लखनऊ: वन विभाग (forest department) ने उत्तर प्रदेश में 950 विभिन्न प्रजातियों के वृक्षों को विरासत वृक्ष घोषित कर दिया है. इन वृक्षों को संरक्षित करने में वन विभाग लगा हुआ है. इसके साथ ही प्रदेश की जनता से इन वृक्षों को सहेजने की अपील भी कर रहा है. यह वृक्ष बहुत सी लोक कथाओं से जुड़े हुए हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव पवन कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 950 से अधिक वृक्षों को हेरीटेज ट्री (heritage tree) घोषित किया गया है. उन्हें चिह्नित भी किया जा चुका है. इसके लिए एक हाई पावर टेक्निकल कमेटी बनाई गई है. ये कमेटी सभी जनपदों से डीएफओ के माध्यम से रिपोर्ट लेकर प्रदेश के समस्त जनपदों में विरासत वृक्षों को चिह्नित करेगी. सबसे खास बात यह है कि यह वृक्ष धार्मिक मान्यता, ऐतिहासिक घटनाओं और लोक कथाओं से जुड़े हुए हैं. ऐसे में इन वृक्षों का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है.
वन विभाग जारी करेगा कॉफी टेबल बुक
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव पवन कुमार शर्मा ने बताया कि इन वृक्षों से जुड़ीं ऐतिहासिक घटनाओं, धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ उनके परिचय के लिए वन विभाग (forest department) कॉफी टेबल बुक लॉन्च करेगा. इस बुक में इन वृक्षों के बारे में पूरी जानकारी होगी. इससे लोग इन वृक्षों के बारे में और अधिक जानकारी हासिल कर पाएंगे.
टूरिज्म को बढ़ाना है मकसद
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव पवन कुमार शर्मा ने बताया कि इतिहास समेटे और धार्मिक मान्यताओं से परिपूर्ण इन विरासत वृक्षों के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी. इससे ये वृक्ष उत्तर प्रदेश में टूरिज्म (tourism) को बढ़ावा देने में मददगार साबित होंगे.
वृक्षों की 27 प्रजातियां हैं शामिल
प्रधान मुख्य वन संरक्षक पवन कुमार शर्मा ने बताया कि 950 चिह्नित किए गए हैं. विरासत वृक्षों (heritage ped) में से 27 वृक्ष प्रजातियां प्रमुख हैं. इनमें से पीपल, बरगद, पाकर, गूलर प्रमुख हैं. इसके साथ ही पारिजात के वृक्ष का विशेष महत्व है. प्रदेश में 14 वृक्ष चयनित किए गए हैं. इसके साथ ही करील, कदम, नीम, हल्दुआ, शीशम के वृक्षों का भी चयन किया गया है. बहुत जल्द ही काफी टेबल बुक(coffee table book) लांच कर दी जाएगी. इससे लोगों को इन वृक्षों के ऐतिहासिक, धार्मिक महत्व और इनसे जुड़ीं लोक कथाओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी.