लखनऊ. उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के निर्देश पर विद्युत उपभोक्ताओं की विभिन्न शिकायतों व समस्याओं के निराकरण के लिए सोमवार को प्रत्येक डिस्काम के जिला एवं सर्किल स्तर पर संभव पोर्टल की व्यवस्था के मुताबिक जनसुनवाई की गई. इसमें उपभोक्ताओं की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण किया गया. इस दौरान उपभोक्ताओं की बिलिंग, मीटर खराब, विद्युत आपूर्ति, लो बोल्टेज, ज्यादा बिल आने और कनेक्शन से संबंधित शिकायतों की सुनवाई की गई.
मध्यांचल डिस्काम के अन्तर्गत जनसुनवाई में बिलिंग संबंधी 658 शिकायतें आईं, जिसमें से 355 शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया. इसी प्रकार विद्युत आपूर्ति की 445 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिन्हें निस्तारित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि उपभोक्ताओं की समस्याओं का जड़ से निस्तारण करने के लिए संभव पोर्टल की व्यवस्था की गई है, अब प्रत्येक समस्या का गहन विश्लेषण कर समाधान किया जाएगा, जिससे कि भविष्य में उसी प्रकार की समस्या अन्य उपभोक्ताओं को न हो.
उन्होंने कहा कि संभव पोर्टल की व्यवस्था अनुसार प्रत्येक सोमवार को जिला स्तर पर अधिसाशी अभियन्ता सुबह 10 बजे से 12 बजे तक और सर्किल स्तर पर अधीक्षण अभियन्ता दोपहर तीन से शाम पांच बजे तक जनसुनवाई कर रहे हैं. प्रत्येक डिस्काम के सभी मुख्य अभियन्ता, निदेशक एवं प्रबंध निदेशक को जनसुनवाई कार्यक्रम का मौके पर जाकर निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए गए हैं, जिससे कि इस संवेदनशील कार्य को बेहतर ढंग से किया जा सके.
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ऊर्जा मंत्री ने निर्देशित किया है कि डिस्काम स्तर पर प्रबंध निदेशक मंगलवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक लोगों की समस्याएं सुनेंगे और मौके पर निस्तारण करने के निर्देश देंगे. जिले व सर्किल स्तर पर की गई जनसुनवाई की गुणवत्ता की संभव पोर्टल के माध्यम से मॉनीटरिंग भी करेंगे. उन्होंने निर्देशित किया है कि सभी प्रबंध निदेशक समस्याओं के निस्तारण में पूर्ण संवेदनशीलता, निष्ठा व पारदर्शिता का पालन करेंगे. कहीं से भी भेदभाव की शिकायत न आए.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जिला, सर्किल और डिस्काम स्तर पर आई जिन शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पायेगा ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए माह के तीसरे बुधवार को दोपहर 12 बजे से स्वयं ऊर्जा मंत्री और विभाग के उच्चाधिकारी सुनवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि सम्भव पोर्टल की टेक्नॉलोजी आधारित व्यवस्था से शिकायतों का निस्तारण मूल स्थान पर ही गुणवत्तापूर्ण ढंग से किये जाने के प्रयास किये जाएंगे और इसमें अधिकारियों व कर्मचारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी.
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