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'मंथन' में हुई चर्चा के आधार पर यूपी का होगा विकास, पहले चरण में 18 जिले शामिल

उत्तर प्रदेश सरकार और आईआईएम लखनऊ के बीच मंथन कार्यक्रम में हुई चर्चा के आधार पर प्रदेश का विकास होगा. इसे लेकर सरकार रणनीति तैयार कर रही है. पहले चरण में 18 जिलों को मॉडल के तौर पर विकसित करने का निर्णय लिया गया है.

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Published : Dec 14, 2019, 8:50 PM IST

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ऊर्जा मंत्री और प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा.

लखनऊ: प्रदेश सरकार और आईआईएम लखनऊ के बीच एक 'मंथन' कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में योगी कैबिनेट के सभी मंत्री और प्रबंधन गुरुओं ने मिलकर प्रदेश के विकास पर चर्चा की, जिसके आधार पर योगी सरकार प्रदेश के विकास को लेकर रणनीति तैयार कर रही है.

पहले चरण में 18 जिलों का विकास करेगी सरकार.

सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में कमेटी गठित
प्रदेश सरकार ने संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में मंत्रियों की एक कमेटी गठित की है. यह कमेटी नियोजन विभाग के साथ मिलकर प्रदेश के विकास को लेकर खाका तैयार कर रही है. मंथन से निकले मंत्र के आधार पर अब योगी सरकार प्रदेश का विकास करेगी.

गत सितंबर माह में हुए मंथन के दौरान तय लक्ष्यों के क्रम में योगी सरकार ने 18 जिलों को मॉडल के तौर पर विकसित करने का निर्णय लिया है. नियोजन विभाग इन जिलों के विकास को लेकर खाका तैयार करेगा, जिसकी निगरानी के लिए मंत्री समूह की एक कमेटी गठित की गई है. इस कमेटी में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह शामिल हैं.

जिलों की मौजूदा स्थिति का भी होगा आकलन
जिन 18 जिलों को चिन्हित किया गया है, उनकी भविष्य की कार्ययोजना तय करने से पहले मौजूदा स्थिति का भी आकलन किया जाएगा, ताकि एक निश्चित समय अंतराल के बाद यह पता चल सके कि इन जिलों में किस-किस दिशा में विकास हुआ है. सरकार ने इन जिलों के विकास के लिए पांच प्राथमिकताएं निर्धारित की हैं. इनमें कृषि, नगरीय विकास, कानून व्यवस्था, मानव संसाधन एवं औद्योगिक विकास जैसे मुद्दे शामिल हैं.

पहले चरण में 18 जिले किए गए शामिल
मंथन के तहत जिन 18 जिलों को शामिल किया गया है, उनमें लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, झांसी, बांदा, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, कानपुर, प्रयागराज, अयोध्या और गोंडा जिला शामिल हैं. ये सभी जिले कमिश्नरी मुख्यालय भी हैं.

6 जनवरी को कमेटी सौंपेगी रिपोर्ट
मंथन कार्यक्रम के तहत गठित कमेटी ने पिछले दिनों इन जिलों के विकास को लेकर बैठक की थी. अगली बैठक आगामी 16 जनवरी को प्रस्तावित है. विभागीय अधिकारियों को छह जनवरी तक कमेटी को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. रिपोर्ट के आधार पर इस बैठक में चर्चा की जाएगी और भविष्य की रणनीति तय की जाएगी.

ये भी पढ़ें: लखनऊ: रियलिटी चेक में खुली नगर आयुक्त के दावे की पोल, नहीं जलते मिले अलाव

ऊर्जा मंत्री ने दी जानकारी
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि 18 जिलों को चिन्हित किया गया है. पहले चरण में उन्हीं जिलों को हम लोग विकसित कर रहे हैं. बुनियादी ढांचा में आमूलचूल बदलाव करने की कोशिश की जा रही है. यूपी ने अपना वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य रखा है, जिसे हासिल करने के लिए निवेश आवश्यक है. उसके लिए जो भी हमारे पास विकल्प हैं, उन पर हम गंभीरता से काम कर रहे हैं.

