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लखनऊ: 65 स्वास्थ्य कर्मचारी क्वारंटाइन, ऐसे संभाला जा रहा है केजीएमयू का ट्रॉमा सेंटर

प्रदेश के केजीएमयू में 65 स्वास्थ्य कर्मचारियों को क्वारंटाइन किए जाने के बाद वहां चिकित्सा सुविधाएं प्रभावित न हों, इसके लिए केजीएमयू प्रशासन जी-जान से जुटा है. इस मामले के बाद केजीएमयू के हालात जानने के लिए ईटीवी भारत ने केजीएमयू कार्य परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अतुल उपाध्याय और महामंत्री राजन यादव से बातचीत की.

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ईटीवी भारत ने केजीएमयू कार्य परिषद से बात की.
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Published : Apr 15, 2020, 9:43 AM IST

लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर में शनिवार को 1 मरीज भर्ती किया गया था. 24 घंटे बाद उस मरीज की कोरोना वायरस की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद ट्रॉमा सेंटर के 65 स्वास्थ्य कर्मचारियों को क्वारंटाइन कर दिया गया. ऐसे में ट्रॉमा सेंटर की कार्यक्षमता प्रभावित न हो पाए इसके लिए के केजीएमयू प्रशासन जी जान से जुटा है.

ईटीवी भारत ने केजीएमयू कार्य परिषद से बात की.

65 स्वास्थ्य कर्मचारी किए गए क्वारंटाइन

केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में कोरोना संदिग्ध मरीज में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद अचानक रेजिडेंट डॉक्टर्स, स्टॉफ नर्स, वार्डबॉय, सिक्योरिटी गार्ड, पीआरओ और सफाई कर्मचारियों समेत 65 लोगों को क्वारंटाइन करना पड़ा. इस वजह से ट्रॉमा सेंटर की कार्यक्षमता का प्रभावित होना लाजमी है, लेकिन केजीएमयू कार्य परिषद के सदस्यों और केजीएमयू प्रशासन ने मिलकर ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्था को प्रभावित होने से बचाने की कवायद शुरू कर दी है.

ईटीवी भारत ने जाना हाल
केजीएमयू की अचानक बिगड़ी व्यवस्था के बाद के हालात जानने के लिए ईटीवी भारत की संवाददाता ने केजीएमयू कार्य परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अतुल उपाध्याय और महामंत्री राजन यादव से बात-चीत की.

बातचीत में केजीएमयू कार्य परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अतुल्य उपाध्याय कहते हैं कि अचानक 65 स्वास्थ्य कर्मचारियों के क्वारंटाइन किए जाने की वजह से बेहद थोड़े समय के लिए कार्यशैली प्रभावित हुई, लेकिन उन्होंने उसे मैनेज करने की कोशिश की है.

ट्रॉमा सेंटर एक ऐसी जगह है जहां पर देशभर से मरीज आते हैं ऐसे में इस जगह का सुचारू रूप से चलना बेहद जरूरी है. इसके लिए केजीएमयू प्रशासन ने ओपीडी और उन विभागों जो इमरजेंसी सेवाओं में नहीं आते हैं, के स्टॉफ को बुलाकर ट्रॉमा सेंटर में लगाया है.

'क्वारंटाइन किए गए सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों की हो रही जांच'
इस बारे में केजीएमयू कार्य परिषद के महामंत्री राजन यादव का कहना है कि क्वारंटाइन किए गए सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को ट्राइएज में रखा गया है, और उनकी जांच की जा रही है. इस तरह की घटना आगे न हो इसके लिए केजीएमयू प्रशासन ने कुछ कदम उठाए हैं.

ट्रामा सेंटर में आने वाले हर मरीज की होगी स्क्रीनिंग

राजन यादव ने बताया कि अब केजीएमयू के जिरियाट्रिक मेडिसिन विभाग में बने चाइल्ड साइकोलॉजी डिपार्टमेंट में ट्रामा सेंटर में आने वाले हर मरीज की पहले स्क्रीनिंग की जाएगी. यदि उनमें किसी भी मरीज को सांस संबंधी परेशानी या कोरोना सस्पेक्ट पाया जाएगा तो उसे ट्राइएज में भेजा जाएगा. वहीं वायरल या अन्य कोई परेशानी होने पर मरीजों को ओपीडी में भेजा जाएगा.

