लखनऊ: अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डॉ. नवनीत सहगल ने कहा कि कानपुर में मेगा लेदर पार्क बनने से 50 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी. मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट के तहत 260 एकड़ क्षेत्र में मेगा लेदर पार्क की स्थापना होगी. इसमें 5,850 करोड़ रुपये का निवेश आएगा. इस लेदर पार्क में 20 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) की क्षमता का कामन एफ्ल्युऐंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा, ताकि गंगा नदी में प्रदूषण न हो.
केंद्र को भेजी गई डीपीआर
अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बुधवार को राजधानी लखनऊ के निर्यात भवन में लेदर पार्क की समीक्षा करते हुए कहा कि लेदर पार्क की डिलेल्ट प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) केंद्र सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) को भेज दी गई है. स्वीकृति प्राप्त होते ही मेगा लेदर क्लस्टर डेवलपमेंट यूपी लिमिटेड कंपनी वहां विकास का कार्य शुरू कर देगी. इससे पहले केंद्र सरकार के वाणिज्य मंत्रालय से इस प्रोजेट के लिए सहमति प्राप्त की जा चुकी है.
देश का पहला लेदर पार्क होगा
डॉ. नवनीत सहगल ने कहा कि कानपुर के रमईपुर गांव में मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहित की गई है. यह देश का पहला लेदर पार्क होगा. इसकी स्थापना से कानपुर देश के 10 बड़े लेदर मैन्युफैक्चरिंग राज्यों में अपने स्थान को और बेहतर करने में सफल होगा. कानपुर में मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले लेदर पार्क में 50,000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. डेढ़ लाख लोग अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पाएंगे. डेढ़ सौ से अधिक टेनरी इकाइयां इस पार्क में काम करेंगी. चमड़े से बने जूते, पर्स, जैकेट से लेकर अन्य विश्वस्तरीय उत्पाद इस पार्क में बनाकर उनका निर्यात किया जा सकेगा.
पार्क के लिए अधिग्रहित की गई 235 एकड़ भूमि
डॉ. नवनीत सहगल ने कहा कि मेगा लेदर क्लस्टर प्रोजेक्ट के लिए करीब 36 करोड़ रुपये से 235 एकड़ भूमि कानपुर के रमईपुर गांव में अधिग्रहीत की गई है. लेदर पार्क सभी तरह की सुविधाओं से लैस होगा. इसमें लेदर प्रोडक्ट के उत्पादन से लेकर उत्पादों के प्रदर्शन की भी व्यवस्था होगी. यही नहीं लेदर पार्क में उत्पादों को खरीदने के लिए आने वाले दुनियाभर के निवेशकों के रुकने और खाने-पीने की व्यवस्था भी होगी. मसलन अच्छे गेस्ट हाउस भी होंगे. पार्क में कैंटीन से लेकर रेस्ट हाउस जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी.