लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले में बढ़ोतरी देखी जा रही है. जहां गुरुवार की सुबह कोरोना के नए 82 मरीज पाए गए हैं. इस दौरान सीएम योगी ने होम आइसोलेशन के मरीजों की कड़ी निगरानी के आदेश दिए हैं. वहीं, फाइनल रिपोर्ट दोपहर बाद आएगी.
बुधवार को 24 घंटे में 1 लाख 26 हजार से अधिक टेस्ट किए गए. इसमें 179 केस मिले. जिसमें सर्वाधिक केस नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, मेरठ में रिपोर्ट किए गए. इस दौरान 231 मरीज स्वस्थ्य होने पर डिस्चार्ज किया गया.
यूपी में देश में सर्वाधिक 11 करोड़ 23 लाख से अधिक टेस्ट किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 53.2 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक हैं. इस दौरान केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश हैं. दूसरी लहर में सिर्फ 2 डेल्टा प्लस के केस रहे. वहीं, 90 फीसद से ज्यादा डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया. अब तीसरी लहर में 90 फीसद ओमिक्रोन वैरिएंट पाया गया है. 17 जनवरी को दैनिक संक्रमण दर 7.11 फीसद, 19 जनवरी को सबसे अधिक 7.78 फीसद थी, जो अप्रैल शुरू में घटकर 0.1 फीसद पर आ गई. अब संक्रमण दर 2 फीसद हो गई है. वहीं रिकवरी रेट 98.8 फीसद है.
अब तक 359 ओमीक्रोन के मरीज
17 दिसंबर को गाजियाबाद में 2 मरीजों में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई है. ये दोनों मरीज महाराष्ट्र से आये थे. वहीं, 25 दिसंबर को रायबरेली की महिला में ओमीक्रोन वैरिएंट पाया गया. यह महिला अमेरिका से आई थी. 4 जनवरी को 23 मरीज मिले. अब तक कुल 526 सैंपल की जीन सीक्वेंसिंग की गई. जिसमें 359 ओमीक्रोन के मरीज पाए गए हैं.
1,432 एक्टिव केस
राज्य में जनवरी शुरुआत में तीसरी लहर पीक पर थी. इस दौरान एक लाख 16 हजार 366 एक्टिव केस थे. वहीं, अब 1,432 एक्टिव केस रह गए हैं. अस्पतालों में 551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए हैं. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अस्पतालों को दिए गए.
मास्क और ट्रिपल टी पर जोर
मुख्यमंत्री योगी ने टीम-9 की बैठक में लखनऊ व एनसीआर के जिलों में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है. इसमें गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर, बागपत शहरों में सख्ती से नियम को पालन करने के लिए कहा गया है. साथ ही टीकाकरण पर जोर देने का निर्देश है.
गोरखपुर में सतर्कता और सावधानी के बावजूद बढ़ रहे मामले
सतर्कता और सावधानी बरतने के बावजूद भी गोरखपुर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले एक सप्ताह में संक्रमितों की संख्या 2 से 5 हो गई है. यही वजह है कि अब बुखार और सांस के रोगियों की कोविड जांच अनिवार्य कर दी गई है. कोविड जांच केंद्र पर पहले जैसी भीड़ तो नहीं आ रही, लेकिन जो अस्पताल किसी इलाज के लिए आ रहे हैं उन्हें कोविड जांच कराना ही पड़ रहा है. हालांकि मार्च माह में कोरोना के तीसरी लहर के ग्राफ में गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन अप्रैल में 6 और मई के शुरुआती दिनों में इसकी संख्या 9 होने के बाद सतर्कता में और तेजी बढ़ा दी गई है.
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