18 जिलों के साथ हम आदर्श कमिश्नरी भी स्थापित करेंगे. ये वह जिले हैं, जहां पर कमिश्नरी का मुख्यालय है. हम इन जिलों में आदर्श स्थापित करेंगे तो कमिश्नरी के बाकी सभी जिलों पर इसका असर पड़ेगा और फिर दूसरे चरण में उनको भी इसमें शामिल करेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि अधिक से अधिक निवेशक हमारे प्रदेश में आएं.
-श्रीकांत शर्मा, ऊर्जा मंत्री

लखनऊ: प्रदेश सरकार और आईआईएम लखनऊ के बीच एक 'मंथन' कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में योगी कैबिनेट के सभी मंत्री और प्रबंधन गुरुओं ने मिलकर प्रदेश के विकास पर चर्चा की, जिसके आधार पर योगी सरकार प्रदेश के विकास को लेकर रणनीति तैयार कर रही है.

पहले चरण में 18 जिलों का विकास करेगी सरकार.

सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में कमेटी गठित
प्रदेश सरकार ने संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में मंत्रियों की एक कमेटी गठित की है. यह कमेटी नियोजन विभाग के साथ मिलकर प्रदेश के विकास को लेकर खाका तैयार कर रही है. मंथन से निकले मंत्र के आधार पर अब योगी सरकार प्रदेश का विकास करेगी.

गत सितंबर माह में हुए मंथन के दौरान तय लक्ष्यों के क्रम में योगी सरकार ने 18 जिलों को मॉडल के तौर पर विकसित करने का निर्णय लिया है. नियोजन विभाग इन जिलों के विकास को लेकर खाका तैयार करेगा, जिसकी निगरानी के लिए मंत्री समूह की एक कमेटी गठित की गई है. इस कमेटी में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह शामिल हैं.

जिलों की मौजूदा स्थिति का भी होगा आकलन
जिन 18 जिलों को चिन्हित किया गया है, उनकी भविष्य की कार्ययोजना तय करने से पहले मौजूदा स्थिति का भी आकलन किया जाएगा, ताकि एक निश्चित समय अंतराल के बाद यह पता चल सके कि इन जिलों में किस-किस दिशा में विकास हुआ है. सरकार ने इन जिलों के विकास के लिए पांच प्राथमिकताएं निर्धारित की हैं. इनमें कृषि, नगरीय विकास, कानून व्यवस्था, मानव संसाधन एवं औद्योगिक विकास जैसे मुद्दे शामिल हैं.

पहले चरण में 18 जिले किए गए शामिल
मंथन के तहत जिन 18 जिलों को शामिल किया गया है, उनमें लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, झांसी, बांदा, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, कानपुर, प्रयागराज, अयोध्या और गोंडा जिला शामिल हैं. ये सभी जिले कमिश्नरी मुख्यालय भी हैं.

6 जनवरी को कमेटी सौंपेगी रिपोर्ट
मंथन कार्यक्रम के तहत गठित कमेटी ने पिछले दिनों इन जिलों के विकास को लेकर बैठक की थी. अगली बैठक आगामी 16 जनवरी को प्रस्तावित है. विभागीय अधिकारियों को छह जनवरी तक कमेटी को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. रिपोर्ट के आधार पर इस बैठक में चर्चा की जाएगी और भविष्य की रणनीति तय की जाएगी.

ये भी पढ़ें: लखनऊ: रियलिटी चेक में खुली नगर आयुक्त के दावे की पोल, नहीं जलते मिले अलाव

ऊर्जा मंत्री ने दी जानकारी
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि 18 जिलों को चिन्हित किया गया है. पहले चरण में उन्हीं जिलों को हम लोग विकसित कर रहे हैं. बुनियादी ढांचा में आमूलचूल बदलाव करने की कोशिश की जा रही है. यूपी ने अपना वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य रखा है, जिसे हासिल करने के लिए निवेश आवश्यक है. उसके लिए जो भी हमारे पास विकल्प हैं, उन पर हम गंभीरता से काम कर रहे हैं.

