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62% लोगों ने कहा, पूरे प्रोटोकोल के साथ 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए शुरू हो ऑफलाइन क्लासेस

उत्तर प्रदेश में स्कूली बच्चों की ऑफलाइन क्लासेस कब से शुरू होगी? यह एक बड़ा सवाल है. निजी स्कूलों के संगठन की ओर से 19 जुलाई से ऑफलाइन क्लासेस शुरू किए जाने का सुझाव सरकार को भेजा गया है. सरकार इस मामले पर चुप हैं. इस गंभीर मुद्दे पर लोगों की राय जानने के लिए हमने सोशल मीडिया पर एक सर्वे किया. पूछा कि क्या निजी स्कूल संगठन के प्रस्ताव के मुताबिक 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं के छात्र छात्राओं के लिए ऑफलाइन क्लासेस 19 जुलाई से शुरू होनी चाहिए ? इस रिपोर्ट में जानिए क्या रहे सर्वे के नतीजे.

जानिए क्या रहे सर्वे के नतीजे.
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Published : Jul 17, 2021, 9:52 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में स्कूली बच्चों की ऑफलाइन क्लासेस कब से शुरू होगी? यह एक बड़ा सवाल है. निजी स्कूलों के संगठन की ओर से 19 जुलाई से ऑफलाइन क्लासेस शुरू किए जाने का सुझाव सरकार को भेजा गया है. सरकार इस मामले पर चुप हैं. इस गंभीर मुद्दे पर लोगों की राय जानने के लिए हमने सोशल मीडिया पर एक सर्वे किया. पूछा कि क्या निजी स्कूल संगठन के प्रस्ताव के मुताबिक 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं के छात्र छात्राओं के लिए ऑफलाइन क्लासेस 19 जुलाई से शुरू होनी चाहिए ?

जानिए क्या रहे सर्वे के नतीजे.
जानिए क्या रहे सर्वे के नतीजे.
इस सर्वे में शामिल हुए 62% लोगों की तरफ से स्कूलों में ऑफलाइन क्लासेस शुरू करने पर अपनी सहमति जताई है. हालांकि इस दौरान उनकी ओर से बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताते हुए शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा के विशेष उपाय किए जाने का भी सुझाव रखा गया है. इस सर्वे में करीब 447 लोगों ने अपने वोट दिया है. इनमें, 38% की ओर से फिलहाल ऑफलाइन क्लासेस न शुरू किए जाने को लेकर अपना वोट दिया है. ऑफलाइन क्लासेस के पक्ष में यह है तर्क
  • डॉ. आदित्य पांडे का कहना है कि बच्चों के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है. कब तक स्कूल से दूर रखना सही होगा? इसलिए बेहतर होगा कि हम एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपनी आवाज उठाते हुए पूरी सुरक्षा के साथ ऑफलाइन क्लासेस शुरू किए जाने की बात करें.
  • रोया सिद्दीकी का कहना है कि मॉल, सिनेमा हॉल से लेकर सभी बाजारों को खोल दिया गया है. सुरक्षा के साथ सभी को वहां जाने की अनुमति दे दी गई है. हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर हैं. तब स्कूल खोलने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है.
  • राजेश कुमार त्रिवेदी का कहना है कि बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है. स्कूल न जाने के कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इन हालातों में कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ में ऑफलाइन क्लास शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
    जानिए क्या रहे सर्वे के नतीजे.
    जानिए क्या रहे सर्वे के नतीजे.




    अभी खतरनाक, बिना वैक्सीनेशन न हो शुरुआत

    स्कूल में ऑफलाइन क्लासेज न शुरू करने के पक्ष में वोट करने वाले लोगों के अपने तर्क हैं.
  • अभय गुप्ता का कहना है कि किसी भी सूरत में स्कूल मैं ऑफलाइन क्लासेस नहीं शुरू की जानी चाहिए. उनके मुताबिक छोटे बच्चों को संभाल पाना आसान नहीं है. छोटे बच्चों से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कर पाएंगे.
  • विपिन कुमार का कहना है कि वैक्सीनेशन न होने तक ऑफलाइन क्लासेस न शुरू की जाए. इससे पहले बच्चों को स्कूल भेजना बेहद जिसकी साबित हो सकता है.
  • अमन चौहान का कहना है कि निजी स्कूलों को पीस चाहिए. इसलिए वह लगातार ऑफलाइन क्लासेज को लेकर दबाव बनाने में लगे हुए हैं. अभी स्थितियां ठीक नहीं हैं. फिलहाल इंतजार किया जाए. स्थिति और सामान्य होने पर भी स्कूल खोले जाएं.


