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50 हजार छात्र-छात्राएं नहीं भर पाए स्कॉलरशिप फॉर्म, लविवि पर लापरवाही का आरोप - Scholarship Form

प्रदेश में समाज कल्याण विभाग की ओर से छात्रों के होने वाली फीस प्रतिपूर्ति के आवेदन की प्रक्रिया समाप्त हो गई है. आवेदन करने की अंतिम तिथि सात नवंबर निर्धारित थी. आवेदन की तारीख बीतने के बाद भी राजधानी के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से करीब 50 हजार छात्र-छात्राएं अभी तक अपना स्कॉलरशिप फॉर्म नहीं भर पाए हैं.

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Published : Nov 10, 2022, 9:34 AM IST

लखनऊ : प्रदेश में समाज कल्याण विभाग की ओर से छात्रों के होने वाली फीस प्रतिपूर्ति के आवेदन की प्रक्रिया समाप्त हो गई है. आवेदन करने की अंतिम तिथि सात नवंबर निर्धारित थी. आवेदन की तारीख बीतने के बाद भी राजधानी के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से करीब 50 हजार छात्र-छात्राएं अभी तक अपना स्कॉलरशिप फॉर्म नहीं भर पाए हैं. स्कॉलरशिप फॉर्म भरने से वंचित रह गए छात्रों का कहना है कि समय से जानकारी ना मिलने व विश्वविद्यालयों की ओर से परीक्षाफल देरी से जारी करने के कारण वह समय से फॉर्म नहीं भर पाए. वहीं शुल्क बीएससी का सेकेंड सेमेस्टर का परिणाम शुक्रवार को, बीकाम का परिणाम एक हफ्ता पूर्व ही घोषित कर दिया गया था. ऐसे मैं काफी छात्र समय न मिलने के कारण लिखो नहीं जमा कर पाए.

लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ ही संबद्ध महाविद्यालों के बीए छात्रों को भी सत्र 2022-23 के सेकंड सेमेस्टर का इंतजार रहा. छात्र अपने परिणाम के लिए काॅलेजों पूछताछ करते रहे. छात्रों का कहना है कि इस सत्र में शुल्क प्रतिपूर्ति का आवेदन न करने से पूरे दो सेमेस्टर की फीस का भार पड़ेगा. लखनऊ विवि के बीए छात्रों ने इसे लविवि की लापरवाही बताया. उनकी मांग है कि शुल्क शुल्क प्रतिपूर्ति की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया जाए. लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ ही संबद्ध महाविद्यालों के सत्र 2022-23 में 50 हजार छात्रों ने बीए की परीक्षा दी थी. जिनका अब तक परिणाम नहीं आया है. ऐसे में इन 70 हजार छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति लाभ नहीं मिलेगा.

इस मामले में लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक विद्यानंद त्रिपाठी (Controller of Examinations of Lucknow University Vidyanand Tripathi) का कहना है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ ही संबद्ध महाविद्यालों के सत्र 2022-23 में बीए सहित विभिन्न विषयों के 70 हजार छात्रों का परिणाम नहीं आ सका है. बीकाम के साथ बीएससी का परिणाम समय से आ गया, लेकिन बीए के परिणाम में थोड़ी देरी हुई है. प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. जल्द ही बीए सेकेंड सेमेस्टर का परिणाम घोषित कर दिया जाएगा. वही समाज कल्याण की वेबसाइट पर स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने वाले बीटेक के छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा विभाग की वेबसाइट पर जब रिंग कॉलेज के छात्र स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर रहे थे तो उन्हें बीटेक का ऑप्शन तो मिल रहा था पर उसमें किस विषय से बीटेक कर इसका ऑप्शन नहीं दिख रहा था.


छात्रवृत्ति की फीस भरपाई के लिए ऑनलाइन आवेदन की आखिरी तिथि समाप्त होने के बाद भी सैकड़ों की तादाद में छात्र इसमें आवेदन करने से वंचित रह गए हैं. इसके पीछे शिक्षण संस्थानों के परीक्षा परिणाम का समय से जारी ना एक बड़ा कारण है. इसके साथ ही छात्रवृत्ति पोर्टल में तकनीकी अर्चन और एप्लीकेशन की प्रक्रिया पूरी करने आधी दिक्कतों को भी कारण माना जा रहा है. इसके अलावा कई शिक्षण संस्थानों का कहना है कि समाज कल्याण विभाग की ओर से जब भी छात्रवृत्ति से जुड़ी को सूचना देनी होती है. तो वह समय से नहीं दिया जाता है. मौजूदा समय में पोस्ट मैट्रिक यानी कक्षा 10 के ऊपर की कक्षाओं के अब तक कुल 61 लाख 90 हजार छात्रों ने आवेदन किया है. यह संख्या पिछले साल के मुकाबले करीब 15 लाख अधिक है. अब तक 3200000 ओबीसी 1 लाख 46080, 530000 सामान्य वर्ग और 4 लाख 75000 और शिक्षक वर्ग के छात्र-छात्राओं ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया है.

