लखनऊ : राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में 8 फरवरी को उत्तर प्रदेश सिंधी अकादमी का 25वां स्थापना दिवस मनाया गया. कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया ने भगवान झूलेलाल की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित व माल्यार्पण करके की.
सिंधी भाषा, कला एवं संगीत के क्षेत्र में अकादमी का अहम योगदान
कार्यक्रम के दौरान संयुक्ता भाटिया ने उत्तर प्रदेश सिंधी अकादमी की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि अकादमी ने सिंधी भाषा, कला एवं संगीत आदि कई क्षेत्रों में अपनी अहम भूमिका निभाई है. साथ ही उन्होंने इन क्षेत्रों में अकादमी की प्रगति के लिए शुभकामनाएं भी दीं.
महापुरुषों के नाम पाठ्यक्रम में शामिल करने की सिंधू अकादमी ने रखी मांग
अकादमी के उपाध्यक्ष नानक चंद ने कार्यक्रम के दौरान वहां पर आए हुए सभी लोगों से अपने-अपने घरों में सिंधी भाषा का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने सिंधी भाषा के गुण को बताते हुए कहा कि सिंधी एक स्कोरिंग विषय है, इसके माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा में अच्छा प्रदर्शन किया जा सकता है. उन्होंने अन्य प्रदेशों की भांति उत्तर प्रदेश में भी सिंधु पतिराजा दाहरसेन, भगवान झूलेलाल, सन्त कंवरराम, आसहूदाराम, शहीद हेमू कालीन के संघर्षों और उनके व्यक्तित्व को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की अपील की है. अकादमी के निदेशक कल्लू प्रसाद द्विवेदी अकादमी की योजनाओं एवं गतिविधियों के बारे में चर्चा की. बताया कि भाषा विभाग उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सात फरवरी 1996 को अधिसूचना जारी कर उत्तर प्रदेश सिंधी अकादमी की स्थापना की गई थी.