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69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण मामले के अभ्यर्थी भूख हड़ताल पर बैठे, कहा-500 दिनों से संघर्ष के बाद भी सरकार सुनने को तैयार नहीं - 69000 शिक्षक भर्ती

69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में हुई विसंगति के कारण नियुक्ति पाने से वंचित रहे अभ्यार्थियों का धैर्य टूटने लगा है. बीते 500 दिन से संघर्ष कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि अब संघर्ष करना मुश्किल हो गया है. इसलिए भूख हड़ताल ही अंतिम लड़ाई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 25, 2023, 9:49 PM IST

लखनऊ : 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में हुई विसंगति के कारण नियुक्ति पाने से वंचित दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार से धरनास्थल इको गार्डन में भूख हड़ताल शुरू कर दी. यहां सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर धरना स्थल इको गार्डन के बाहर गेट के सामने पिछले 558 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे थे. आरक्षण विसंगति प्रकरण पर अभ्यर्थियों ने बताया कि इस मामले को बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी लगातार लटकाए हुए हैं. बीते साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद भी प्रदेश सरकार की ओर से नियुक्ति नहीं दी गई हैं. इसको लेकर मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश सरकार के हर मंत्री की चौखट तक आवाज पहुंचाई गई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है. इसके बाद अब अमरेंद्र पटेल के साथ वीरेंद्र यादव, धर्मवीर प्रजापति, अन्नू पटेल, अर्चना शर्मा, भूख हड़ताल पर बैठ गई हैं.

भूख हड़ताल पर बैठे 69000 शिक्षक भर्ती के वंचित अभ्ययर्थी.
भूख हड़ताल पर बैठे 69000 शिक्षक भर्ती के वंचित अभ्ययर्थी.
मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक कोई सही जवाब नहीं दे रहा : बीते 558 दिनों से प्रदर्शन कर रहे 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों का कहना है कि आरक्षण में हुई विसंगतियों को दूर करने के लिए वे प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री से लेकर अपने समाज के विभिन्न मंत्रियों के दरवाजे तक अपनी गुहार लगा चुके हैं. विभागीय अधिकारी मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को सही जानकारी नहीं दे रहे है. जिस कारण से यह मामला बढ़ता चला जा रहा है. अधिकारीयों का यही रवैया कोर्ट में भी है. सरकार के इस रवैया से आहत होकर अभ्यर्थियों ने अब अपने लड़ाई को अंतिम पड़ाव पर ले आए हैं कि अब या तो उन्हें नियुक्ति मिलेगी या फिर वह भूख से अपना जीवन त्याग देंगे. अभ्यर्थियों का कहना है कि उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कराई जाए क्योंकि उन्हीं से हुई मुलाकात के बाद ही आरक्षित वर्ग के 6800 चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी हुई थी. भूख हड़ताल पर बैठे अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि मामले का निस्तारण नहीं किया जाता है तो यह भूख हड़ताल जारी रहेगी.
भूख हड़ताल पर बैठे 69000 शिक्षक भर्ती के वंचित अभ्ययर्थी.
भूख हड़ताल पर बैठे 69000 शिक्षक भर्ती के वंचित अभ्ययर्थी.


आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता : भूख हड़ताल पर बैठे अमरेंद्र पटेल ने बताया की 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई. जिस कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया. इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीड़ित दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने आदेश अधिकारियों को दिया था. जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल सका. हमारी मांग है कf सरकार इस मामले का त्वरित समाधान निकाले और सभी 6800 चयनित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों का हक अधिकार देते हुए उनकी नियुक्ति करे.


यह भी पढ़ें : विधानसभा भवन का घेराव करने जा रहे शिक्षक अभ्यर्थियों को पुलिस ने रोका, जानिए नियुक्ति में क्या फंसा है पेंच

69000 शिक्षक भर्ती : अभ्यार्थियों ने आरक्षण विसंगति को लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद से की मुलाकात, मिला आश्वासन

लखनऊ : 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में हुई विसंगति के कारण नियुक्ति पाने से वंचित दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार से धरनास्थल इको गार्डन में भूख हड़ताल शुरू कर दी. यहां सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर धरना स्थल इको गार्डन के बाहर गेट के सामने पिछले 558 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे थे. आरक्षण विसंगति प्रकरण पर अभ्यर्थियों ने बताया कि इस मामले को बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी लगातार लटकाए हुए हैं. बीते साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद भी प्रदेश सरकार की ओर से नियुक्ति नहीं दी गई हैं. इसको लेकर मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश सरकार के हर मंत्री की चौखट तक आवाज पहुंचाई गई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है. इसके बाद अब अमरेंद्र पटेल के साथ वीरेंद्र यादव, धर्मवीर प्रजापति, अन्नू पटेल, अर्चना शर्मा, भूख हड़ताल पर बैठ गई हैं.

भूख हड़ताल पर बैठे 69000 शिक्षक भर्ती के वंचित अभ्ययर्थी.
भूख हड़ताल पर बैठे 69000 शिक्षक भर्ती के वंचित अभ्ययर्थी.
मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक कोई सही जवाब नहीं दे रहा : बीते 558 दिनों से प्रदर्शन कर रहे 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों का कहना है कि आरक्षण में हुई विसंगतियों को दूर करने के लिए वे प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री से लेकर अपने समाज के विभिन्न मंत्रियों के दरवाजे तक अपनी गुहार लगा चुके हैं. विभागीय अधिकारी मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को सही जानकारी नहीं दे रहे है. जिस कारण से यह मामला बढ़ता चला जा रहा है. अधिकारीयों का यही रवैया कोर्ट में भी है. सरकार के इस रवैया से आहत होकर अभ्यर्थियों ने अब अपने लड़ाई को अंतिम पड़ाव पर ले आए हैं कि अब या तो उन्हें नियुक्ति मिलेगी या फिर वह भूख से अपना जीवन त्याग देंगे. अभ्यर्थियों का कहना है कि उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कराई जाए क्योंकि उन्हीं से हुई मुलाकात के बाद ही आरक्षित वर्ग के 6800 चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी हुई थी. भूख हड़ताल पर बैठे अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि मामले का निस्तारण नहीं किया जाता है तो यह भूख हड़ताल जारी रहेगी.
भूख हड़ताल पर बैठे 69000 शिक्षक भर्ती के वंचित अभ्ययर्थी.
भूख हड़ताल पर बैठे 69000 शिक्षक भर्ती के वंचित अभ्ययर्थी.


आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता : भूख हड़ताल पर बैठे अमरेंद्र पटेल ने बताया की 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई. जिस कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया. इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीड़ित दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने आदेश अधिकारियों को दिया था. जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल सका. हमारी मांग है कf सरकार इस मामले का त्वरित समाधान निकाले और सभी 6800 चयनित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों का हक अधिकार देते हुए उनकी नियुक्ति करे.


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