लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 की बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की. सीएम योगी ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के निर्देश दिए हैं. कोरोना से निपटने के साथ ही प्रदेश में बेहतर इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं देने की रणनीति पर चर्चा की गई. इमरजेंसी सेवाओं के लिए सभी 75 जिलों के सरकारी अस्पतालों में 23 हजार बेड के साथ 2481 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की गई है.
मुख्यमंत्री ने चिकित्सा सेवाओं को और बेहतर करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि अभी यूपी में दो प्रकार के अस्पताल हैं- कोविड और नॉन कोविड. प्रदेश में 41 हजार से अधिक आइसोलेशन बेड कोरोना के लिए स्थापित किए जा चुके हैं. 1,250 से अधिक वेंटिलेटर बेड और 21 हजार क्वारंटाइन बेड तैयार हैं.
स्वास्थ्य कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण
सीएम योगी ने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं के लिए जिलों के सरकारी अस्पतालों में 23 हजार से अधिक बेड और 2481 विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार मिलेंगे. 660 निजी अस्पतालों में भी एक लाख से अधिक बेड इमरजेंसी सेवा के लिए तैयार हैं. मेडिकल इन्फेक्शन रोकने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है.
उन्होंने कहा कि इमरजेंसी सेवाएं शुरू हो चुकी हैं. ई-परामर्श शुरू हो चुका है. उसके लिए टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं. टेली कंसल्टेंसी की हर जिले में व्यवस्था की गई है. सामान्य व्यक्ति उस पर फोन कर डॉक्टरों से सलाह ले सकता है.
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मुख्यमंत्री के साथ टीम-11 के साथ बैठक में चिकित्सा शिक्षा एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री विजय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी, प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी समेत अन्य प्रमुख अधिकारी शामिल हुए.