लखनऊ: योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री के तौर पर दोबारा शपथ ग्रहण की है. योगी आदित्यनाथ के साथ ही 18 कैबिनेट, 14 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली है. केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है. योगी सरकार के नए मंत्रिमंडल में युवाओं की ऊर्जा, महिलाओं की शक्ति और दिग्गज नेताओं के अनुभव का समागम देखने को मिला है. इस बार योगी मंत्रिमंडल में 5 महिलाओं को मंत्री बनाया गया है. आइए डालते हैं योगी मंत्रिमंडल की महिला मंत्रियों पर एक नजर..
बेबी रानी मौर्य( कैबिनेट मंत्री ): बेबी रानी मौर्य का जन्म 15 अगस्त 1956 को यूपी के आगरा जिले में हुआ था. उन्होंने आगरा से ही बीएड और एमए की है. उनके पति प्रदीप कुमार पंजाब नेशनल बैंक में निदेशक और वरिष्ठ प्रबंधक के पद से रिटायर हुए थे. बेबी रानी के एक बेटा और एक बेटी है. बेबी रानी मौर्य ने साल 1990 में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत एक बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर की थी. साल 1995 से 2000 तक बेबी रानी आगरा की मेयर रहीं. साल 2001 में वह राज्य समाज कल्याण बोर्ड की सदस्य बनीं और फिर 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य बनीं. साल 2007 के विधानसभा चुनाव में आगरा की एत्मादपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. साल 2013 से 2015 तक वह बीजेपी की प्रदेश मंत्री रहीं. इसके बाद उन्हें उत्तराखंड का राज्यपाल नियुक्त किया. हालांकि यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 8 दिसंबर 2021 को राज्यपाल के पद से इस्तीफा देकर वह आगरा ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ी और जीत हासिल की.
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गुलाब देवी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) : चंदौसी सीट से पांचवीं बार विधायक बनी गुलाब देवी एक बार फिर योगी सरकार में मंत्री बनी हैं. वो तीसरी बार मंत्री बनी हैं. यही नहीं वे पिछली योगी सरकार में भी वो राज्य मंत्री थीं. गुलाब देवी ने 1991 में भाजपा का दामन थामा था और संभल जिले की चंदौसी विधानसभा सीट से चुनाव जीता था. इसके बाद 1996 में दोबारा विधायक चुनी गईं और कल्याण सिंह की सरकार में पहली बार राज्य मंत्री बनाईं गईं. गुलाब देवी लगातार इस सीट से 5 बार विधायक चुनी जा चुकीं हैं. माना जाता हैं कि गुलाब देवी का संघ में मजबूत पकड़ है. गुलाब देवी की तीन बेटियां हैं.
प्रतिभा शुक्ला (राज्य मंत्री ): योगी मंत्रिमंडल में शामिल महिला चेहरों में प्रतिभा शुक्ला भी एक हैं. साल 2007 के विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनाव लड़ने वाली प्रतिभा शुक्ला ने बसपा की प्रत्याशी के रूप में चौबेपुर सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद एक बार फिर 2012 में विधानसभा सभा का चुनाव बसपा के टिकट पर ही लड़ीं थी लेकिन इस बार वो हार गईं. 2017 में प्रतिभा सुक्ला ने भाजपा का दामन थाम लिया. भाजपा के टिकट पर वह अकबरपुर रनिया से चुनाव लड़ीं और जीत हासिल की. इस बार भी वह इसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ीं और जीत हासिल की.
रजनी तिवारी ( राज्य मंत्री ): हरदोई की शाहबाद सीट से चौथी बार विधायक चुनीं गईं रजनी तिवारी कद्दावर नेता उपेंद्र तिवारी की पत्नी हैं. उपेंद्र तिवारी की मौत के बाद रजनी तिवारी ने राजनीति में कदम रखा था. रजनी तिवारी 2007, 2012, 2017 और 2022 में विधायक चुनीं गईं हैं. 48 वर्षीय रजनी तिवारी बसपा, सपा व योगी सरकार में महिला एवं बाल कल्याण विभाग की सदस्य रह चुकीं हैं.
विजय लक्ष्मी गौतम ( राज्य मंत्री ): देवरिया जिले के सलेमपुर विधानसभा सीट से 59 साल की विजय लक्ष्मी गौतम ने 1992 में भाजपा से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की थी. वह भाजपा महिला मोर्चा की देवरिया नगर की अध्यक्ष रहीं हैं. इसके अलावा भाजपा की नगर उपाध्यक्ष, जिला महिला मोर्चा की दो बार अध्यक्ष, भाजपा जिला मंत्री, भाजपा गोरखपुर क्षेत्र की मंत्री और भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रहीं हैं. साल 2012 में भाजपा ने उन्हें सलेमपुर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया लेकिन वह सपा प्रत्याशी मनबोध प्रसाद से चुनाव हार गईं. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे नाराज होकर वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं. सपा के टिकट पर वे सलेमपुर से चुनाव लड़ी लेकिन भाजपा प्रत्यासी से हार गईं. इस बार चुनाव से ठीक पहले वह फिर भाजपा में शामिल हो गईं थी. इस बार उन्होंने सलेमपुर सीट से जीत हासिल की.
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