लखनऊ: फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज पर मुहर लगा दी है. पीसीआई ने यहां डी.फार्मा और बी.फार्मा पाठ्यक्रमों के संचालन को मंजूरी दे दी है. सत्र 2021-22 में डी.फार्मा की 60 और बी.फार्मा की 100 सीट पर प्रवेश दिए जा सकेंगे. यह अनुमति इस शर्त के साथ दी गई है कि विश्वविद्यालय प्रशासन पीसीआई के मानकों के अनुरूप शिक्षकों और प्राचार्य की नियुक्ति कर लेगा.
लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) की इंजीनियरिंग फैकेल्टी के अंतर्गत इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज (Institute of Pharmaceutical Sciences) की स्थापना की गई. यह विश्वविद्यालय के जानकीपुरम विस्तार स्थित परिसर में संचालित किया जाएगा. रसायन विज्ञान विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रोफेसर नवीन खरे को बतौर निर्देशक इस इंस्टिट्यूट की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह पूरी तरह से सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रम है.
एकेटीयू के माध्यम से होंगे बी.फार्मा में दाखिले
पीसीआई की अनुमति के बाद विश्वविद्यालय के स्तर पर अब दाखिले और शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. जानकारों की मानें तो बी.फार्मा में दाखिले के लिए विश्वविद्यालय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित होने वाली प्रवेश प्रक्रिया से जुड़ने जा रहा है. ऐसे में एकेटीयू में बी.फार्मा के दाखिले के लिए आवेदन करने वाले छात्र-छात्राओं को काउंसलिंग के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय भी एक विकल्प के रूप में मिलेगा.
ऐसे होंगे डी.फार्मा में दाखिले
विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से डी.फार्मा की 60 सीटों पर प्रवेश के लिए अभी तक प्रक्रिया के संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया है. हालांकि जानकारों की मानें तो इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन अपने स्तर पर प्रवेश ले सकता है. उधर इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज में शिक्षकों की भर्ती के लिए कार्य परिषद की ओर से मंजूरी दी जा चुकी है. ऐसे में अगले एक से डेढ़ महीने में यह प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद जताई जा रही है.