लखनऊ: राजधानी में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या के साथ-साथ मरीजों के मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. सोमवार को सपा नेता और लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कर्मचारी समेत छह लोगों ने राजधानी में कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से दम तोड़ दिया.
राजधानी में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में बस्ती के गांधीनगर में निवासी 65 वर्षीय मरीज को 19 जुलाई को रात में भर्ती किया गया था. केजीएमयू के मीडिया प्रवक्ता के अनुसार मरीज को डायबिटीज की समस्या थी और संक्रमण की वजह से एक्यूट रीनल इंजरी हो गई थी. संक्रमण पूरी तरह से फेल हो जाने की वजह से मरीज एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम में चले गए थे. सेप्टीसेमिक शॉक की वजह से 26 जुलाई को मरीज की मृत्यु हो गई.
इसके अलावा उन्नाव निवासी 70 वर्षीय मरीज को 26 जुलाई को भर्ती किया गया था, लेकिन संक्रमण बढ़ने की वजह से मरीज का रेस्पिरेट्री सिस्टम फेल्योर होने लगा था और सोमवार 27 जुलाई को दोपहर 2:00 बजे मरीज की मृत्यु हो गई. इसी तरह से मरघट निवासी 63 वर्षीय मरीज को 27 जुलाई को ही 12 बजे भर्ती किया गया था, लेकिन लगभग डेढ़ घंटे बाद ही मरीज की सेप्टीसीमिया शॉक से मृत्यु हो गई. लखनऊ के निराला नगर निवासी 72 वर्षीय पुरुष को भी सोमवार को ही भर्ती किया गया था, लेकिन सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम और संक्रमण पूरी तरह से फैल जाने की वजह से मरीज की कुछ ही घंटे में मौत हो गई.
इन चार मौतों के साथ ही एसजीपीजीआई के राजधानी कोविड-19 अस्पताल में भर्ती 62 वर्षीय सपा नेता और पूर्व प्रधान सत्यदेव सिंह यादव की भी कोरोना वायरस की संक्रमण की वजह से सोमवार को मृत्यु हो गई. वह मोहनलालगंज के निवासी थे, उन्हें 3 दिन पहले कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद पीजीआई के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. उन्हें गुर्दे की बीमारी के साथ डायबिटीज की समस्या थी.
इन सबके अलावा लखनऊ विश्वविद्यालय के एक पूर्व कर्मचारी की भी कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से मृत्यु हो गई. लखनऊ विश्वविद्यालय में 2 महीने पहले 2 शिक्षकों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी. इसके कुछ दिन बाद कुलसचिव कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी में भी कोरोना वायरस की पुष्टि हुई. कुछ दिन बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव भी खुद संक्रमण की चपेट में आ गए. मृतक कर्मचारी को 2 दिन पहले कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद इंटीग्रल विश्वविद्यालय में बड़े कोविड-19 अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां पर सोमवार की सुबह उनकी मृत्यु हो गई.
लखनऊ में 6 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत
यूपी की राजधानी लखनऊ में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. जिले में सोमवार को कोरोना संक्रमित 6 मरीजों की मौत हो गई.
लखनऊ: राजधानी में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या के साथ-साथ मरीजों के मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. सोमवार को सपा नेता और लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कर्मचारी समेत छह लोगों ने राजधानी में कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से दम तोड़ दिया.
राजधानी में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में बस्ती के गांधीनगर में निवासी 65 वर्षीय मरीज को 19 जुलाई को रात में भर्ती किया गया था. केजीएमयू के मीडिया प्रवक्ता के अनुसार मरीज को डायबिटीज की समस्या थी और संक्रमण की वजह से एक्यूट रीनल इंजरी हो गई थी. संक्रमण पूरी तरह से फेल हो जाने की वजह से मरीज एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम में चले गए थे. सेप्टीसेमिक शॉक की वजह से 26 जुलाई को मरीज की मृत्यु हो गई.
इसके अलावा उन्नाव निवासी 70 वर्षीय मरीज को 26 जुलाई को भर्ती किया गया था, लेकिन संक्रमण बढ़ने की वजह से मरीज का रेस्पिरेट्री सिस्टम फेल्योर होने लगा था और सोमवार 27 जुलाई को दोपहर 2:00 बजे मरीज की मृत्यु हो गई. इसी तरह से मरघट निवासी 63 वर्षीय मरीज को 27 जुलाई को ही 12 बजे भर्ती किया गया था, लेकिन लगभग डेढ़ घंटे बाद ही मरीज की सेप्टीसीमिया शॉक से मृत्यु हो गई. लखनऊ के निराला नगर निवासी 72 वर्षीय पुरुष को भी सोमवार को ही भर्ती किया गया था, लेकिन सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम और संक्रमण पूरी तरह से फैल जाने की वजह से मरीज की कुछ ही घंटे में मौत हो गई.
इन चार मौतों के साथ ही एसजीपीजीआई के राजधानी कोविड-19 अस्पताल में भर्ती 62 वर्षीय सपा नेता और पूर्व प्रधान सत्यदेव सिंह यादव की भी कोरोना वायरस की संक्रमण की वजह से सोमवार को मृत्यु हो गई. वह मोहनलालगंज के निवासी थे, उन्हें 3 दिन पहले कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद पीजीआई के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. उन्हें गुर्दे की बीमारी के साथ डायबिटीज की समस्या थी.
इन सबके अलावा लखनऊ विश्वविद्यालय के एक पूर्व कर्मचारी की भी कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से मृत्यु हो गई. लखनऊ विश्वविद्यालय में 2 महीने पहले 2 शिक्षकों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी. इसके कुछ दिन बाद कुलसचिव कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी में भी कोरोना वायरस की पुष्टि हुई. कुछ दिन बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव भी खुद संक्रमण की चपेट में आ गए. मृतक कर्मचारी को 2 दिन पहले कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद इंटीग्रल विश्वविद्यालय में बड़े कोविड-19 अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां पर सोमवार की सुबह उनकी मृत्यु हो गई.