लखनऊ : मिर्जापुर के बाद अब बलिया मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) कार्यालय में हुई 143 कर्मियों की नियुक्तियां फर्जी मिली हैं. इनमें से 103 को तत्काल बर्खास्त करने व अन्य से जवाब लेने के बाद कार्रवाई की संस्तुति की गई है. यहां के तत्कालीन सीएमओ एवं पटल सहायकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए भी कहा गया है.
निदेशक (प्रशासन) डॉ. राजा गणपति आर ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा को पत्र भेजा है. बलिया में 350 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति फर्जी होने का मामला सामने आया था. सीडीओ की अध्यक्षता में कमेटी ने जांच की. 11 जनवरी को बलिया सीडीओ प्रवीण वर्मा ने महानिदेशालय के अपर निदेशक को रिपोर्ट भेज दी है. अब रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित होगी.
फर्जी नियुक्ति के मामले में मुख्य रूप से तत्कालीन सीएमओ को दोषी करार दिया गया है. इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की संस्तुति की गई है, लेकिन 143 कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति की कार्रवाई की जद में तत्कालीन 13 सीएमओ व सात कर्मचारी आएंगे. ये 2009 से 2019 के बीच जिले में तैनात रहे. सीडीओ की रिपोर्ट में बताया गया है कि नियुक्ति पत्र सत्यापित नहीं है और प्रथम योगदान प्रमाण पत्र भी नहीं है. इन कर्मचारियों की नियुक्ति के समय बलिया में सीएमओ पद पर डॉ. कृष्ण मुरारी तिवारी, डॉ. उमेश चंद्र, डॉ. सुनील भारती, डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, डॉ. प्रमोद कुमार सिंह, डॉ. मंसूर अहमद, डॉ. सुधीर कुमार तिवारी, डॉ. अजय श्रीवास्तव, डॉ. वीएन सिंह, डॉ. एसपी राय कार्यरत रहे हैं. इसी तरह स्थापना लिपिक पद पर दयाशंकर वर्मा, मुकेश भारद्वाज, ओम नारायण तिवारी, अवधेश कुमार गुप्ता, नीरज राय, अरुण चौधरी और श्रीराम कार्यरत हैं.
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