लखनऊ: प्रदेश में कोरोना पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. हर रोज हजारों मरीज वायरस की चपेट में आ रहे हैं. पिछले 24 घंटे में 29 हजार से अधिक संक्रमित मिले और मंत्री सेमत 163 मरीजों की मौत हो गई. वहीं, लखनऊ में ऑक्सीजन को लेकर प्लांटो पर हंगामा हुआ.
प्रदेश में 2 लाख 23 हजार 544 एक्टिव मामले
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के अनुसार पिछले 24 घंटे में 2 लाख 137 सैंपल टेस्ट किए गए. जिसमें 29,754 मरीज पॉजिटिव पाए गए और 163 मरीजों की वायरस से मौत हो गई. ब्लड कैंसर से पीड़ित पीजीआई में भर्ती राज्य मंत्री हनुमान मिश्रा इलाज के दौरान संक्रमण की चपेट में आ गए और उनकी भी मंगलवार को मौत हो गई. इसके अलावा ओबोसी रेल कर्मचारी मंडल के मंत्री आरपी यादव की मौत हो गई. प्रदेश में मंगलवार को 14, 391 मरीजों ने वायरस को हराने में कामयाबी हासिल की. वहीं, वर्तमान में 2 लाख 23 हजार 544 एक्टिव मामले हैं.
ऑक्सीजन को लेकर हंगामा
राजधानी लखनऊ में हजारों मरीज संक्रमण की जद में आने से अस्पतालों में बेड खाली नहीं है. जिसकी वजह से बहुत से मरीजों को बेड नहीं मिल सके. वहीं, मंगलवार को दोपहर तक लिक्विड ऑक्सीजन का टैंक नहीं आने से बॉटलिंग प्लान्ट पर सिलिंडर की रिफलिंग काफी देर तक बाधित रही. ऐसे में अवध ऑक्सीजन प्लांट पर लंबी कतारें लग गईं. घंटों ऑक्सीजन न मिलने पर लोगों ने प्लांट के बाहर हंगामा किया.
90 इकाइयां 285 अस्पतालों में आपूर्ति करेंगी ऑक्सीजन
अस्पताल में ऑक्सीजन संकट दूर करने के लिए सरकार के प्रयास जारी है. राज्य में औद्योगिक इकाइयों में ऑक्सीजन प्रयोग पर रोक लग गई. वहीं, 90 इकाइयों को 285 अस्पतालों से जोड़ दिया गया है. यह स्थानीय स्तर पर अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति करेंगी.
रेमेडिसिवर के साथ कोरोना इलाज की सभी दवाओं का संकट
लखनऊ में के बाजार में कोरोना के इलाज की दवाओं का संकट गहरा गया है. इसमें रेमेडिसिवर इंजेक्शन से लेकर सामान्य दवाएं तक हैं. ड्रग एंड केमिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री हरिश्चन्द्र के मुताबिक शहर में अप्रैल में ही 50 हजार के करीब कोरोना के एक्टिव केस हो गए हैं. इसके साथ ही वायरल फ्लू का सीजन भी चल रहा है. ऐसे में प्रोटोकॉल के अनुसार कोई इलाज, तो कोई प्रिकॉशन के आधार पर दवाओं का सेवन कर रहा है. लिहाजा दवाओं की खपत बढ़ गई है. इससे सामान्य दवाओं तक का संकट गहरा गया है.
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कई मेडिकल स्टोर से गायब ये दवाएं
कोरोना के मरीजों के इलाज में आवश्यक आइवरमेक्टिन कई मेडिकल स्टोर से गायब हो चुकी है. इसके अलावा एजिथ्रोमायसिन, डाक्सीसाइक्लिन, विटामिन सी, जिंक, डी-3 के साथ ही पैरासिटामाल का भी संकट गहरा गया है. वहीं गम्भीर मरीजों के लिए आवश्यक फेमीफ्लू दवा, रेमेडिसिवर, अक्टेमरा इंजेक्शन 80 एमजी, 200 एमजी, 400 एमजी मेडिकल स्टोरों पर नहीं मिल रही हैं.
इस तरह बढ़ा कोरोना का प्रकोप
दिनांक | मरीज | मौत |
04 अप्रैल | 4164 | 31 |
05 अप्रैल | 3,999 | 13 |
06 अप्रैल | 5,928 | 30 |
07 अप्रैल | 6,023 | 40 |
08 अप्रैल | 8,490 | 39 |
09 अप्रैल | 9,695 | 37 |
10 अप्रैल | 12,787 | 48 |
11 अप्रैल | 15,353 | 67 |
12 अप्रैल | 13,685 | 72 |
13 अप्रैल | 18,021 | 85 |
14 अप्रैल | 20,510 | 68 |
15 अप्रैल | 22,429 | 104 |
16 अप्रैल | 27,426 | 103 |
17 अप्रैल | 27,357 | 120 |
18 अप्रैल | 30,596 | 129 |
19 अप्रैल | 28,287 | 167 |