बाप-बेटे की मौत होने का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन का उल्लंघन और पुलिस के साथ बहस करने के आरोप में पुलिस ने बाप-बेटे को हिरासत में लिया था. पुलिस हिरासत में हुई कथित हिंसा के बाद दोनों की मौत हो गई. इस घटना के बाद तमिलनाडु पुलिस आलोचना के घेरे में है.