लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस महिला अपराध व बाल अपराध पर लगाम कसने के लिए लगातार काम कर रही है. एडीजी महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के नेतृत्व में 1 सितंबर से 30 सितंबर के बीच "नो चाइल्ड लेबर अभियान" चलाया गया. जिसके तहत 2340 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया गया है. महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के गठन के बाद उत्तर प्रदेश में लगातार महिलाओं बच्चों की सुरक्षा के लिए काम किया जा रहा है.
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, जहां एक ओर नो चाइल्ड लेबर अभियान चलाकर 2340 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त किया गया है. वहीं दूसरी ओर मानव तस्करी पर लगाम लगाने के लिए भी काम किया जा रहा है. मानव तस्करी के अंतर्गत जबरन मजदूरी कराना, भीख मंगाना, पीड़ित व्यक्ति को बंधक बनाकर घर के काम करवाना आदि शामिल है. ऐसे में मानव तस्करी पर लगाम लगाई जा सके इसके लिए अभियान चलाकर निरंतर कार्य किए जा रहे हैं.
अपर पुलिस महानिदेशक महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन श्रीमती नीरा रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि अभियान चलाकर 2340 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया गया है. उत्कृष्ट कार्य करने वाले 5 जनपदों के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के नोडल अधिकारियों व प्रभारियों को 5-5 हजार रुपये की धनराशि व ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए काम करने वाली एनजीओ का प्रशस्ति पत्र सम्मान स्वरूप भेंट किया गया है.
लखनऊ: 'नो चाइल्ड लेबर' अभियान में मुक्त कराए गए 2340 बाल मजदूर
उत्तर प्रदेश में 1 सितंबर से 30 सितंबर 2020 के बीच "नो चाइल्ड लेबर अभियान" चलाया गया. जिसमें 2340 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया गया. इस अभियान में शामिल अधिकारियों को नगदी पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस महिला अपराध व बाल अपराध पर लगाम कसने के लिए लगातार काम कर रही है. एडीजी महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के नेतृत्व में 1 सितंबर से 30 सितंबर के बीच "नो चाइल्ड लेबर अभियान" चलाया गया. जिसके तहत 2340 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया गया है. महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के गठन के बाद उत्तर प्रदेश में लगातार महिलाओं बच्चों की सुरक्षा के लिए काम किया जा रहा है.
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, जहां एक ओर नो चाइल्ड लेबर अभियान चलाकर 2340 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त किया गया है. वहीं दूसरी ओर मानव तस्करी पर लगाम लगाने के लिए भी काम किया जा रहा है. मानव तस्करी के अंतर्गत जबरन मजदूरी कराना, भीख मंगाना, पीड़ित व्यक्ति को बंधक बनाकर घर के काम करवाना आदि शामिल है. ऐसे में मानव तस्करी पर लगाम लगाई जा सके इसके लिए अभियान चलाकर निरंतर कार्य किए जा रहे हैं.
अपर पुलिस महानिदेशक महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन श्रीमती नीरा रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि अभियान चलाकर 2340 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया गया है. उत्कृष्ट कार्य करने वाले 5 जनपदों के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के नोडल अधिकारियों व प्रभारियों को 5-5 हजार रुपये की धनराशि व ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए काम करने वाली एनजीओ का प्रशस्ति पत्र सम्मान स्वरूप भेंट किया गया है.