लखनऊ : माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के साम्राज्य को नेस्तानबूत करने वाले आईपीएस ब्रजभूषण और बाइक बोट स्कैम व शाइन सिटी स्कैम की जांच करने वाले आईपीएस आरपी सिंह समेत 3 आईपीएस व एक डिप्टी एसपी अधिकारी मंगलवार को रिटायर हो गए. पुलिस सेवा के आखिरी दिन डीजीपी ने सभी चारों पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें नई पारी के लिए शुभकामनाएं भी दी हैं, वहीं केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद 1988 बैच के IPS अफसर अनिल कुमार अग्रवाल को तैनाती मिली है. अनिल अग्रवाल को DG ट्रेनिंग के साथ DG टेलीकॉम का भी अतिरिक्त कार्यभार मिला है.
मंगलवार को डीजी ट्रेनिंग आरपी सिंह, एडीजी लखनऊ ब्रज भूषण शर्मा, एसपी लीगल एनपी सिंह और डिप्टी एसपी केके सिंह रिटायर हो गए हैं. डीजीपी डीएस चौहान ने पुलिस मुख्यालय में इन सभी चारों पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की और आगे की नई पारी के लिए शुभकामनाएं दी हैं. साल 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी आरपी सिंह डीजी ट्रेनिंग के पद से आज रिटायर हुए हैं. इससे पहले वो डीजी ईओडब्ल्यू समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे हैं. ईओडब्ल्यू में तैनाती के दौरान उन्होंने हजारों लोगों से हुई अरबों रुपयों के बाइक बोट घोटाले की जांच की थी. इस दौरान उन्होंने घोटाले के मुख्य आरोपी संजय भाटी समेत कई आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा था, वहीं 1991 बैच के आईपीएस ब्रजभूषण शर्मा मौजूदा समय एडीजी लखनऊ जोन के पद पर तैनात थे. इससे पहले वह एडीजी वाराणसी थे. वाराणसी के तैनाती के दौरान माफिया मुख्तार अंसारी गैंग और उसके पूरे साम्राज्य को नेस्तानबूत करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी.
चार आईएएस भी हुए रिटायर : मंगलवार को ही चार आईएएस अधिकारी भी रिटायर हो गए हैं. रिटायर होने वाले आईएएस अधिकारियों में पूर्व मुख्य सचिव व चेयरमैन राज्य सड़क परिवहन निगम राजेंद्र कुमार तिवारी, प्रमुख सचिव औद्योगिक अरविंद कुमार, अपर मुख्य सचिव आयुष आराधना शुक्ला और श्रम आयुक्त शकुंतला शामिल हैं. इन चारों ही आईएएस अधिकारियों का एक समय काफी जलवा रहा है. आरके तिवारी राज्य के मुख्य सचिव रहे हैं. अरविंद कुमार राज्य के प्रमुख सचिव गृह भी रह चुके हैं. आईएएस आराधना शुक्ला नैनीताल की डीएम रह चुकी हैं. इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा विभाग, परिवहन विभाग में भी तैनात रही.
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