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खाद आपूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने रेलवे से मांगे 12 अतिरिक्त रैक, रेल मंत्री को लिखा पत्र

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Published : Dec 1, 2022, 1:39 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने रासायनिक उर्वरकों की प्रदेश में आपूर्ति के लिए रेलवे से 12 अतिरिक्त रैक की मांग की है. ताकि प्रदेश के सुदूर गांव तक रासायनिक खादों की कमी ना हो और फसल बुवाई शुरू होने के पहले खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने रासायनिक उर्वरकों की प्रदेश में आपूर्ति के लिए रेलवे से 12 अतिरिक्त रैक की मांग की है. ताकि प्रदेश के सुदूर गांव में रासायनिक खादों की कमी ना हो. कई इलाकों से यह समाचार आ रहे हैं कि रबी फसल की बुआई के लिए खाद की कमी है. जबकि सरकार का दावा है कि उसके पास खाद की उपलब्धता जरूरत से 10 लाख मीट्रिक टन अधिक है.

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Uttar Pradesh Agriculture Minister Surya Pratap Shahi) ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश में रबी सीजन की समस्त फसलों की बुवाई का ही समय चल रहा है. रबी फसलों की बुवाई समयबद्ध कार्य है. इसलिए वर्तमान में राज्य के भीतर फास्फेटिक उर्वरकों की अत्यधिक मॉग है. उर्वरकों की ससमय आपूर्ति में रेलवे का महत्वपूर्ण सहयोग रहता है. इस को रबी में माह अक्टूबर एवं नवंबर में डीएपी की धीमी आपूर्ति के कारण प्रदेश के कई जनपदों में कृषकों को फसलों की बुवाई के समय सुगमतापूर्वक डीएपी की उपलब्धता कराने में कठिनाई अनुभव हो रही है. उर्वरक विनिर्माता/प्रदायकर्ता कंपनियों के द्वारा अवगत कराया गया कि पूर्वी पोर्ट का कीनाडा, कृष्णा पट्टनम, गंगावरम, वाई जैक एवं पारादीप से पर्याप्त संख्या में रैक्स की उपलब्धता न हो पाने के कारण आपूर्ति धीमी है. नवंबर में उपरोक्त पूर्वी पोर्ट से 149800 मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक आवंटन के सापेक्ष 27 नवंबर तक मात्र 82143 मीट्रिक टन की आपूर्ति हो सकी तथा 67657 मीट्रिक टन आपूर्ति हेतु अवशेष है.

जानकारी देते उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही.
मैसर्स इफको एवं पीपीएल के पारादीप प्लांट से तथा पूर्वीपोर्ट से डिस्पैच होने वाली रैक्स उडीसा एवं झारखंड में अत्यधिक स्टेबल होने के कारण 08 से 10 दिनों में गंतव्य तक पहुेच पा रही है. वर्तमान में औसतन 25 से 30 उर्वरक रैक्स प्रतिदिन ट्रांजिट में रहती है. इनकी न्यूनतम स्टेबिलिटी करते हुए शीघ्रता से गन्तव्य तक पहुंचाया जाना अतिआवश्यक है. सहकारिता क्षेत्र की मुख्य प्रदायकर्ता संस्था मैसर्स इफ्को के कांडला एवं पारादीप प्लांट से प्रतिदिन 3 से 4 रैक उपलब्धता कराया जाना आवश्यक है. तभी सहकारी समितियों पर अनवरत रूप से डीएपी उपलब्ध कराई जा सकेगी. उत्तर प्रदेश में रबी के सीजन में नवंबर से मार्च तक 64.94 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद की जरूरत होती है. जिसमें नवंबर में 29 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता है. उत्तर प्रदेश के संयुक्त निदेशक कृषि अनिल पाठक का कहना है कि हमारे पास 39 लाख मैट्रिक टन रासायनिक खाद इस माह के लिए उपलब्ध है. जिसका अर्थ हुआ कि करीब 10 लाख वितरित टन रासायनिक खाद सरप्लस है. तीन तरह की रासायनिक खाद डीएपी, यूरिया और एनपीके हैं. जिसमें से यूरिया की मांग 60% है और हम उसको आसानी से पूरा कर पा रहे हैं.

