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चुकाना होगा 35 लाख जुर्माना, पांच साल नहीं कर पाएंगे सरकारी अस्पताल में आवेदन, जानें किस पर हुई कार्रवाई

लोहिया संस्थान के एक कार्डियक सर्जन पर लोहिया संस्थान प्रशासन ने 35 लाख रुपये का जुर्माना और पांच साल सरकारी मेडिकल संस्थान में आवेदन करने पर भी रोक लगा दी है. संस्थान को ऐसी कड़ी कार्रवाई किसलिए करनी पड़ी. आइए जानते हैं विस्तार से...

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Published : Dec 16, 2022, 3:37 PM IST

खनऊ : लोहिया संस्थान के एक कार्डियक सर्जन (A cardiac surgeon at Lohia Institute) पिछले छह साल से संस्थान को बिना जानकारी दिए ड्यूटी से गायब हो जाते थे और बीच-बीच में आकर ड्यूटी ज्वॉइन कर लेते थे. डॉक्टर ने छह साल में करीब 28 लाख रुपये सैलरी भी ले ली. जब संस्थान उनसे पत्राचार करता तो वह जवाब नहीं देते और फिर अचानक उन्होंने अपना इस्तीफा संस्थान को भेज दिया. मामला पकड़ में आने के बाद लोहिया संस्थान प्रशासन ने डॉक्टर पर 35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही पांच साल सरकारी मेडिकल संस्थान में आवेदन करने पर भी रोक लगा दी है.

लोहिया संस्थान (Lohia Institute) के सीवीटीएस विभाग (कॉर्डियोवैस्कुलर थोरैसिक सर्जरी) के डॉ. ललित मोहन जोशी (Dr. Lalit Mohan Joshi) जनवरी 2016 से आस्ट्रेलिया में रह रहे हैं. करीब 6 साल बाद उन्होंने इसी साल 25 जुलाई 2022 को संस्थान प्रशासन को अपना त्यागपत्र भेजा. हालांकि, संस्थान की एक्जिक्यूटिव रजिस्ट्रार डॉ. ज्योत्सना अग्रवाल (Executive Registrar Dr. Jyotsna Agarwal) ने 13 दिसंबर 2022 को उनका त्यागपत्र स्वीकार करने के साथ ही दंडात्मक कार्रवाई का भी आदेश दिया. जब संस्थान की ओर से उनसे पत्राचार किया जाता तो उसका जवाब भी उनकी तरफ से नहीं दिया जाता. रिजाइन देने से पहले तीन माह का नोटिस दिए जाने संबंधी नियम की भी डॉक्टर ने अनदेखी की. जिसकी वजह से सीवीटीएस की एक सीट भी फंसी रही और मरीजों का भी काफी नुकसान हुआ.

मामले को गंभीरता से लेते हुए संस्थान प्रशासन (Lohia Institute) ने उनसे 28 लाख 11 हजार 543 रुपये की रिकवरी का आदेश जारी किया है. जबकि त्यागपत्र देने से तीन माह पहले नोटिस न देने पर सात लाख नौ हजार 302 रुपये का जुर्माना लगाया है. पत्र के मुताबिक अब डॉ. जोशी पांच साल किसी भी सरकारी मेडिकल संस्थान (Government Medical Institute) में आवेदन नहीं कर सकेंगे. इतना ही नहीं, संस्थान के आदेश में साफ है कि अगर आरोपी डॉक्टर (accused doctor) की ओर से रिकवरी अमाउंट नहीं लौटाई जाती है, तो कुर्की की भी कार्रवाई की जाएगी.

लोहिया अस्पताल की सीढ़ी से गिरने से बुजुर्ग की मौत : डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल में सीढ़ी से गिरने से एक बुजुर्ग की मौत हो गई. कुशीनगर निवासी रामनरेश (Kushinagar resident Ramnaresh) अस्पताल में भर्ती पड़ोसी हसनतारा से मिलने आए थे. पुलिस के मुताबिक राम नरेश (50) कुशीनगर में परिवार के साथ रहते थे. कुशीनगर में उनके पड़ोस में रहने वाली हसन तारा का कुछ दिन पहले लोहिया संस्थान में पैर का ऑपरेशन हुआ था. उन्हें देखने के लिए रामनरेश कुशीनगर से लखनऊ के लोहिया संस्थान आए थे. बताया जा रहा है कि हसनतारा पहली मंजिल पर स्थित वॉर्ड में भर्ती थीं. बीते गुरुवार शाम करीब 6 बजे रामनरेश सीढ़ियों से पहली मंजिल पर जा रहे थे. इसी बीच अचानक वो अनियंत्रित हो गए और जमीन पर आ गिरे. आनन-फानन उन्हें इमरजेंसी में पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

