लखनऊ: यूपी में शनिवार की सुबह कोरोना के 30 मामले सामने आए हैं. प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. वहीं, वैक्सीनेशन में पंजीकरण आफत बना हुआ है. रात में खुल रहे पोर्टल पर 20 मिनट में स्लॉट फुल हो जा रहे हैं. शुक्रवार को प्रदेश में सवा दो लाख कोरोना टेस्ट किए गए.
उत्तर प्रदेश में पिछले 69 दिनों से कोरोना के मामलों में कमी देखी जा रही है. एक दिन में 61 मरीजों में वायरस की पुष्टि हुई है. वहीं, 86 लोगों ने वायरस को हराने में सफलता पाई. वर्तमान में सिर्फ 994 एक्टिव केस रह गए हैं. कोरोना के सक्रिय मामलों में यूपी 19वें स्थान पर है. अलीगढ़, ललितपुर, श्रावस्ती, हाथरस, महोबा, कासगंज, चित्रकूट, शामली पहले कोरोना मुक्त हो चुके हैं. वहीं, गुरुवार को बलरामपुर, बस्ती को भी कोरोना मुक्त घोषित कर दिया गया है.
इन राज्यों को लेकर अलर्ट
जिन राज्यों में साप्ताहिक संक्रमण दर 3 फीसद तक है. वहां से आने वाले लोगों की आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य है. इसके अलावा यदि वैक्सीन की दोनों डोज का प्रमाणपत्र है तो जांच की जरूरत नहीं है. मगर, बाहर से आने पर 7 दिन क्वारंटीन की सलाह दी गई है. इसमें मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, गोवा, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, मिजोरम, केरल आदि है.
51 जनपदों में नहीं मिला एक भी केस
यूपी में शुक्रवार को 51 जनपदों में कोरोना का एक भी केस नहीं पाया गया. स्वास्थ विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट में मरीजों की संख्या शून्य रही. वहीं, दो जनपद प्रयागराज में 11 व लखनऊ में 10 सर्वाधिक केस रहे. शेष जनपदों में 9 या उससे कम मरीज पाए गए.
अब 0.02 फीसद पॉजिटिविटी रेट
मरीजों की कुल पॉजिटीविटी रेट 3 फीसद घटकर 2.77 रह गई है. इसके अलावा राज्य में पॉजिटिविटी रेट 0.04 से घटकर 0.02 फीसद रह गई है. वहीं मृत्युदर अभी 1 फीसद पर बनी हुई है. जून में प्रदेश में संक्रमण दर का औसत 1 फीसद रही, जबकि जुलाई में 0.04 फीसद पॉजिटिविटी रेट की गई.
98.6 फीसद पर रिकवरी रेट
30 अप्रैल को यूपी में सर्वाधिक एक्टिव केस 3 लाख 10 हजार 783 रहे. अब यह संख्या घटकर 994 रह गई. वहीं, रिकवरी रेट मार्च में जहां 98.2 फीसद थी. अप्रैल में घटकर 76 फीसद तक पहुंच गई. वर्तमान में फिर रिकवरी रेट 98.6 फीसद हो गई है. वहीं 2020 से अब तक कोरोना की कुल संक्रमण दर 2.77 फीसद रह गई है.
इसे भी पढे़ं- यूपी में मिले कोरोना के 70 नए मरीज, वैक्सीन की डबल डोज पर RTPCR जांच से छूट