    यह है देश के दूसरे राज्यों की स्थिति
  • पुडुचेरी ने वापस लिया स्कूल खोलने का आदेश : केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की ओर से 16 जुलाई से स्कूल खोलने का फैसला लिया गया था. लेकिन अचानक 20 बच्चों के कोरोना संक्रमित होने के बाद सरकार की तरफ से यह फैसला वापस ले लिया.
  • हरियाणा में शुरू हुई ऑफलाइन क्लासेस : हरियाणा सरकार की तरफ से भी 16 जुलाई को ही स्कूल शुरू करने का आदेश दिया गया था. यहां पहले 9 से 12 तक के बच्चों को और उसके बाद 6 से 8 कक्षा तक के छात्र छात्राओं को बुलाने की तैयारी है.

  • दिल्ली सरकार ने किया इनकार : दिल्ली सरकार की तरफ से जारी एक बयान में साफ किया गया है कि हम लोग जोखिम नहीं उठाएंगे. स्कूल की ऑफलाइन कक्षा शुरू करने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार की तरफ से यह पक्ष रखा गया है.
  • महाराष्ट्र में स्कूल शुरू हुए : महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में कक्षा 8 से 12 तक की ऑफलाइन क्लास से शुरू की गई हैं. प्रदेश के ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जहां पिछले 1 महीने में कोविड-19 कोई मामला सामने नहीं आया है और ग्राम पंचायतों की तरफ से कोविड-19 टो कॉल का पालन करने की सहमति जताई गई है, वहां स्कूल खोलने की अनुमति दी गई है.
  • गुजरात में 12वीं कक्षा के लिए खोलें : गुजरात में 12वीं कक्षा के बच्चों के लिए ऑफलाइन क्लासेस शुरू की गई है. 50% प्रतिशत छात्र-छात्राओं को बुलाने की अनुमति है. बच्चों के लिए आना अनिवार्य नहीं किया गया है.

    मध्यप्रदेश में 26 जुलाई से कक्षा 11 और 12 के बच्चों को स्कूल बुलाने की तैयारी की जा रही. कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ 50% छात्र छात्राओं को ही कक्षा में बुलाने की अनुमति मिलेगी.


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में स्कूली बच्चों की ऑफलाइन क्लासेस कब से शुरू होगी? यह एक बड़ा सवाल है. निजी स्कूलों के संगठन की ओर से 19 जुलाई से ऑफलाइन क्लासेस शुरू किए जाने का सुझाव सरकार को भेजा गया है. सरकार इस मामले पर चुप हैं. इस गंभीर मुद्दे पर लोगों की राय जानने के लिए हमने सोशल मीडिया पर एक सर्वे किया. पूछा कि क्या निजी स्कूल संगठन के प्रस्ताव के मुताबिक 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं के छात्र छात्राओं के लिए ऑफलाइन क्लासेस 19 जुलाई से शुरू होनी चाहिए ?

