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ऑटो संचालन के लिए शहर में बनेंगे 15 नए केंद्र, समिति के सर्वे के बाद मंडलायुक्त लेंगी निर्णय - याताताय साधन

शहर के अंदर केंद्र परमिट से ऑटो संचालित कराने के लिए गठित समिति ने सर्वे करना शुरू कर दिया है. समिति शहर के अंदर 15 नए केंद्र बनाने के लिए सर्वेक्षण करके अपनी रिपोर्ट कमिश्नर को सौंपेगी. इसके बाद मंडलायुक्त समिति के प्रस्ताव पर फैसला लेंगी.

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Published : Dec 14, 2022, 7:53 PM IST

लखनऊ : शहर के अंदर केंद्र परमिट से ऑटो संचालित कराने के लिए गठित समिति ने सर्वे करना शुरू कर दिया है. समिति शहर के अंदर 15 नए केंद्र बनाने के लिए सर्वेक्षण करके अपनी रिपोर्ट कमिश्नर को सौंपेगी. इसके बाद मंडलायुक्त समिति के प्रस्ताव पर फैसला लेंगी. समिति के सदस्यों का कहना है कि शहर का लगातार विस्तार होता जा रहा है और साधनों का अभाव है. ऐसे में शहरवासियों की जरूरत के मुताबिक केंद्रों की आवश्यकता महसूस की जा रही है. इसी वजह से शहर का सर्वे किया जा रहा है.

20 साल पहले साल 2002 में लखनऊ में ऑटो का संचालन (auto operation) केंद्रों से ही होता था, लेकिन यूनियन ने इसका काफी विरोध किया था. जिसके बाद केंद्र परमिट से ऑटो संचालन का फैसला वापस ले लिया गया था. अब शहर का चारों तरफ फैलाव हो रहा है. आबादी काफी ज्यादा बढ़ गई है उसकी तुलना में साधनों का अभाव है. चारबाग से विभिन्न रूटों के लिए ऑटो का संचालन तो होता है, लेकिन शहर के आउटर इलाकों (outer areas) के लोगों को साधन नहीं मिलते हैं. इसी को ध्यान में रखकर अब एक समिति गठित की गई है जो शहर का सर्वे कर रही है.

इसके तहत छोटी-छोटी दूरी के लिए 15 नए केंद्र बनाए जाएंगे. जहां से कम दूरी के लिए ऑटो का संचालन होगा. जिससे हर जगह के यात्रियों को यातायात साधन (means of transport) मिल सकेंगे. उन्हें आवागमन की सुविधा होगी. हालांकि ऑटो यूनियन की तरफ से लगातार इसका विरोध भी किया जा रहा है. कमिश्नर को पत्र भी भेजा गया है, लेकिन समिति जिस तरह से सर्वे कर रही है और जिस तरह की तैयारी है उसके अनुसार उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र परमिट से ऑटो संचालन के लिए जो रिपोर्ट तैयार होगी उस पर कमिश्नर अपनी सहमति जरूर देंगी. अपर जिलाधिकारी (नगर) की अध्यक्षता में गठित में अपर नगर आयुक्त, अपर पुलिस उपायुक्त ट्रैफिक और एआरटीओ (प्रवर्तन) शामिल हैं.

लखनऊ : शहर के अंदर केंद्र परमिट से ऑटो संचालित कराने के लिए गठित समिति ने सर्वे करना शुरू कर दिया है. समिति शहर के अंदर 15 नए केंद्र बनाने के लिए सर्वेक्षण करके अपनी रिपोर्ट कमिश्नर को सौंपेगी. इसके बाद मंडलायुक्त समिति के प्रस्ताव पर फैसला लेंगी. समिति के सदस्यों का कहना है कि शहर का लगातार विस्तार होता जा रहा है और साधनों का अभाव है. ऐसे में शहरवासियों की जरूरत के मुताबिक केंद्रों की आवश्यकता महसूस की जा रही है. इसी वजह से शहर का सर्वे किया जा रहा है.

20 साल पहले साल 2002 में लखनऊ में ऑटो का संचालन (auto operation) केंद्रों से ही होता था, लेकिन यूनियन ने इसका काफी विरोध किया था. जिसके बाद केंद्र परमिट से ऑटो संचालन का फैसला वापस ले लिया गया था. अब शहर का चारों तरफ फैलाव हो रहा है. आबादी काफी ज्यादा बढ़ गई है उसकी तुलना में साधनों का अभाव है. चारबाग से विभिन्न रूटों के लिए ऑटो का संचालन तो होता है, लेकिन शहर के आउटर इलाकों (outer areas) के लोगों को साधन नहीं मिलते हैं. इसी को ध्यान में रखकर अब एक समिति गठित की गई है जो शहर का सर्वे कर रही है.

इसके तहत छोटी-छोटी दूरी के लिए 15 नए केंद्र बनाए जाएंगे. जहां से कम दूरी के लिए ऑटो का संचालन होगा. जिससे हर जगह के यात्रियों को यातायात साधन (means of transport) मिल सकेंगे. उन्हें आवागमन की सुविधा होगी. हालांकि ऑटो यूनियन की तरफ से लगातार इसका विरोध भी किया जा रहा है. कमिश्नर को पत्र भी भेजा गया है, लेकिन समिति जिस तरह से सर्वे कर रही है और जिस तरह की तैयारी है उसके अनुसार उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र परमिट से ऑटो संचालन के लिए जो रिपोर्ट तैयार होगी उस पर कमिश्नर अपनी सहमति जरूर देंगी. अपर जिलाधिकारी (नगर) की अध्यक्षता में गठित में अपर नगर आयुक्त, अपर पुलिस उपायुक्त ट्रैफिक और एआरटीओ (प्रवर्तन) शामिल हैं.

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