मेडिसिन विभाग को पूरी तरह किया गया बंद
फिलहाल इन 65 स्वास्थ्य कर्मचारियों को क्वारंटाइन किया गया है और ट्रामा सेंटर के मेडिसिन विभाग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. इसके अलावा कैजुअल्टी बोर्ड को भी सैनिटाइज किया जाएगा, जिसके लिए उसे भी कुछ दिन के लिए बंद रखा जाएगा.

लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर में शनिवार को 1 मरीज भर्ती किया गया था. 24 घंटे बाद उस मरीज की कोरोना वायरस की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद ट्रॉमा सेंटर के 65 स्वास्थ्य कर्मचारियों को क्वारंटाइन कर दिया गया. ऐसे में ट्रॉमा सेंटर की कार्यक्षमता प्रभावित न हो पाए इसके लिए के केजीएमयू प्रशासन जी जान से जुटा है.

ईटीवी भारत ने केजीएमयू कार्य परिषद से बात की.

65 स्वास्थ्य कर्मचारी किए गए क्वारंटाइन

केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में कोरोना संदिग्ध मरीज में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद अचानक रेजिडेंट डॉक्टर्स, स्टॉफ नर्स, वार्डबॉय, सिक्योरिटी गार्ड, पीआरओ और सफाई कर्मचारियों समेत 65 लोगों को क्वारंटाइन करना पड़ा. इस वजह से ट्रॉमा सेंटर की कार्यक्षमता का प्रभावित होना लाजमी है, लेकिन केजीएमयू कार्य परिषद के सदस्यों और केजीएमयू प्रशासन ने मिलकर ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्था को प्रभावित होने से बचाने की कवायद शुरू कर दी है.

ईटीवी भारत ने जाना हाल
केजीएमयू की अचानक बिगड़ी व्यवस्था के बाद के हालात जानने के लिए ईटीवी भारत की संवाददाता ने केजीएमयू कार्य परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अतुल उपाध्याय और महामंत्री राजन यादव से बात-चीत की.

बातचीत में केजीएमयू कार्य परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अतुल्य उपाध्याय कहते हैं कि अचानक 65 स्वास्थ्य कर्मचारियों के क्वारंटाइन किए जाने की वजह से बेहद थोड़े समय के लिए कार्यशैली प्रभावित हुई, लेकिन उन्होंने उसे मैनेज करने की कोशिश की है.

ट्रॉमा सेंटर एक ऐसी जगह है जहां पर देशभर से मरीज आते हैं ऐसे में इस जगह का सुचारू रूप से चलना बेहद जरूरी है. इसके लिए केजीएमयू प्रशासन ने ओपीडी और उन विभागों जो इमरजेंसी सेवाओं में नहीं आते हैं, के स्टॉफ को बुलाकर ट्रॉमा सेंटर में लगाया है.

'क्वारंटाइन किए गए सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों की हो रही जांच'
इस बारे में केजीएमयू कार्य परिषद के महामंत्री राजन यादव का कहना है कि क्वारंटाइन किए गए सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को ट्राइएज में रखा गया है, और उनकी जांच की जा रही है. इस तरह की घटना आगे न हो इसके लिए केजीएमयू प्रशासन ने कुछ कदम उठाए हैं.

ट्रामा सेंटर में आने वाले हर मरीज की होगी स्क्रीनिंग

राजन यादव ने बताया कि अब केजीएमयू के जिरियाट्रिक मेडिसिन विभाग में बने चाइल्ड साइकोलॉजी डिपार्टमेंट में ट्रामा सेंटर में आने वाले हर मरीज की पहले स्क्रीनिंग की जाएगी. यदि उनमें किसी भी मरीज को सांस संबंधी परेशानी या कोरोना सस्पेक्ट पाया जाएगा तो उसे ट्राइएज में भेजा जाएगा. वहीं वायरल या अन्य कोई परेशानी होने पर मरीजों को ओपीडी में भेजा जाएगा.

मेडिसिन विभाग को पूरी तरह किया गया बंद
फिलहाल इन 65 स्वास्थ्य कर्मचारियों को क्वारंटाइन किया गया है और ट्रामा सेंटर के मेडिसिन विभाग को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. इसके अलावा कैजुअल्टी बोर्ड को भी सैनिटाइज किया जाएगा, जिसके लिए उसे भी कुछ दिन के लिए बंद रखा जाएगा.

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