लखनऊ : यूपी के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके इसके लिए प्रदेश सरकार लगातार सुधार के लिए बड़े कदम उठा रही है. मरीजों को घर के नजदीक उपचार उपलब्ध कराने की सरकार की मुहीम धीरे-धीरे रंग ला रही है. एक साल में करीब 99 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व नगरीय हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में मरीजों को इलाज मिलने की राह आसान हुई है. प्रदेश भर से मरीज पीजीआई, लोहिया और केजीएमयू जैसे बड़े अस्पताल पहुंचते हैं, जिसके कारण इन अस्पतालों में मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब जो व्यक्ति जिस जिले में है और जिस क्षेत्र में है उसे वहीं पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी.
सरकारी अस्पतालों में ओपीडी में रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. इसकी बड़ी वजह अस्पतालों में संसाधनों का बढ़ाया जाना है. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने कहा कि डॉक्टर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ तक की संख्या में वृद्धि हुई है. आधुनिक मशीनें अस्पतालों में स्थापित की जा रही हैं. टेलीमेडिसिन व टेली रेडियोलॉजी से अस्पतालों को जोड़ा जा रहा है, वहीं नए अस्पतालों का निर्माण कार्य भी तेज हुआ है. 2017 से लेकर अब तक बड़ी संख्या में नगरीय क्षेत्र के अस्पतालों में वृद्धि की गई है. मौजूदा समय में 603 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) संचालित हो रहे हैं. 508 नगरीय हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचवीएस) में मरीजों को इलाज मिल रहा है. इनमें लगातार रोगी इलाज का लाभ ले रहे हैं.
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने कहा कि नगरीय अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त डॉक्टर की सलाह से लेकर जांच तक की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. दवाएं भी फ्री दी जा रही हैं. मरीजों को घर के पास इलाज मिलने से काफी सहूलियत हो रही है, वहीं बड़े अस्पतालों पर मरीजों का दबाव भी कम हो रहा है. इससे गंभीर मरीजों को और बेहतर इलाज मिलने की राह आसान हो रही है.
वर्ष नगरीय पीएचसी नगरीय एचवीएस
2017-18 574 0
2018-19 592 383
2019-20 592 393
2020-21 593 419
2021-22 603 508
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