लखनऊ: राजधानी में अगर कोई अपराध इन दिनों सबसे तेजी से बढ़ रहा है तो वह है साइबर अपराध. अब बड़ी संख्या में लोग लेनदेन के तरीकों में बदलाव कर रहे हैं, लेकिन बदलते तकनीकी युग में हमारी मेहनत की गाढ़ी कमाई पर साइबर अपराधी निगाह लगाकर बैठे हुए हैं. अकेले लखनऊ में साइबर अपराध के मामले बीते 11 माह में तेजी से बढ़े हैं.
इस साल राजधानी लखनऊ में अभी तक 42 से ज्यादा साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा मामले बैंकिंग फ्रॉड के हैं. बैंक के अधिकारी भी खुद अपने ग्राहकों को फ्रॉड से बचाने के लिए नए-नए तरीकों से जागरूक कर रहे हैं. फिर भी आर्थिक ठगी की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो कि साइबर क्राइम के लिए भी चिंता की बात है.
साइबर अपराध में बढ़ रहे हैं बैंकिंग फ्रॉड के मामले
साल 2020 में भी साइबर अपराध के मामले खूब तेजी से बढ़े हैं. अकेले राजधानी लखनऊ में बीते 11 माह के भीतर 4,200 से ज्यादा साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं इन मामलों में सबसे ज्यादा बैंक से जुड़े हुए ठगी के हैं. बैंक खातों और एटीएम के जरिए सबसे ज्यादा फ्रॉड हो रहे हैं. साइबर अपराध करने वाले पेशेवर अपने जाल में नए-नए तरीकों से लोगों को फंसा रहे हैं. वहीं लोग भी इन पेशेवर अपराधी के लुभावने वादों में आकर अपनी गोपनीय सूचनाएं उपलब्ध करा देते हैं, जिसके जरिए उनके खाते साफ हो जाते हैं. राजधानी में 11 माह में बैंक फ्रॉड के 2,931 मामले दर्ज किए गए हैं.
नए-नए तरीकों से हो रहे हैं बैंकिंग फ्रॉड
राजधानी लखनऊ के भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य ब्रांच के प्रबंधक विजय बहादुर सिंह ने बताया कि इन दिनों बैंकों में अब नए-नए तरीकों के फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं. अक्सर उपभोक्ता उनके पास शिकायत करते हैं कि उनके खाते से पैसे निकल गए. अब क्यूआर कोड के जरिए भी बैंक फ्रॉड हो रहे हैं. ऐसी कई शिकायतें उनके पास आई हैं.
वहीं एसीपी साइबर क्राइम विवेक रंजन राय ने बताया कि साइबर अपराध के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इन मामलों को जहां थानों में दर्ज भी कराया जाता है तो वहीं बड़ी संख्या में मामलों को निस्तारण भी किया गया है. अब तक लोगों के खातों से निकाले गए पैसों में से 80 से 85 लाख रुपये लौटवाये गए हैं, जो ठगी के शिकार हो गए थे.