लखनऊ : उत्तर प्रदेश सेंटर फॉर रैकिंग एंड एक्रीडिटेशन मेंटरशिप (Uttar Pradesh Center for Ranking and Accreditation Mentorship) (उपक्रम) के माध्यम से नैक मूल्यांकन व एनआईआरएफ रैंकिंग (NAAC assessment and NIRF ranking) में बेहतर ग्रेड पाने के लिए 11 विश्वविद्यालयों ने पंजीकरण कराया है. उपक्रम की स्थापना प्रदेश सरकार की ओर से अपने यूनिवर्सिटी की रैंकिंग को बेहतर बनाने के साथ ही उनकी गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए की गई है.
उपक्रम की महानिदेशक प्रोफेसर पूनम टंडन (Director General of UPCRAM Professor Poonam Tandon) ने एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए अनिवार्य 5 में से चार क्राइटेरिया का डाटा राज्य विश्वविद्यालय से मांगा है. इसका अध्ययन कर तैयारी और बेस्ट डाटा प्रेजेंटेशन तैयार करने का प्रशिक्षण इन विश्वविद्यालयों को दिया जाएगा. प्रोफेसर टंडन ने बताया कि एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए अभी 7 नवंबर तक पंजीकरण का मौका था. लखनऊ विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के 11 विश्वविद्यालयों ने इसके लिए पंजीकरण करा लिया है. अब पंजीकरण की डेट बढ़ाकर 18 नवंबर था. हालांकि अभी भी केवल 11 विश्वविद्यालय ही इसके लिए तैयार हुए हैं.
प्रोफेसर पूनम टंडन (Professor Poonam Tandon) ने बताया कि एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए पांच क्राइटेरिया प्रमुख होते हैं. इनमें टीचिंग एंड लर्निंग रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस (Teaching and Learning Research and Professional Practice) के लिए 30%, ग्रेजुएशन आउटकम के लिए 20%, आउटरीच एंड इंलीसीवीटी के 10% और विश्वविद्यालय के प्रति विचार पर 10% वेटेज होता है. पहले 4 क्राइटेरिया का डाटा विश्वविद्यालयों से मांगा गया है. डेटा का अध्ययन करने के बाद चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के साथ चर्चा कर के राज विश्वविद्यालयों की एनआरएफ पोर्टल पर डाटा प्रेजेंटेशन किस तरह से किया जाए यह सिखाया जाएगा. इसके लिए पहले चरण की ट्रेनिंग 16 नवंबर को टीचिंग एंड लर्निंग मोड की दी जा चुकी है. अब 19 नवंबर को रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिसेज की ट्रेनिंग, 23 नवंबर को ग्रेजुएशन आउटकम की ट्रेनिंग व 23 नवंबर को आउटरीच एंड इंक्लूसीविटी की ट्रेनिंग होगी.
प्रोफेसर टंडन (Professor Tandon) ने बताया कि उपक्रम के माध्यम से सभी स्टेट विश्वविद्यालयों की हर तरह की रैंकिंग में मदद की जाएगी. हमारी कोशिश है कि हमारी सभी स्टेट यूनिवर्सिटी नेशनल और इंटरनेशनल हर तरह की रैंकिंग में जाए. इसके लिए उपक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों से लोगों को जोड़ा गया है. उनको हर तरह की अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है. हमारी कोशिश है कि विश्वविद्यालय की रैंकिंग सुधारने के साथ ही गुणवत्तायुक्त एजुकेशन, वर्ल्ड क्लास विश्वास आदि को कैसे बढ़ाया जाए, इस पर भी मदद की जाएगी. हम मौजूदा समय में स्टेट के 11 विश्वविद्यालयों लखनऊ विश्वविद्यालय, कानपुर विश्वविद्यालय, झांसी विश्वविद्यालय, मेरठ विश्वविद्यालय, चंद्र शेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय, रुहेलखंड विश्वविद्यालय, काशी विद्यापीठ अयोध्या कृषि विश्वविद्यालय व बांदा का कृषि विश्वविद्यालय को एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए भेज रहे हैं.
यह भी पढ़ें : डेंगू का कहर, अस्पतालों में रोजाना 500 यूनिट प्लेटलेट्स की खपत