लखनऊः राजधानी में ऑक्सीजन का संकट बरकरार है. दूसरे प्रदेशों से लगातार ऑक्सीजन आ रही है. इसके बावजूद मरीजों की दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं. कारण, छोटे अस्पतालों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. नतीजतन 800 से ज्यादा बेड अस्पतालों में खाली पड़े हैं. इन अस्पतालों में मरीजों की भर्ती नहीं हो पा रही है.
भर्ती के अभाव में तड़प रहे मरीज
बड़ी संख्या में मरीज ऑक्सीजन के अभाव में घर में ही बेहाल पड़े हैं. परिवारीजन ऑक्सीजन के लिए भटक रहे हैं. ऑक्सीजन प्लांट में रात से लाइन लगा रहे हैं. पांच से आठ घंटे लाइन में लगने के बाद भी ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. इसी तरह छोटे अस्पतालों को भी ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. कुछ बड़े अस्पतालों में मांग से बेहद कम ऑक्सीजन मिल रही है. इसमें मेयो, कुर्सी रोड स्थित सांई हॉस्पिटल, इंटीग्रल, राजधानी, कैरियर समेत दूसरे अस्पताल शामिल हैं.
मांग के मुताबिक नहीं मिल रही ऑक्सीजन
जिला प्रशासन ने 55 अस्पतालों को अधिग्रहीत किया है. ये अस्पताल 20 से 50 बेड के हैं. इनमें से 60 प्रतिशत अस्पतालों को मांग के मुताबिक ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. इस वजह से मरीजों की भर्ती ठप पड़ी है. पुराने मरीजों को भी डिस्चार्ज किया जा रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि यदि छोटे अस्पतालों को मांग के मुताबिक ऑक्सीजन मिल जाए तो 800 बेड बढ़ने की उम्मीद है. इससे गंभीर मरीजों को राहत मिल सकती है. मरीजों की भाग-दौड़ भी कम हो सकती है.
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ऑक्सीजन आपूर्ति में गड़बड़ी, महिला की मौत
बलरामपुर अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती महिला मरीज की मौत हो गई. परिवारीजनों का आरोप हैं कि ऑक्सीजन प्वांइट में गड़बड़ी आ गई थी. ऑक्सीजन मिलने में दिक्कत से मरीज की मौत हुई. परिजनों ने समुचित इलाज न मिलने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. आईआईएम रोड निवासी अर्चना सिंह (29) एक हफ्ते पहले कोरोना संक्रमित हुई थीं. शनिवार को हालत गंभीर हुई. परिजन उन्हें लेकर बलरामपुर अस्पताल पहुंचे. भर्ती के बाद इलाज शुरू हुआ. इसके बावजूद ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट जारी रही. रात में उनके बेड पर लगा ऑक्सीजन प्वांइट गड़बड़ हो गया था.