खनऊ : लोहिया संस्थान के एक कार्डियक सर्जन (A cardiac surgeon at Lohia Institute) पिछले छह साल से संस्थान को बिना जानकारी दिए ड्यूटी से गायब हो जाते थे और बीच-बीच में आकर ड्यूटी ज्वॉइन कर लेते थे. डॉक्टर ने छह साल में करीब 28 लाख रुपये सैलरी भी ले ली. जब संस्थान उनसे पत्राचार करता तो वह जवाब नहीं देते और फिर अचानक उन्होंने अपना इस्तीफा संस्थान को भेज दिया. मामला पकड़ में आने के बाद लोहिया संस्थान प्रशासन ने डॉक्टर पर 35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही पांच साल सरकारी मेडिकल संस्थान में आवेदन करने पर भी रोक लगा दी है.

लोहिया संस्थान (Lohia Institute) के सीवीटीएस विभाग (कॉर्डियोवैस्कुलर थोरैसिक सर्जरी) के डॉ. ललित मोहन जोशी (Dr. Lalit Mohan Joshi) जनवरी 2016 से आस्ट्रेलिया में रह रहे हैं. करीब 6 साल बाद उन्होंने इसी साल 25 जुलाई 2022 को संस्थान प्रशासन को अपना त्यागपत्र भेजा. हालांकि, संस्थान की एक्जिक्यूटिव रजिस्ट्रार डॉ. ज्योत्सना अग्रवाल (Executive Registrar Dr. Jyotsna Agarwal) ने 13 दिसंबर 2022 को उनका त्यागपत्र स्वीकार करने के साथ ही दंडात्मक कार्रवाई का भी आदेश दिया. जब संस्थान की ओर से उनसे पत्राचार किया जाता तो उसका जवाब भी उनकी तरफ से नहीं दिया जाता. रिजाइन देने से पहले तीन माह का नोटिस दिए जाने संबंधी नियम की भी डॉक्टर ने अनदेखी की. जिसकी वजह से सीवीटीएस की एक सीट भी फंसी रही और मरीजों का भी काफी नुकसान हुआ.

मामले को गंभीरता से लेते हुए संस्थान प्रशासन (Lohia Institute) ने उनसे 28 लाख 11 हजार 543 रुपये की रिकवरी का आदेश जारी किया है. जबकि त्यागपत्र देने से तीन माह पहले नोटिस न देने पर सात लाख नौ हजार 302 रुपये का जुर्माना लगाया है. पत्र के मुताबिक अब डॉ. जोशी पांच साल किसी भी सरकारी मेडिकल संस्थान (Government Medical Institute) में आवेदन नहीं कर सकेंगे. इतना ही नहीं, संस्थान के आदेश में साफ है कि अगर आरोपी डॉक्टर (accused doctor) की ओर से रिकवरी अमाउंट नहीं लौटाई जाती है, तो कुर्की की भी कार्रवाई की जाएगी.

लोहिया अस्पताल की सीढ़ी से गिरने से बुजुर्ग की मौत : डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल में सीढ़ी से गिरने से एक बुजुर्ग की मौत हो गई. कुशीनगर निवासी रामनरेश (Kushinagar resident Ramnaresh) अस्पताल में भर्ती पड़ोसी हसनतारा से मिलने आए थे. पुलिस के मुताबिक राम नरेश (50) कुशीनगर में परिवार के साथ रहते थे. कुशीनगर में उनके पड़ोस में रहने वाली हसन तारा का कुछ दिन पहले लोहिया संस्थान में पैर का ऑपरेशन हुआ था. उन्हें देखने के लिए रामनरेश कुशीनगर से लखनऊ के लोहिया संस्थान आए थे. बताया जा रहा है कि हसनतारा पहली मंजिल पर स्थित वॉर्ड में भर्ती थीं. बीते गुरुवार शाम करीब 6 बजे रामनरेश सीढ़ियों से पहली मंजिल पर जा रहे थे. इसी बीच अचानक वो अनियंत्रित हो गए और जमीन पर आ गिरे. आनन-फानन उन्हें इमरजेंसी में पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

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