लखनऊ: देश को स्वतंत्रता दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले वीर सपूतों की याद में काकोरी शहीद मंदिर का निर्माण किया गया था. शनिवार को संध्या के समय पुलिस फोर्स और सीआरपीएफ की मौजूदगी में वीर सपूतों को याद करते हुए संगीत की प्रस्तुति के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. इस दौरान बैंड द्वारा 'सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना, बाजुए कातिल में है' को बजाकर देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीद क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल को याद किया गया.
राम प्रसाद बिस्मिल द्वारा लिखी गई चंद लाइनें...
मुलजिम हमको मत कहिए बड़ा अफसोस होता है,
अदालत के अदब से यहां तशरीफ़ लाए हैं.
पलट देते हैं हम मौजे हवादिस अपनी जरूरत से,
कि हमने आंधियों में भी चिराग अक्सर जलाए हैं.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डीआईजी सीआरपीएफ दिनेश कुमार उपाध्याय मौजूद रहे. डीआईजी के स्वागत में शहीदों को याद करते हुए बैंड संचालक हवलदार तेज बहादुर सिंह ने टीम के साथ देशभक्ति संगीत की प्रस्तुति दी. डीआईजी दिनेश कुमार उपाध्याय ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि देश को स्वतंत्रता दिलाने में राम प्रसाद बिस्मिल की अहम भूमिका है. सीआरपीएफ के बैंड टीम का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि वे हर बार मौका मिलने पर यहां आएंगे.
ये भी पढ़ें: कोविड-19 वार्ड में कोरोना वॉरिर्यस कुछ इस तरह मना रहे हैं स्वतंत्रता दिवस..