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स्वयं सहायता समूह की 58 हजार महिलाओं को मिलेगा रोजगार, जानें कैसे - construction of community toilets

उत्तर प्रदेश में स्वयं सहायता समूह की 58 हजार महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है. इसके लिए उन्हें प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में बन रहे सामुदायिक शौचालयों के देख-रेख की कमान सौंपी जाएगी. शौचालयों के देख-रेख करने वाली महिलाओं को छह हजार रुपये का मानदेय हर माह दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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Published : Nov 24, 2020, 10:04 PM IST

Updated : Nov 24, 2020, 10:21 PM IST

लखनऊ: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की स्वयं सहायता समूह की 58 हजार महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है. इसके लिए उन्हें प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में बन रहे सामुदायिक शौचालयों के देख-रेख की कमान सौंपी जाएगी. इसके बदले में सरकार की ओर से उन्हें छह हजार रुपये का मानदेय हर माह दिया जाएगा. पहले चरण में बन चुके छह हजार शौचालयों में उन्हें काम दे भी दिया गया है.

सरकार की ओर से प्राथमिकता के आधार पर स्वच्छता को लेकर प्रदेश भर में कार्यवाही की जा रही है. इसी के आधार पर प्रदेश की 58 हजार ग्राम पंचायतों में शौचालय बनवाए जा रहे हैं. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण 2) में एक सामुदायिक शौचालय के निर्माण पर तीन लाख रुपये दिए जा रहे हैं. कई जिलों में इससे अधिक लागत के बेहतर मानक के बड़े सामुदायिक शौचालयों का निर्माण भी किया जा रहा है. इन शौचालय में कार्य कर रहीं महिलाओं को साल में दो बार पीपीई किट, ग्लब्स और केमिकल आदि भी दिए जाएंगे.

मार्च तक पूरा होगा शौचालयों का निर्माण
अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मार्च 2021 तक पूरे प्रदेश के हर ग्राम पंचायत में शौचालयों का निर्माण पूरा हो जाए. पहले चरण में पूरे हो चुके छह हजार शौचालयों में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार दिया गया है. जैसे-जैसे निर्माण पूरे होते जाएंगे, वैसे-वैसे स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. बताते चलें कि प्रदेश सरकार स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी रोजगार देने में लगी हुई है और इस कड़ी में यह एक अनूठा प्रयास है.

लखनऊ: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की स्वयं सहायता समूह की 58 हजार महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है. इसके लिए उन्हें प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में बन रहे सामुदायिक शौचालयों के देख-रेख की कमान सौंपी जाएगी. इसके बदले में सरकार की ओर से उन्हें छह हजार रुपये का मानदेय हर माह दिया जाएगा. पहले चरण में बन चुके छह हजार शौचालयों में उन्हें काम दे भी दिया गया है.

सरकार की ओर से प्राथमिकता के आधार पर स्वच्छता को लेकर प्रदेश भर में कार्यवाही की जा रही है. इसी के आधार पर प्रदेश की 58 हजार ग्राम पंचायतों में शौचालय बनवाए जा रहे हैं. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण 2) में एक सामुदायिक शौचालय के निर्माण पर तीन लाख रुपये दिए जा रहे हैं. कई जिलों में इससे अधिक लागत के बेहतर मानक के बड़े सामुदायिक शौचालयों का निर्माण भी किया जा रहा है. इन शौचालय में कार्य कर रहीं महिलाओं को साल में दो बार पीपीई किट, ग्लब्स और केमिकल आदि भी दिए जाएंगे.

मार्च तक पूरा होगा शौचालयों का निर्माण
अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मार्च 2021 तक पूरे प्रदेश के हर ग्राम पंचायत में शौचालयों का निर्माण पूरा हो जाए. पहले चरण में पूरे हो चुके छह हजार शौचालयों में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार दिया गया है. जैसे-जैसे निर्माण पूरे होते जाएंगे, वैसे-वैसे स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. बताते चलें कि प्रदेश सरकार स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी रोजगार देने में लगी हुई है और इस कड़ी में यह एक अनूठा प्रयास है.

Last Updated : Nov 24, 2020, 10:21 PM IST
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