यह भी पढ़ें : सेना में भर्ती होने का सपना लेकर युवतियों ने लगाई दौड़, मार लिया मैदान

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने रासायनिक उर्वरकों की प्रदेश में आपूर्ति के लिए रेलवे से 12 अतिरिक्त रैक की मांग की है. ताकि प्रदेश के सुदूर गांव में रासायनिक खादों की कमी ना हो. कई इलाकों से यह समाचार आ रहे हैं कि रबी फसल की बुआई के लिए खाद की कमी है. जबकि सरकार का दावा है कि उसके पास खाद की उपलब्धता जरूरत से 10 लाख मीट्रिक टन अधिक है.

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Uttar Pradesh Agriculture Minister Surya Pratap Shahi) ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश में रबी सीजन की समस्त फसलों की बुवाई का ही समय चल रहा है. रबी फसलों की बुवाई समयबद्ध कार्य है. इसलिए वर्तमान में राज्य के भीतर फास्फेटिक उर्वरकों की अत्यधिक मॉग है. उर्वरकों की ससमय आपूर्ति में रेलवे का महत्वपूर्ण सहयोग रहता है. इस को रबी में माह अक्टूबर एवं नवंबर में डीएपी की धीमी आपूर्ति के कारण प्रदेश के कई जनपदों में कृषकों को फसलों की बुवाई के समय सुगमतापूर्वक डीएपी की उपलब्धता कराने में कठिनाई अनुभव हो रही है. उर्वरक विनिर्माता/प्रदायकर्ता कंपनियों के द्वारा अवगत कराया गया कि पूर्वी पोर्ट का कीनाडा, कृष्णा पट्टनम, गंगावरम, वाई जैक एवं पारादीप से पर्याप्त संख्या में रैक्स की उपलब्धता न हो पाने के कारण आपूर्ति धीमी है. नवंबर में उपरोक्त पूर्वी पोर्ट से 149800 मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक आवंटन के सापेक्ष 27 नवंबर तक मात्र 82143 मीट्रिक टन की आपूर्ति हो सकी तथा 67657 मीट्रिक टन आपूर्ति हेतु अवशेष है.

जानकारी देते उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही.
मैसर्स इफको एवं पीपीएल के पारादीप प्लांट से तथा पूर्वीपोर्ट से डिस्पैच होने वाली रैक्स उडीसा एवं झारखंड में अत्यधिक स्टेबल होने के कारण 08 से 10 दिनों में गंतव्य तक पहुेच पा रही है. वर्तमान में औसतन 25 से 30 उर्वरक रैक्स प्रतिदिन ट्रांजिट में रहती है. इनकी न्यूनतम स्टेबिलिटी करते हुए शीघ्रता से गन्तव्य तक पहुंचाया जाना अतिआवश्यक है. सहकारिता क्षेत्र की मुख्य प्रदायकर्ता संस्था मैसर्स इफ्को के कांडला एवं पारादीप प्लांट से प्रतिदिन 3 से 4 रैक उपलब्धता कराया जाना आवश्यक है. तभी सहकारी समितियों पर अनवरत रूप से डीएपी उपलब्ध कराई जा सकेगी. उत्तर प्रदेश में रबी के सीजन में नवंबर से मार्च तक 64.94 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद की जरूरत होती है. जिसमें नवंबर में 29 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता है. उत्तर प्रदेश के संयुक्त निदेशक कृषि अनिल पाठक का कहना है कि हमारे पास 39 लाख मैट्रिक टन रासायनिक खाद इस माह के लिए उपलब्ध है. जिसका अर्थ हुआ कि करीब 10 लाख वितरित टन रासायनिक खाद सरप्लस है. तीन तरह की रासायनिक खाद डीएपी, यूरिया और एनपीके हैं. जिसमें से यूरिया की मांग 60% है और हम उसको आसानी से पूरा कर पा रहे हैं.

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