18 जिलों के साथ हम आदर्श कमिश्नरी भी स्थापित करेंगे. ये वह जिले हैं, जहां पर कमिश्नरी का मुख्यालय है. हम इन जिलों में आदर्श स्थापित करेंगे तो कमिश्नरी के बाकी सभी जिलों पर इसका असर पड़ेगा और फिर दूसरे चरण में उनको भी इसमें शामिल करेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि अधिक से अधिक निवेशक हमारे प्रदेश में आएं.
-श्रीकांत शर्मा, ऊर्जा मंत्री

Intro:लखनऊ: मंथन से निकले मंत्र के आधार पर यूपी का होगा विकास, पहले चरण में सूबे के 18 जिले शामिल

लखनऊ। योगी सरकार और आई आई एम लखनऊ के बीच एक मंथन कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस मंथन कार्यक्रम में योगी कैबिनेट के सभी मंत्री और प्रबंधन गुरु मिलकर उत्तर प्रदेश के विकास पर चर्चा किए थे। उसी चर्चा के आधार पर योगी सरकार प्रदेश के विकास को लेकर रणनीति तैयार कर रही है। योगी सरकार ने संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में मंत्रियों की एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी नियोजन विभाग के साथ मिलकर प्रदेश के विकास को लेकर खाका तैयार कर रही है। मंथन से निकले मंत्र के आधार पर अब योगी सरकार प्रदेश का विकास करेगी।


Body:गत सितंबर माह में हुए मंथन के दौरान तय लक्ष्यों के क्रम में योगी सरकार ने 18 जनों को मॉडल के तौर पर विकसित करने का निर्णय लिया है। नियोजन विभाग इन जिलों के विकास को लेकर खाका तैयार करेगा। इसकी निगरानी के लिए मंत्री समूह की एक कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह शामिल है। जिन 18 जिलों को चिन्हित किया गया है, उनकी भविष्य की कार्ययोजना तय करने से पहले मौजूदा स्थिति का भी आकलन किया जाएगा। ताकि एक निश्चित समय अंतराल के बाद इसका आकलन करने पर यह पता चल सके कि इन जिलों में किस- किस दिशा में विकास हुआ है। सरकार ने इन जिलों के विकास के लिए पांच प्राथमिकताएं निर्धारित की गई हैं। इनमें कृषि, नगरीय विकास, कानून व्यवस्था, मानव संशाधन एवं औद्योगिक विकास जैसे मुद्दे शामिल हैं।

पहले चरण में इन 18 जिलों को किया गया शामिल

मंथन के तहत जिन 18 जिलों को लिया गया है, उनमें लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, झांसी, बांदा, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, कानपुर, प्रयागराज, अयोध्या और गोंडा जिला शामिल है। ये सभी जिले कमिश्नरी मुख्यालय भी हैं। मंथन कार्यक्रम के तहत गठित कमेटी ने पिछले दिनों इन जिलों के विकास को लेकर बैठक की थी। अगली बैठक आगामी 16 जनवरी को प्रस्तावित है। विभागीय अधिकारियों को छह जनवरी तक कमेटी को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। उसी रिपोर्ट के आधार पर इस बैठक में चर्चा की जाएगी। भविष्य की रणनीति तय की होगी।

बाईट-योगी सरकार के मंत्री व प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि 18 जिलों को चिन्हित किया गया है। पहले चरण में उन्हीं जिलों को हम लोग विकसित कर रहे हैं। बुनियादी ढांचा में आमूलचूल बदलाव करने की कोशिश की जा रही है। हमारे यहां जो निवेशक हैं। उनको सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाए। प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा निवेश हो। जो विकास के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, उसे हासिल किया जाए। यूपी ने अपना वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमिक का लक्ष्य रखा है। उसे हासिल करने के लिए निवेश आवश्यक है। उसके लिए जो भी हमारे पास विकल्प हैं, उन विकल्पों पर हम गंभीरता से काम कर रहे हैं।

18 जिलों के साथ हम आदर्श कमिश्नरी भी स्थापित करेंगे। यह वह जिले हैं जहां पर कमिश्नरी का मुख्यालय है। हम इन जिलों में आदर्श स्थापित करेंगे तो कमिश्नरी के बाकी सभी जिलों पर इसका असर पड़ेगा। और फिर दूसरे चरण में उनको भी इसमें शामिल करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि अधिक से अधिक निवेशक हमारे प्रदेश में आएं। उत्तर प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म स्थान है। भगवान राम की जन्म स्थली है। बाबा विश्वनाथ हैं। कुछ दिन तो गुजारो हमारे उत्तर प्रदेश में यह हमारा नारा है। पर्यटन की दृष्टि से भी और इंडस्ट्री की दृष्टि से। हमारा प्रदेश उत्तम प्रदेश सरकार का लक्ष्य है।

दिलीप शुक्ला, 9450663213


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