जानिए क्या रहे सर्वे के नतीजे.
जानिए क्या रहे सर्वे के नतीजे.
इस सर्वे में शामिल हुए 62% लोगों की तरफ से स्कूलों में ऑफलाइन क्लासेस शुरू करने पर अपनी सहमति जताई है. हालांकि इस दौरान उनकी ओर से बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताते हुए शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा के विशेष उपाय किए जाने का भी सुझाव रखा गया है. इस सर्वे में करीब 447 लोगों ने अपने वोट दिया है. इनमें, 38% की ओर से फिलहाल ऑफलाइन क्लासेस न शुरू किए जाने को लेकर अपना वोट दिया है. ऑफलाइन क्लासेस के पक्ष में यह है तर्क
  • डॉ. आदित्य पांडे का कहना है कि बच्चों के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है. कब तक स्कूल से दूर रखना सही होगा? इसलिए बेहतर होगा कि हम एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपनी आवाज उठाते हुए पूरी सुरक्षा के साथ ऑफलाइन क्लासेस शुरू किए जाने की बात करें.
  • रोया सिद्दीकी का कहना है कि मॉल, सिनेमा हॉल से लेकर सभी बाजारों को खोल दिया गया है. सुरक्षा के साथ सभी को वहां जाने की अनुमति दे दी गई है. हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर हैं. तब स्कूल खोलने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है.
  • राजेश कुमार त्रिवेदी का कहना है कि बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है. स्कूल न जाने के कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इन हालातों में कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ में ऑफलाइन क्लास शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
    जानिए क्या रहे सर्वे के नतीजे.
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    अभी खतरनाक, बिना वैक्सीनेशन न हो शुरुआत

    स्कूल में ऑफलाइन क्लासेज न शुरू करने के पक्ष में वोट करने वाले लोगों के अपने तर्क हैं.
  • अभय गुप्ता का कहना है कि किसी भी सूरत में स्कूल मैं ऑफलाइन क्लासेस नहीं शुरू की जानी चाहिए. उनके मुताबिक छोटे बच्चों को संभाल पाना आसान नहीं है. छोटे बच्चों से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कर पाएंगे.
  • विपिन कुमार का कहना है कि वैक्सीनेशन न होने तक ऑफलाइन क्लासेस न शुरू की जाए. इससे पहले बच्चों को स्कूल भेजना बेहद जिसकी साबित हो सकता है.
  • अमन चौहान का कहना है कि निजी स्कूलों को पीस चाहिए. इसलिए वह लगातार ऑफलाइन क्लासेज को लेकर दबाव बनाने में लगे हुए हैं. अभी स्थितियां ठीक नहीं हैं. फिलहाल इंतजार किया जाए. स्थिति और सामान्य होने पर भी स्कूल खोले जाएं.


    यह है देश के दूसरे राज्यों की स्थिति
  • पुडुचेरी ने वापस लिया स्कूल खोलने का आदेश : केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की ओर से 16 जुलाई से स्कूल खोलने का फैसला लिया गया था. लेकिन अचानक 20 बच्चों के कोरोना संक्रमित होने के बाद सरकार की तरफ से यह फैसला वापस ले लिया.
  • हरियाणा में शुरू हुई ऑफलाइन क्लासेस : हरियाणा सरकार की तरफ से भी 16 जुलाई को ही स्कूल शुरू करने का आदेश दिया गया था. यहां पहले 9 से 12 तक के बच्चों को और उसके बाद 6 से 8 कक्षा तक के छात्र छात्राओं को बुलाने की तैयारी है.

  • दिल्ली सरकार ने किया इनकार : दिल्ली सरकार की तरफ से जारी एक बयान में साफ किया गया है कि हम लोग जोखिम नहीं उठाएंगे. स्कूल की ऑफलाइन कक्षा शुरू करने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार की तरफ से यह पक्ष रखा गया है.
  • महाराष्ट्र में स्कूल शुरू हुए : महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में कक्षा 8 से 12 तक की ऑफलाइन क्लास से शुरू की गई हैं. प्रदेश के ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जहां पिछले 1 महीने में कोविड-19 कोई मामला सामने नहीं आया है और ग्राम पंचायतों की तरफ से कोविड-19 टो कॉल का पालन करने की सहमति जताई गई है, वहां स्कूल खोलने की अनुमति दी गई है.
  • गुजरात में 12वीं कक्षा के लिए खोलें : गुजरात में 12वीं कक्षा के बच्चों के लिए ऑफलाइन क्लासेस शुरू की गई है. 50% प्रतिशत छात्र-छात्राओं को बुलाने की अनुमति है. बच्चों के लिए आना अनिवार्य नहीं किया गया है.

    मध्यप्रदेश में 26 जुलाई से कक्षा 11 और 12 के बच्चों को स्कूल बुलाने की तैयारी की जा रही. कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ 50% छात्र छात्राओं को ही कक्षा में बुलाने की अनुमति मिलेगी.


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