लखनऊ: खराब रास्तों और वाहनों की तेज रफ्तार से सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. इन सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अब परिवहन विभाग ने प्लान तैयार किया है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आसपास के ऐसे 19 रास्तों को चिह्नित किया गया है, जहां तेज रफ्तार से वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है. इन क्षेत्रों में कहीं सड़कें खराब हैं तो कहीं रास्ते छतिग्रस्त हैं. इतना ही नहीं कहीं-कहीं तो सड़क बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील है.
परिवहन विभाग ने खस्ताहाल सड़कों पर तेज रफ्तार में संचालित होने वाले वाहनों पर शिकंजा कसा है. सहायक संभागीय अधिकारी (प्रशासन) संजय तिवारी ने दो व तीन पहिया, यात्री वाहन और माल वाहनों की गति सीमा निर्धारित कर दी है. सड़क दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड लगाया जाएगा. यहां पर स्पीड लिमिट देखकर ही वाहन चलाना होगा नहीं तो कार्रवाई होगी. एआरटीओ की तरफ से जारी आदेश में फायर ब्रिगेड वाहन, सेना के वाहन, पुलिस वाहन, एम्बुलेंस और आपदा प्रबंधन के वाहन गति सीमा के दायरे में नहीं आएंगे.
इन 19 सड़क मार्गों पर यह है स्पीड लिमिट
- लखनऊ से नगराम तक
- बनी से मोहान तक
- माल से गोपामऊ तक
- माल से नरियाखेड़ा तक
- रहीमाबाद से गहदो तक
- बिजनौर से सिसेंडी तक
- काकोरी से बहरू तक
- अंधे की चौकी से तिलोइया तक
- अंधे की चौकी से नबी पनाह तक
- इटौंजा से कुम्हरावॉ तक
- बीकेटी से चंद्रिका देवी तक
- स्पोर्ट कॉलेज से बेहटा तक
- बख्शी का तालाब से बेहटा तक
- मलिहाबाद से माल तक
- माल से नरिया खेड़ा तक
- इटौंजा से माल तक
- आगरा एक्सप्रेस वे के अंडर पास से मोहान तक
- मोहनलालगंज से गोसाईगंज तक
- बनी से मोहनलालगंज तक
वाहनों के लिए होगी इतनी स्पीड
दो व तिपहिया वाहन- 40 किमी. प्रति घंटा
माल लदे हुए भारी वाहन- 50 किमी. प्रति घंटा
सभी प्रकार के यात्री वाहन- 60 किमी. प्रति घंटा