लखनऊः महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) श्रमिकों को दीपावली से तोहफा मिला है. सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के स्तर पर किए गए प्रयास के बाद मनरेगा श्रमिकों का अगस्त से लंबित मजदूरी का भुगतान किया गया है. मनरेगा श्रमिकों के लिए 657.92 करोड़ की धनराशि का भुगतान किया गया है.
मनरेगा श्रमिकों की 24 अगस्त से लंबित मजदूरी का भुगतान मंगलवार को कर दिया गया है. मनरेगा श्रमिकों द्वारा अकुशल श्रम के रूप में किए गए कार्य के बदले 657.92 करोड़ की धनराशि भुगतान होनी शेष थी. योगी सरकार द्वारा दीपावली पर्व को देखते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत से समन्वय स्थापित कर 657.92 करोड़ की धनराशि श्रमिकों को भुगतान के लिए दिया गया है.
ग्राम्य विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विगत कई दिनों से मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी भुगतान धनराशि के अभाव में नहीं हो पा रहा था. राज्य सरकार की तरफ से मनरेगा श्रमिकों के हितों एवं दीपावली पर्व को देखते हुए केंद्र सरकार से 1219.67 करोड़ की धनराशि अवमुक्त कराकर सभी श्रमिकों के मजदूरी का भुगतान बैंकों के माध्यम से करा दिया गया है. इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा स्थाई परिसंपत्तियों के सृजन के लिए सामग्री अंश में 728.00 प्राप्त कर अब तक 390.00 करोड़ का भुगतान कर किया जा चुका है.
इसे भी पढ़ें-मनरेगा के खजाने में फंड नहीं, केंद्र जारी करे पैसा : निखिल डे
उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MNREGA) देश में ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार एवं आजीविका प्रदान करती है. इसका उद्देश्य वित्तीय वर्ष में 100 दिन रोजगार प्रदान करना है. यह दुनिया के एकमात्र ऐसी योजना है जो रोजगार की गारंटी देती है. नौकरी नहीं मिलने की स्थिति में लाभार्थी बेरोजगारी भत्ते का दावा कर सकते हैं. 2006 में UPA के शासनकाल में इस योजना की शुरुआत हुई थी.