यह भी पढ़ें : एलयू क्यूएस यूनिवर्सिटी रैंकिंग फॉर एशिया-2023 में हुआ शामिल, लगातार दूसरे साल हासिल की उपलब्धि

लखनऊ : प्रदेश में समाज कल्याण विभाग की ओर से छात्रों के होने वाली फीस प्रतिपूर्ति के आवेदन की प्रक्रिया समाप्त हो गई है. आवेदन करने की अंतिम तिथि सात नवंबर निर्धारित थी. आवेदन की तारीख बीतने के बाद भी राजधानी के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से करीब 50 हजार छात्र-छात्राएं अभी तक अपना स्कॉलरशिप फॉर्म नहीं भर पाए हैं. स्कॉलरशिप फॉर्म भरने से वंचित रह गए छात्रों का कहना है कि समय से जानकारी ना मिलने व विश्वविद्यालयों की ओर से परीक्षाफल देरी से जारी करने के कारण वह समय से फॉर्म नहीं भर पाए. वहीं शुल्क बीएससी का सेकेंड सेमेस्टर का परिणाम शुक्रवार को, बीकाम का परिणाम एक हफ्ता पूर्व ही घोषित कर दिया गया था. ऐसे मैं काफी छात्र समय न मिलने के कारण लिखो नहीं जमा कर पाए.

लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ ही संबद्ध महाविद्यालों के बीए छात्रों को भी सत्र 2022-23 के सेकंड सेमेस्टर का इंतजार रहा. छात्र अपने परिणाम के लिए काॅलेजों पूछताछ करते रहे. छात्रों का कहना है कि इस सत्र में शुल्क प्रतिपूर्ति का आवेदन न करने से पूरे दो सेमेस्टर की फीस का भार पड़ेगा. लखनऊ विवि के बीए छात्रों ने इसे लविवि की लापरवाही बताया. उनकी मांग है कि शुल्क शुल्क प्रतिपूर्ति की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया जाए. लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ ही संबद्ध महाविद्यालों के सत्र 2022-23 में 50 हजार छात्रों ने बीए की परीक्षा दी थी. जिनका अब तक परिणाम नहीं आया है. ऐसे में इन 70 हजार छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति लाभ नहीं मिलेगा.

इस मामले में लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक विद्यानंद त्रिपाठी (Controller of Examinations of Lucknow University Vidyanand Tripathi) का कहना है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ ही संबद्ध महाविद्यालों के सत्र 2022-23 में बीए सहित विभिन्न विषयों के 70 हजार छात्रों का परिणाम नहीं आ सका है. बीकाम के साथ बीएससी का परिणाम समय से आ गया, लेकिन बीए के परिणाम में थोड़ी देरी हुई है. प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. जल्द ही बीए सेकेंड सेमेस्टर का परिणाम घोषित कर दिया जाएगा. वही समाज कल्याण की वेबसाइट पर स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने वाले बीटेक के छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा विभाग की वेबसाइट पर जब रिंग कॉलेज के छात्र स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर रहे थे तो उन्हें बीटेक का ऑप्शन तो मिल रहा था पर उसमें किस विषय से बीटेक कर इसका ऑप्शन नहीं दिख रहा था.


छात्रवृत्ति की फीस भरपाई के लिए ऑनलाइन आवेदन की आखिरी तिथि समाप्त होने के बाद भी सैकड़ों की तादाद में छात्र इसमें आवेदन करने से वंचित रह गए हैं. इसके पीछे शिक्षण संस्थानों के परीक्षा परिणाम का समय से जारी ना एक बड़ा कारण है. इसके साथ ही छात्रवृत्ति पोर्टल में तकनीकी अर्चन और एप्लीकेशन की प्रक्रिया पूरी करने आधी दिक्कतों को भी कारण माना जा रहा है. इसके अलावा कई शिक्षण संस्थानों का कहना है कि समाज कल्याण विभाग की ओर से जब भी छात्रवृत्ति से जुड़ी को सूचना देनी होती है. तो वह समय से नहीं दिया जाता है. मौजूदा समय में पोस्ट मैट्रिक यानी कक्षा 10 के ऊपर की कक्षाओं के अब तक कुल 61 लाख 90 हजार छात्रों ने आवेदन किया है. यह संख्या पिछले साल के मुकाबले करीब 15 लाख अधिक है. अब तक 3200000 ओबीसी 1 लाख 46080, 530000 सामान्य वर्ग और 4 लाख 75000 और शिक्षक वर्ग के छात्र-छात्राओं ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया है.

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