लखनऊ: राज्य ललित कला अकादमी का 60वां स्थापना दिवस समारोह 8 से 10 फरवरी को मनाया जाएगा. इस अवसर पर तीन दिवसीय कला रंग महोत्सव कैसरबाग स्थित अकादमी परिसर में आयोजित किया जाएगा. महोत्सव में वार्षिक कला प्रदर्शनी व अन्य प्रदर्शनियां भी आयोजित की जाएंगी. इस अवधि में विभिन्न प्रदर्शनियों में आए उत्कृष्ट चित्रों को प्रदर्शित किया जाएगा. इसके साथ ही वर्ष भर में आयोजित विभिन्न कला प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया जाएगा. कला रंग महोत्सव के तहत तीन दिनों में हर रोज लोक संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे. यह जानकारी अकादमी के अध्यक्ष सीताराम कश्यप, उपाध्यक्ष गिरीश चंद्र मिश्र व सचिव डॉ. यशवंत सिंह राठौर ने दी.
कला रंग महोत्सव में यह होंगे कार्यक्रम
कार्यक्रम के बारे में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया गया कि समारोह के पहले दिन 8 फरवरी को 'स्वातंत्र्य वीर अर्चन' चित्रकला शिविर और 34वीं राज्य स्तरीय वार्षिक कला प्रदर्शनी का उद्घाटन होगा. इस अवसर पर नवदुर्गा छवि प्रतियोगिता, भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेई पर आधारित प्रदर्शनियों को पुरस्कृत किए जाएंगे. साथ ही प्रदेश की विभिन्न संस्थाओं से आमंत्रित कला प्रदर्शनियां भी लगाई जाएंगी. कार्यक्रम के दूसरे दिन यानि नौ फरवरी को नारी सशक्तिकरण प्रदर्शनी, महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री के विचारों पर आधारित चित्रकला-मूर्तिकला प्रतियोगिता व लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर एकता दिवस विषयक चित्रकला-मूर्तिकला प्रतियोगिता के पुरस्कारों का वितरण किया जाएगा. तीसरे दिन यानि समापन समारोह में अखिल भारतीय कोविड-19 कला प्रतियोगिता, लॉकडाउन में बदलता पर्यावरण विषयक प्रतियोगिता व संन्यास से औद्योगिक क्रांति की ओर विषयक अखिल भारतीय शिविर के पुरस्कार दिए जाएंगे.
तारीख | समय | कार्यक्रम |
8 फरवरी | शाम 5:30 बजे | श्रीपाल गौड़ साथियों का कठपुतली कार्यक्रम, संगीता आहूजा की नृत्य नाटिका प्रस्तुति, रंजना मिश्रा लोक गायन |
9 फरवरी | शाम 5:30 बजे | एक शाम शहीदों के नाम शीर्षक काव्य समारोह. काव्य समारोह में भाग लेने वाले कवियों में कमलेश मौर्य-लखनऊ, शिवकुमार व्यास-बाराबंकी, संजय सांवरा-बाराबंकी, पद्मकांत शर्मा–सीतापुर, रेनू द्विवेदी-लखनऊ, प्रख्यात मिश्र–लखनऊ, प्रियंका शुक्ला-उन्नाव, कमलेश द्विवेदी-कानपुर और रामनरेश पाल-लखनऊ हैं. |
10 फरवरी | शाम 5:35 बजे | लोक गायन मगम मिश्र-लखनऊ, लोक गायन ध्रुव-लखनऊ, नृत्य प्रस्तुतियां उर्मिला पांडेय-गोंडा |