लखनऊः इस बार लखनऊ विश्वविद्यालय ने बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया था. सभी चरणों की काउंसलिंग के बाद बीएड प्रवेश के लिए डायरेक्ट काउंसलिंग प्रक्रिया 17 दिसंबर से शुरू हुई थी, जिसमें अभ्यर्थियों को कॉलेजों में करीब 55 हजार रुपये फीस जमा करने के आदेश एलयू की ओर से जारी हुए थे. जबकि पिछले साल तक डायरेक्ट काउंसलिंग में जिन अभ्यर्थियों को कॉलेज एलॉट होता था तो उस दौरान अभ्यर्थियों को सिर्फ काउंसलिंग फीस जमा करनी होती थी. इस वर्ष नियमों में बदलाव करते हुए पूरी फीस जमा करने के आदेश जारी कर दिए गए. वहीं जानकारों की मानें तो इसी के चलते अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग में भी हिस्सा नहीं लिया. इस पूरी फीस जमा करने के नियम का सीधा नुकसान एलयू प्रशासन को उठाना पड़ा, जिसका नतीजा है कि 60,792 सीट खाली रह गई.
आदेश लिया जा चुका था वापस
बता दें कि शुरुआत में काउंसलिंग में अभ्यर्थियों के हिस्सा न लेने के चलते लविवि ने इस पूरी फीस जमा करने के आदेश को वापस ले लिया था. विवि प्रशासन ने 27 दिसंबर को एक आदेश जारी करते हुए कहा था कि डायरेक्ट काउंसलिंग में प्रतिभाग करने वाले अभ्यर्थियों को सिर्फ काउंसलिंग फीस जमा करनी है और बची हुई फीस कॉलेज बाद में जमा करा सकते हैं. हालांकि यह आदेश जारी होने तक काफी देरी हो जाने से अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग में हिस्सा नहीं लिया. राज्य समन्वयक संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड की प्रो. अमिता बाजपेई ने बताया कि काउंसिलिंग का यह आखरी मौका था, जिसमें महाविद्यालयों द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पोर्टल के माध्यम से अभ्यर्थियों को सीधे प्रवेश दिया गया.