लखनऊ: राजधानी स्थित केजीएमयू के लिंब सेंटर में अब कोविड-19 अस्पताल बनाए जाने का निर्णय केजीएमयू प्रशासन ने ले लिया है. इसके लिए उन्होंने शासन से आर्थिक मदद की भी मांग की है. बताया जा रहा है कि पिछले एक महीने से यहां पर सुरक्षा उपकरणों के साथ कोविड-19 अस्पताल बनाए जाने को लेकर जरूरी मानकों की जांच की जा रही थी.
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के लिंब सेंटर में कोविड-19 अस्पताल बनाने की कवायद शुरू की जा चुकी है. गुरुवार को केजीएमयू प्रशासन ने इस बात पर निर्णय लिया है कि लिंब सेंटर में ही कोविड-19 का लेवल-3 अस्पताल बनाया जाएगा. लिंब सेंटर में 200 बेडों का कोविड-19 लेवल-3 अस्पताल बनाया जाएगा, जिसके कुछ मानकों की जांच हुई है और कुछ की जांच हो रही है.
संस्थान से चाहिए जगह
केजीएमयू के कुलसचिव आशुतोष द्विवेदी के अनुसार, डेडीकेटेड और आइसोलेटेड कोविड-19 अस्पताल को बनाने के लिए संस्थान से एक अलग जगह चाहिए, जिससे अन्य मरीजों में संक्रमण की आशंका कम हो. केजीएमयू में बच्चों और बड़ों से जुड़े रोगों के सभी विभाग आसपास में बने हुए हैं. ऐसी स्थिति में लिंब सेंटर ही एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां पर कोविड-19 से संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा सकता है.
वहीं कुलसचिव ने बताया कि लिंब सेंटर में इस वक्त संचालित किए जा रहे डीपीएमआर, गठिया विभाग, ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग, स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग और पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक विभाग को शताब्दी अस्पताल फेस टू में शिफ्ट किया जाएगा. सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को यह सूचना दे दी गई है, कि वह अपने विभागों के लिए आवंटित स्थान का निरीक्षण करें और जरूरी सामानों की लिस्ट बनाकर तैयार कर लें, ताकि समय पर विभाग को शिफ्ट किया जा सके.
लिंब सेंटर को कोविड-19 अस्पताल में तब्दील करने के लिए संस्थान को कुछ बदलाव भी करने हैं. इसके लिए केजीएमयू प्रशासन ने उत्तर प्रदेश शासन से आर्थिक सहायता की मांग भी की है. कोविड-19 अस्पताल के पूरी तरह से तैयार होने में लगभग दो हफ्तों से अधिक का समय लग सकता है.