लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सड़कों पर अनाधिकृत रूप से दौड़ रहे वाहनों पर परिवहन विभाग (Uttar Pradesh Transport Department) के अधिकारियों का शिकंजा कसता ही जा रहा है. इसका नतीजा यह हुआ है कि सड़क पर वाहनों की लगातार धरपकड़ से अवैध बस और ट्रक मालिक सहम गए हैं. अब अनाधिकृत रूप से सड़क पर बस और ट्रक का संचालन वाहन स्वामियों को महंगा पड़ रहा है. पिछले पांच माह की रिपोर्ट परिवहन विभाग ने जारी की है जो यह बताने के लिए काफी है. इस बार लखनऊ मंडल में परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने अनाधिकृत वाहनों पर जमकर कार्रवाई की है.
एक अप्रैल से 31 अगस्त के बीच अनाधिकृत वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग के लखनऊ मंडल की बड़ी कार्रवाई की रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच माह में लखनऊ मंडल में 58,913 वाहनों के चालान काटे गए. बिना फिटनेस दौड़ रहे 4188 वाहनों को जब्त (Unfit vehicle seized in Lucknow zone) करने की कार्रवाई को अंजाम दिया गया.
परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में जनसंख्या के हिसाब से सरकारी बसें कम हैं इससे लोग निजी वाहनों से सफर करने को मजबूर होते हैं. निजी वाहन बिना परमिट के ही सड़क पर दौड़ने लगते हैं. इसके बाद चेकिंग के दौरान ऐसे वाहन प्रवर्तन अधिकारियों के पकड़ में आते हैं और परिवहन विभाग चालान कर उन्हें बंद करने की कार्रवाई करता है.
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लखनऊ जोन के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर निर्मल प्रसाद बताते हैं कि जो भी लग्जरी बसें पकड़ी गई हैं, वह टूरिस्ट परमिट पर फुटकर सवारी ढो रहे हैं. ये परमिट शर्तों का खुला उल्लघंन है. ट्रकों पर कार्रवाई तय क्षमता से अधिक माल लादने पर की गई है. क्षमता से ज्यादा भार ढोने पर सड़के छतिग्रस्त होती हैं जिससे सड़क की मरम्मत और निर्माण पर दोबारा ज्यादा खर्च होता है. इससे सरकार को नुकसान होता है.
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